छातों मे बढ़ती अनुसाशनहीनता पर निबंध
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अनुशासन एक ऐसी खूबी है जो किसी भी छात्र के जीवन के लिए अत्याधिक महत्वपूर्ण है, बिना अनुशासन के एक छात्र का जीवन व्यर्थ है।
केवल विद्यालय में ही नहीं बल्कि एक छात्र को पूरी तरह अनुशासित रहना चाहिए, चाहे वह घर पर हो या कहीं बाहर। विद्यार्थी जीवन में अपनाया गया व्यवहार और अनुशासन पूरे जीवन के लिए लाभदायक होता है।
लेकिन आज के समय में छात्र अनुशासन की महत्ता को भूलते जा रहे हैं और बिल्कुल ही अनुशासनहीन हो रहे हैं। आजकल के छात्रों में ना ही अध्यापकों के प्रती कोई इज़्ज़त सम्मान है और ना ही वह किसी भी नियम को तोड़ने में हिचकिचाते हैं। जब छात्र विद्यालय के ही नियम कानूनों को मानने में अक्षम हैं तो ऐसे छात्रों से क्या उम्मीद की जा सकती है की वह आगे चलकर समाज के हित के लिए बने नियमों का पालन और उनकी रक्षा करेंगे।
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