Hindi, asked by bhavi6, 1 year ago

chand poems in Hindi

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Answered by shreyatripathi
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1। चंदा मामा गोल मटोल,
कुछ तो बोल, कुछ तो बोल
कल थे आधे आज हो गोल
खोल भी दो अपनी पोल
रात होते ही तुम आ जाते
संग अपने ढेरों सितारें लाते
लेकिन दिन में कहा छुप जाते
कुछ तो बोल, कुछ तो बोल।


2। हट कर बैठा चाँद एक दिन माता से यूँ बोला,
सिलवा दो माँ मुझे ऊँन का एक झिंगोला।
सन सन चलती हवा रात भर , जाड़े से मरता हूँ,
ठिठुर ठिठुर कर किसी तरह यात्रा पूरी कराता हूँ।
आसमान का सफर और ये मौसम है जाड़े का,
ना हो अगर तो ला दो मुझे कुर्ता एक भाड़े का।
बच्चे की सुन बात , कहा माता ने अरे मेरे सलोने,
कुशल करे भगवान लगे न तुझको जादू टोने।
जाड़े की तो बात ठीक है, पर मैं तो डरती हूँ,
एक नाप मैं तुझको कभी नही देखा करती हूँ।
कभी एक अंगुल भर चौड़ा, कभी एक फुट मोटा,
बड़ा किसी दिन हो जाता है और किसी दिन छोटा।
घटता बढ़ता रोज़ किसी दिन ऐसा भी करता है,
नही किसी के आंखों को भी दिखलाई पड़ता है।
अब तू ही बता यह बात की नाप तेरा किस रोज़ लिवाएँ?
सी दे एक झिंगोला जो हर दिन तेरे बदन में आये?

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