छात्र को आत्मनिर्भर बनाने में आवासीय विद्यालय की भूमिका " विषय पर लगभग 150 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए।
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छात्र को आत्मनिर्भर बनाने में आवासीय विद्यालय की भूमिका
छात्र को आत्मनिर्भर बनाने में आवासीय विद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आवासीय विद्यालय वे विद्यालय होते हैं, जहाँ छात्र अपने घर से दूर रहकर पढ़ाई करते हैं। आवासीय विद्यालयों का वातावरण अनुशासित होता है, जहाँ छात्र को अधिकतर कार्य स्वयं करने पड़ते हैं।
आवासीय विद्यालयों में विद्यार्थी का जीवन नियम एवं अनुशासन से बंधा होता है। जहाँ पर सोने से लेकर खाने तक का समय निश्चित होता है। यहाँ पर घर जैसी सुख सुविधाएं नहीं उपलब्ध होती हैं, बल्कि सीमित सुविधा होती है। इस कारण विद्यार्थी को बहुत से कार्य स्वयं करने पड़ते हैं। ऐसे वातावरण में रहकर विद्यार्थी वह अपना कार्य स्वयं करने की आदत पड़ जाती है और उसके अंदर आत्मनिर्भरता के गुण विकसित होते हैं, क्योंकि वह अपने व्यक्तिगत कार्यों के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहता।
घर में रहने पर विद्यार्थी के बहुत से कार्य उसके माता-पिता भाई-बहन आदि कर देते हैं, इस कारण वह घर के वातावरण में लापरवाह हो सकता है, लेकिन आवासीय विद्यालय में ऐसा संभव नहीं हो पाता और उसे अपने सारे निजी कार्य स्वयं करने पड़ते हैं जो कि उस को आत्मनिर्भर बनाने में योगदान देते हैं। इस कारण आवासीय विद्यालय में रहने वाले अधिकतर छात्र स्वयं कार्य करने के अभ्यस्त हो जाते हैं और उनका यह गुण जीवन में उनको आत्मनिर्भर बनाने में योगदान देता है।
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