छाते की
आत्मका in hindi
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i m writing in notebook
मैं 3 जुलाई के दिन इस संसार में जन्मा था | जिस व्यक्ति ने मुझे बनाया था वह बहुत ही समझदार व्यक्ति था| मैं व्यक्ति मुझे बार-बार घूरता और फिर एक जगह पर रख देता कुछ दिन तक ऐसा ही चलता रहा लेकिन फिर एक दिन उस व्यक्ति ने मुझे बाजार में बेचने के लिए भेज दिया| फैक्ट्री से बाजार तक पहुंचने का सफर बहुत ही थका देने वाला था क्योंकि मैं सही से बंद नहीं हो पाया था| जब से मैं पैदा हुआ था मैं हमेशा से सबसे अलग था| तब कहीं जाकर मेरी बाजार तक पहुंचने की यात्रा पूर्ण हुई| रास्ते में आते समय मैंने अपने कई सारे दोस्त की बना लिए थे| परंतु ना जाने क्यों अब मुझे डर सा लगने लगा था कि कहीं मैं उन दोस्तों को खो ना दू| फिर सभी छातों को धीरे ट्रक से उतारा गया| सभी छात्रों को एक बार खोल कर चेक किया गया| परंतु उसमें कुछ ऐसे छाते भी थे जो टूट चुके थे| अब उनका कोई काम नहीं था| सभी छातों को उतारकर गोदाम में रखवा दिया गया| मैं अभी भी बहुत खुश था क्योंकि मेरे दोनों प्रिय दोस्त मेरे साथ ही थे| लगभग 4 दिन बाद हमें गोदाम से निकाल कर दुकान पर रखवा दिया गया| जिस डिब्बे में मैं और मेरे दोस्त थे वह डिब्बा सबसे ऊपर रखा गया| जब भी कोई ग्राहक आता तो सबसे पहले हमारा ही डिब्बा खुलता और उसमें से दो या तीन छातों को निकाल कर उन्हें दिखाया जाता| अब 1 दिन ऐसा आ गया था जब डिब्बे में सिर्फ मैं और मेरे दो दोस्त बचे हुए थे| हम लोगों ने मन में यह ठान लिया था कि अब तो हम तीनों को बिछड़ना ही होगा| अचानक ही दुकान पर एक लड़की आ जाती है| लड़की देखने में बहुत सीधी-सादी सी होती है| लड़की ने दुकानदार से कहा कि मुझे छाता चाहिए| यह सुनते ही मैं और मेरे दो दोस्त बहुत डर गए| तो दुकानदार ने हम तीनों को बाहर निकाल कर रख दिया और कहा कि मेरे पास यह 3 तरीके के छाते हैं आपको जो भी अच्छा लगे आप उसे रख लीजिए| उसके इतना कहते ही हम तीनों ने एक दूसरे से अंतिम बार कहा कि अपना ध्यान रखना और हमें कभी मत भूलना| लेकिन पता नहीं उस लड़की के मन में क्या ख्याल आया उसने हम तीनों को एक साथ खरीद लिया| अब तो ऐसा लग रहा था जैसे कि पता नहीं क्या ही हो गया हो| यह बात सुनकर हम तीनों बहुत खुश हुए| लड़की ने जब हम तीनों को घर में ले जाकर रखा तो उसके एक दिन बाद ही बारिश होनी शुरू हो गई| यह बारिश में मेरा पहला अनुभव था| उस लड़की ने मुझे खोला और अपने सर के ऊपर लगा लिया| वह लड़की मुझे लेकर बहुत खुश थी परंतु ना जाने क्यों मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं उसे पूरी तरह बचा नहीं पा रहा हूं| क्योंकि मैं उसके सिर्फ सर को बचा पा रहा था उसके पैर बहुत बुरी तरह गीले हो चुके थे अब वह अपने ऑफिस पहुंची और बाहर हि मुझे छोड़ दिया| मुझे अपने दोस्तों की बहुत याद आ रही थी तभी अचानक उस लड़की के पास एक लड़की आती है और कहती है कि मैं आपका छाता खरीदना चाहती हूं| परंतु मेरी मालकिन ने तुरंत ही मना कर दिया कि मैं आपको या छाता नहीं दे सकती यह सुन कर मेरे मन को थोड़ी तसल्ली हुई| यूं ही करते करते पूरा महीना बीत गया और अब सर्दियां आ चुकी थी अब मेरा कोई काम नहीं था| मेरी मालकिन ने मुझे उठाया और अलमारी में रख दिया जब दोबारा अलमारी खुली तो पूरा साल बीत चुका था| फिर से बारिश का मौसम आने वाला था अचानक फिर एक दिन बारिश पड़ी| और मेरे मालकिन मुझे अपने सर पर लगाए मेरे दोनों दोस्तों को एक हाथ में पकड़ कर बाहर ले गई| उसने मेरे दोस्तों को गरीबों को दे दिया| यह देख कर मुझे थोड़ी खुशी हुई पर मैं मन ही मन बहुत दुखी भी था| क्योंकि शायद मैं अपने दोस्तों से अब कभी ना मिल पाता| फिर वह लड़की ऑफिस पहुंची और तब तक बारिश थम चुकी थी| वापस आते समय उसने देखा की एक और गरीब वहीं पर सड़क किनारे बैठा हुआ है| उसने मुझे उस गरीब को दे दिया| मैंने ऐसे ही कहीं गरीब लोगों की सहायता की और अंत में अपने बचे कुचे पूरजो को दूसरे छाते बनाने के लिए दान दे दिया| इस तरह मेरा अस्तित्व इस दुनिया से खत्म हुआ|
Explanation:
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