"chalti ka nam gadi" Small essay
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करन को एक ऐसी गाड़ी मिलती है, जो उससे बात करती है। उसकी आवाज केवल करन को ही सुनाई देती है। जब जब वह किसी परेशानी में पड़ जाता है, तब तब उसे गाड़ी कोई सुझाव दे देता है। जिसके बाद उसकी समस्या का समाधान हो जाता है। मुख्यतः समाधान का हल गाड़ी से जुड़ा होता है।
Answer:
गाड़ी का स्वभाव है चलना। चलने के गुण के कारण ही गाड़ी ‘गाड़ी’ कहलाती है। इसका संकेत-अर्थ यह है कि जिस व्यक्ति के जीवन में गति और हलचल होती है, उसी का जीवन सफल होता है। गति और हलचल का अर्थ है – नए-नए कर्म और लक्ष्य। लक्ष्य के अनुसार कर्म करते रहना सफल जीवन की निशानी है। ऐसा कर्मवीर व्यक्ति प्रसन्न, संतुष्ट और आनंदित रहता है।
उसे सदा इस बात की खुशी रहती है कि उसने अपनी इच्छा, शक्ति और योग्यता के अनुसार कार्य किया। समय को व्यर्थ नहीं आँवाया। इसी से जीवन स्वस्थ बना रहता है। जैसे रुका हुआ जल दुर्गंधमय हो जाता है। इसी प्रकार गतिहीन जीवन भी शिथिल, जड़ और स्वादहीन होता है। अतः जीवन का स्वाभाविक स्वाद पाने के लिए चलते रहो, कर्म करते रहो। जड़ मत बनो। परंतु यह भी सोचो कि क्या हर प्रकार का चलना सार्थक है? नहीं। चलना वही, जो जीवन को सुपथ पर आगे बढ़ाए। इसके लिए आवश्यक है – निष्काम कर्म।
समय को व्यर्थ नहीं आँवाया। इसी से जीवन स्वस्थ बना रहता है। जैसे रुका हुआ जल दुर्गंधमय हो जाता है। इसी प्रकार गतिहीन जीवन भी शिथिल, जड़ और स्वादहीन होता है। अतः जीवन का स्वाभाविक स्वाद पाने के लिए चलते रहो, कर्म करते रहो। जड़ मत बनो। परंतु यह भी सोचो कि क्या हर प्रकार का चलना सार्थक है? नहीं। चलना वही, जो जीवन को सुपथ पर आगे बढ़ाए। इसके लिए आवश्यक है – निष्काम कर्म।