character sketch of hamid in the story idgah in hindi
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ईदगाह' भारत के महान कहानीकार मुंशी प्रेमचंद की एक कहानी का किरदार है। एक कम उम्र का लड़का जिसके मां-बाप की मौत हो चुकी है, अपनी दादी के पास रहता है।
हामिद, 4 साल का, एक बहुत गरीब लड़का है। वह अपनी दादी (दादी) अमीना के साथ रहता है। हामिद ने अपने माता-पिता को तब खो दिया था जब वह एक शिशु था। उनकी वृद्ध दादी, अमीना, दूसरों के लिए सुई का काम करके अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करती हैं। हामिद दिल से अपनी दादी को बहुत प्यार करता था और उसका दिन बहुत भावुक था |
Character Sketch of Hamid in story ‘IDGAH’
There is a lot of qualities in the character of Hamid of IDGAH Story. Hamid's age is between 4 to 5 years but he looks more intelligent than his age. the older age person can show the kind of understanding he has seen. Thus, he is much ahead of his age.
In his nature there is love for his grandmother, he is sensitive, he understands the importance of money and does not spend money like other children. He knows that his grandmother is poor and therefore he wishes to spend money wisely.
When he is ridiculed by his friends, he does not panic at all and he remains calm.
Hamid has a cleverness inside, he knows that he has less money and when his friends spend money in sweets - toys, etc., he tells them about the disadvantage of toys and sweets, and protects himself from being embarrassed by hiding his poverty in front of friends.
Hamid is very passionate and convincing and he is going to love his grandmother. When he saw that his grandmother makes ROTI without a CHIMTA, because of which his grandmother gets burnt her hand, then for the convenience of his grandmother, he buys a CHIMTA for his grandmother from the money which his grandmother gave him for toys and sweets.
All these things show his sense, sensitivity, and love towards his grandmother.
Thus Hamid is a wise, calm, economical and sensitive boy.
‘ईदगाह’ कहानी के हामिद का चरित्र-चित्रण
ईदगाह कहानी के हामिद का चरित्र में बहुत सारी विशेषताएं हैं। हामिद की आयु यूं तो 4 से 5 वर्ष के बीच है परंतु वह अपनी उम्र से ज्यादा समझदार दिखता है जिस तरह की समझदारी उसने दिखाई वैसी समझदारी तो बड़ी आयु के लोग ही दिखा सकते हैं। इस प्रकार वो अपनी आयुकाल से बहुत आगे है।
उसके मन में अपनी दादी के प्रति प्रेम है, संवेदना है, वह पैसे के महत्व को समझता है और अपनी आयु के अन्य बच्चों की तरह पैसों को अपनी मौज मस्ती में खर्च नही करता। उसे मालूम है कि उसकी दादी गरीब है और इसलिए वो पैसे समझदारी से खर्च करता है। जब उसके मित्र उसके दोस्त उसका मजाक उड़ाते हैं तो वह बिल्कुल भी घबराता नहीं है और शांत रहता है।
हामिद के अंदर चतुराई भी है, वह जानता है कि उसके पास कम पैसे हैं और उसके दोस्त जब पैसे मिठाई-खिलौनों आदि में पैसे खर्च करते हैं तो वो खिलौनों और मिठाई की बुराइयां बताकर दोस्तों के सामने अपनी निर्धनता छुपाकर स्वयं को शर्मिंदा होने से बचा लेता है।
हामिद बेहद भावुक और संवदेशील है और वो अपनी दादी से प्रेम करने वाला है। जब वो ये देखता है कि उसकी दादी बिना चिमटे के रोटी बनाती है जिस कारण उसकी दादी के हाथ जल जाते हैं तो वह अपनी दादी की सुविधा के लिए दादी द्वारा मेले में उसको खाने-खिलौने के लिए दिये गये पैसों से चिमटा खरीद लेता है।
यह सब बातें उसकी समझदारी, संवेदनशीलता और अपनी दादी के प्रति प्रेम को दर्शाती हैं। इस प्रकार हामिद एक समझदार, शांत, मितव्ययी और संवेदनशील लड़का है।