Chandrayaan mohim par apne vichaar vyakt kijiye
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चंद्रयान मुहिम
चंद्रयान मुहिम हमारे देश के लिए एक गौरव का विषय है। सन 2008 में जब चंद्रयान-1 मुहिम को शुरू किया गया था और चंद्रयान-1 को अंतरिक्ष में भेजा गया था, तब यह मुहिम पूरी तरह सफल रही थी और 14 नवंबर 2008 को जब आर्बिटर का मून इंपैक्ट प्रोब जब चंद्र सतह पर उतरा तो हमारा भारत चंद्रमा पर अपना झंडा गाड़ने वाला चौथा देश बन गया। यह हमारे लिए बेहद गर्व का विषय था इसी से प्रेरित होकर चंद्रयान-2 मुहिम को शुरू किया गया। चंद्रयान दो यह भी चंद्रयान-1 की भांति एक मानव रहित अभियान था। चंद्रयान-2 को 22 जुलाई 2019 को श्रीहरिकोटा रेंज से सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया था। 7 सितंबर को चंद्रयान-2 अभियान का लैंडर विक्रम और जिसमें रोवर प्रज्ञान भी था, दोनों चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाले थे लेकिन अंतिम क्षणों में संपर्क टूट जाने के कारण यह लैंडिंग पूरी तरह सफल नहीं हो पाई। उसके बावजूद भी यह मिशन 95% सफल रहा और हमारे ‘इसरो’ ने चंद्रयान की कक्षा में अपने आर्बिटर को सफलतापूर्वक स्थापित करने में सफलता पाई थी। भले ही लैंडर विक्रम चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतर नहीं पाया हो तो भी हमारा यह मिशन हमारे लिए गौरव का एहसास कर जाता है। यदि हमारा लैंडर विक्रम सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर उतर गया होता तो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अपना यान उतारने वाला भारत विश्व का पहला देश बन गया होता। लेकिन ऐसा नहीं हो सका तो भी हमारे देश का हौसला नहीं टूटा और पूरा देश इस ‘इसरो’ के साथ है कि अगले चंद्रयान-3 मिशन को पूरी तरह सफल बनाएं और देश के लिए दौरान गौरान्वित पल अर्जित करें