छिप छिप अश्रु बहाने वालों मोती व्यर्थ लुटाने वाले में कौन सा अलंकार है
Answers
‘छिप छिप अश्रु बहाने वालों मोती व्यर्थ लुटाने वालों’ में “पुनरुक्ति प्रकाश” अलंकार है।
‘छिप छिप अश्रु बहाने वालों मोती व्यर्थ लुटाने वालों’
अलंकार ► पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार
स्पष्टीकरण:
इस पंक्ति में ‘छिप छिप’ शब्द की दो बार लगातार आवृत्ति हुई है। ‘पुनरुक्ति प्रकाश’ अलंकार में किसी शब्द की लगातार दो बार आवृत्ति होती है। दोनों बार शब्द का अर्थ समान ही होता है। काव्य की उस पंक्ति को वजनदार बनाने के लिये किसी समान अर्थ वाले शब्द को लगातार दो बार प्रयुक्त किया जाता है।
‘पुनरुक्ति प्रकाश’ अलंकार में पुनरुक्ति शब्द दो शब्दों से मिलकर बनता है, पुनः + उक्ति। यानि शब्दो का दोहराव। पुनरुक्ति अलंकार में जब किसी काव्य में कोई शब्द लगातार दो बार दोहराया जाता है। जब किसी काव्य में प्रभाव लाने के लिए शब्दों को दोहराया जाता है तो वहां ‘पुनरुक्ति अलंकार’ की उत्पत्ति होती है।
उदाहरण के लिए...
धीरे धीरे याद आती है उनकी मुझे
वह मधुर पल सुहाने सपनों।
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