chapla Devi Jivan Parichay
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hai!!
dear friend ***!!
here is ur answer **
द्विवेदी युग की लेखिका चपला देवी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाए स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान पुरुष लेखकों के साथ-साथ अनेक महिलाओं ने भी अपने-अपने लेखन से आजादी के आंदोलन को गति दी उनमें से एक लेख का चपला देवी भी रही है कई बार अनेक रचनाकार इतिहास में दर्ज होने से रह जाते हैं चपला देवी भी उन्ही में से एक हैं
यह एक एतिहासिक सच्चाई है कि सन 18 सो 57 की क्रांति के विद्रोही नेता धुंधूपंत नाना साहब की पुत्री बालिका मैना आजादी की थी जिसे अंग्रेजों ने जलाकर मार डाला बालिका के बलिदान की रचना में प्रस्तुत किया है याद रचना शैली में लिखी गई है उसे हम आज का प्रारंभिक खा सकते हैं
************__________________________
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( मातृभूमि की स्वतंत्रता और उसकी रक्षा के लिए जिन्होंने अपने प्राण न्योछावर कर दिए उनके जीवन का उत्कृष्ट हमारे लिए गौरव और सम्मान की बात है उस गौरवशाली किंतु विस्मृत परंपरा से किशोर पीढ़ी को परिचित कराने के उद्देश्य से इस रचना को हिंदू पंच के बलिदान अंक से लिया गया है हिंदी गद्य के प्रारंभिक उर्दू को विद्यार्थी जान पाए इसलिए इस घटना को मुद्रण और वर्तनी में बिना किसी परिवर्तन के विकल्प प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है)
I hope it's help you *****
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यह एक एतिहासिक सच्चाई है कि सन 18 सो 57 की क्रांति के विद्रोही नेता धुंधूपंत नाना साहब की पुत्री बालिका मैना आजादी की थी जिसे अंग्रेजों ने जलाकर मार डाला बालिका के बलिदान की रचना में प्रस्तुत किया है याद रचना शैली में लिखी गई है उसे हम आज का प्रारंभिक खा सकते हैं
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( मातृभूमि की स्वतंत्रता और उसकी रक्षा के लिए जिन्होंने अपने प्राण न्योछावर कर दिए उनके जीवन का उत्कृष्ट हमारे लिए गौरव और सम्मान की बात है उस गौरवशाली किंतु विस्मृत परंपरा से किशोर पीढ़ी को परिचित कराने के उद्देश्य से इस रचना को हिंदू पंच के बलिदान अंक से लिया गया है हिंदी गद्य के प्रारंभिक उर्दू को विद्यार्थी जान पाए इसलिए इस घटना को मुद्रण और वर्तनी में बिना किसी परिवर्तन के विकल्प प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है)
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Hope it helps you...
Please thank to my answers...
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