History, asked by nerajjain7402, 9 months ago

Chawal gyankosh ka prarambh kis rajya mein kiya gaya

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Answered by nawabzadi23
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Explanation:

नहरा चावल (गोल्डन चावल) औरिजा सैटिवा चावल का एक किस्म है जिसे बेटा-कैरोटिन, जो खाने वाले चावल में प्रो-विटामिन ए का अगुआ है, के जैवसंश्लेषण के लिए जेनेटिक इंजिनियरिंग के द्वारा बनाया जाता है।[1] चावल के वैज्ञानिक विवरण पहली बार 2000 साल में साइंस में प्रकाशित हुए थे।[1] सुनहरे चावल का विकास उन क्षेत्रों में उपयोग करने के लिए किया गया जिन क्षेत्रों में आहार के रूप में ग्रहण किए जाने वाले विटामिन ए की कमी है।[2] 2005 में एक नए किस्म के चावल सुनहला चावल-2 की घोषणा की गई जो सुनहले चावल की तुलना में 23 गुना ज्यादा बेटा-कैरोटिन पैदा करता है।[3] वर्तमान में मानव के उपभोग के लिए उनमें से कोई भी किस्म उपलब्ध नहीं है। हालांकि गोल्डेन चावल का विकास मानवीय उपयोग के लिए किया गया था लेकिन इसे पर्यावरण से जुड़े और भूमंडलीकरण के विरोधी कार्यकर्ताओं के भारी विरोध का सामना करना पड़ा.

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Answered by halamadrid
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■■ चावल ज्ञानकोष का प्रारंभ सबसे प्रथम असम में हुआ था।■■

●चावल ज्ञानकोष एक कृषी संबंधित वेब पोर्टल है, जिसका मुख्य उद्देश्य है:

★चावल उत्पादन तकनीक ,सबसे उत्तम उत्पादन प्रथाओं, कृषि संबंधी तथ्यों की जानकारी को बढ़ावा देना।

★अनुसंधान और खेतों में उपयोग किए जानेवाले चावल उत्पादन प्रथाओं के बीच की दूरी कम करना।

●यह वेबसाइट एक डिजिटल सेवा है जो असम में छोटे पैमाने पर खेती करनेवाले किसानों को खेती से संबंधित वास्तविक उपाय उपलब्ध कराती है।

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