Hindi, asked by swati9180, 11 months ago

chand ke uper kahani

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Answered by Harshittiwari2004
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Ganesh ka Chandrama ko shrap : गणेश का चन्द्रमा को श्राप कथा/कहानी
एक बार गणेश जी सत्यलोक से विचरण करते हुए चन्द्र लोक में जा पहुचें। वहाँ रुपशाली चन्द्रमा ने गणेशजी के ऐसे हास्य -योग्य रूप को देखा जिसमे उनकी लम्बी सूंड,सूप के समान कान लम्बे दन्त ,बड़ी तोंद और चूहे के वाहन पर आसीन है। उस चूहे पर से गणेश जी धड़ाम से गिर पड़े। जब गणेश जी गिरे तो उनके रूप को देखकर अभिमानवश चन्द्रमा को हँसी आ गई। चन्द्रमा के हँसने से गणेशजी कुपित हो गए और उन्होंने चंद्रमा को शाप दिया कि आज से शुक्ल चतुर्थी के दिन जो व्यक्ति भूल से भी तुम्हारे मुख को देख लेगा उसे अवश्य कलंकित होना पड़ेगा।



ऐसा शाप सुनकर चन्द्रमा का मुख मलिन हो गया तथा वे जल में प्रविष्ट हो गये और वहीँ निवास करने लगे। सभी देव,ऋषि और गन्धर्व दुखी और चिंतित होकर ब्रह्मा जी के पास गए उन्हें चन्द्रमा के शाप का वृत्तान्त सुना कर शाप मुक्तहोने का उपाय पूछा तव ब्रह्मा जी कहा ,हे देवताओ गणेश जी के दिए शाप को कोई भी नहीं काट सकता इसलिए आप लोग गणेश जी की ही शरण में जायें।



इस पर देवों ने पूछा कि गणेश को प्रसन्न करने उपाय बताएं तब ब्रह्माजी ने कृष्ण चतुर्थी की रात्रि में गणेशजी का पूजन करने की विधि बताई। देव गुरु बृहस्पति जी ने चन्द्रमा के पास जाकर ब्रह्मा जी द्वारा बताई विधि का वर्णन किया ,उस विधि के अनुसार कृष्ण चतुर्थी का व्रत व पूजन किया और स्तुति की।
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