Hindi, asked by amanagarwal0602, 3 months ago

chaar aano ka samahar samast pad and samaas viched​

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Answered by lavairis504qjio
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Explanation:

पद विग्रह पद विग्रह

त्रिभुवन तीन भुवनों का समाहार त्रिकाल तीन कालों का समाहार

चवत्री चार आनों का समाहार नवग्रह नौ ग्रहों का समाहार

त्रिगुण तीन गुणों का समूह पसेरी पाँच सेरों का समाहार

अष्टाध्यायी अष्ट अध्यायों का समाहार त्रिपाद तीन पादों का समाहार

पंचवटी पाँच वटों का समाहार त्रिलोक, त्रिलोकी तीन लोकों का समाहार

दुअत्री दो आनों का समाहार चौराहा चार राहों का समाहार

त्रिफला तीन फलों का समाहार नवरत्न नव रत्नों का समाहार

सतसई सात सौ का समाहार पंचपात्र पाँच पात्रों का समाहार

चतुर्भुज चार भुजाओं का समूह चारपाई चार पैरों का समाहार

तिरंगा तीन रंगों का समाहार अष्टसिद्धि आठ सिद्धियों का समाहार

चतुर्मुख चार मुखों का समूह त्रिवेणी तीन वेणियों का समूह

नवनिधि नौ निधियों का समाहार चवन्नी चार आनों का समाहार

दोपहर दो पहरों का समाहार पंचतंत्र पाँच तंत्रो का समाहार

सप्ताह सात दिनों का समूह त्रिनेत्र तीनों नेत्रों का समूह

दुराहा दो राहों का समाहार चतुर्वेद चार वेदों का समाहार

उत्तरपदप्रधानद्विगु

पद विग्रह पद विग्रह

दुपहर दूसरा पहर शतांश शत (सौवाँ) अंश

पंचहत्थड़ पाँच हत्थड़ (हैण्डिल) पंचप्रमाण पाँच प्रमाण (नाप)

दुसूती दो सूतोंवाला दुधारी दो धारोंवाली (तलवार)

बहुव्रीहि (समानाधिकरणबहुव्रीहि)

पद विग्रह पद विग्रह

प्राप्तोदक प्राप्त है उदक जिसे दत्तभोजन दत्त है भोजन जिसे

पीताम्बर पीत है अम्बर जिसका जितेन्द्रिय जीती है इन्द्रियाँ जिसने

निर्धन निर्गत है धन जिससे मिठबोला मीठी है बोली जिसकी (वह पुरुष)

चौलड़ी चार है लड़ियाँ जिसमें (वह माला) चतुर्भुज चार है भुजाएँ जिसकी

दिगम्बर दिक् है अम्बर जिसका सहस्त्रकर सहस्त्र है कर जिसके

वज्रदेह वज्र है देह जिसकी लम्बोदर लम्बा है उदर जिसका

दशमुख दश है मुख जिसके गोपाल वह जो, गौ का पालन करे

सतसई सात सौ का समाहार पंचपात्र पाँच पात्रों का समाहार

चतुर्वेद चार वेदों का समाहार त्रिलोचन तीन है लोचन जिसके अर्थात शिव

कमलनयन कमल के समान है नयन जिसके अर्थात विष्णु गिरिधर गिरि (पर्वत) को धारण करने वाला अर्थात श्री कृष्ण

गजानन गज के समान आनन (मुख) वाला अर्थात गणेश घनश्याम वह जो घन के समान श्याम है अर्थात श्रीकृष्ण

चक्रधर चक्र धारण करने वाला अर्थात विष्णु चतुर्मुख चार है मुख जिसके, वह अर्थात ब्रह्मा

नीलकंठ नीला है जो कंठ अर्थात शिव पंचानन पाँच है आनन (मुँह) जिसके अर्थात वह देवता

बारहसिंगा बारह हैं सींग जिसके वह पशु महेश महान है जो ईश अर्थात शिव

लाठालाठी लाठी से लड़ाई सरसिज सर से जन्म लेने वाला

कपीश कपियों में है ईश जो- हनुमान खगेश खगों का ईश है जो वह गरुड़

गोपाल गो का पालन जो करे वह, श्रीकृष्ण चक्रपाणि चक्र हो पाणि (हाथ) में जिसके वह विष्णु

चतुरानन चार है आनन जिनको वह, ब्रह्मा जलज जल में उत्पन्न होता है वह कमल

जल्द जल देता है जो वह बादल नीलाम्बर नीला अम्बर या नीला है अम्बर जिसका वह, बलराम

मुरलीधर मुरली को धरे रहे (पकड़े रहे) वह, श्रीकृष्ण वज्रायुध वज्र है आयुध जिसका वह, इन्द्र

व्यधिकरणबहुव्रीहि

पद विग्रह पद विग्रह

शूलपाणि शूल है पाणि में जिसके चन्द्रभाल चन्द्र है भाल पर जिसके

वीणापाणि वीणा है पाणि में जिसके चन्द्रवदन चन्द्र है वदन पर जिसके

तुल्ययोग या सहबहुव्रीहि

Answered by shibsji
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Answer:

चवत्री चार आनों का समाहार

Explanation:

idk

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