Character sketch of jhuri ,gya and hi wife from do bailon ki Katha class 9
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Explanation: झूरी
झूरी को अपने बैलों हीरा - मोती से बहुत प्यार था | वह सहृदय एवं संवेदनशील किसान था | हीरा-मोती की देखभाल झूरी बहुत अच्छे से करता था | पशु मूक होते है | हीरा और मोती भी पशु थे परंतु झूरी का उनसे इतना अपनापन और लगाव था कि वह उनकी मौन भाषा को आसानी से समझ जाता था | झूरी निष्कपट तथा सरल मन का भीरु इंसान था | वह अपनी पत्नी से डरता है किन्तु जब उसके बैल उसके साले के यहाँ से भागकर आ गए तो उसने स्नेह से गद्गद् होकर उन्हें गले लगा लिया और अपने बैलों का ही पक्ष रखा | कहानी के अंत में भी अपने बैलों को पुन: पाकर वह निहाल हो जाता है |
झूरी की स्त्री
झूरी की स्त्री एक घरेलू स्वभाव की रोबीली महिला है | वह नफा - नुकसान भली -भाँति समझती है | एक आम स्त्री की तरह वह हीरा-मोती से अधिक अपने भाई की तरफदारी करती है | झूरी और उसके बैलों को खरी-खोटी सुनाने और बैलों को सजा देने से वह नहीं चूकती | कहानी के अंत में उसका मानवीय पक्ष भी लेखक ने उजागर किया है |
गया
गया, झूरी का साला है | वह निर्दयी, स्वार्थी तथा हिंसक वृत्ति का है | अपना काम करवाने के लिए वह झूरी के बैल दो बार लेकर जाता है | उसे बैलों से खाली काम करवाने से मतलब है | वह हीरा -मोती के खाने -पीने का भी ध्यान नहीं रखता है | उन्हें सूखा चारा डालता है और काम नहीं करने पर बहुत मारता है |
Answer is in the image.