छात्र और शिक्षक के बीच शिक्षा का महत्व पर संवाद
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शिक्षक और विद्यार्थी के बीच संवाद
शिक्षक: आदित्य तुम रोज स्कूल से इतनी छुट्टी क्न्यु करते हो.
विद्यार्थी: सर मेरा मन नहीं करता स्कूल आने का.
शिक्षक: आदित्य क्या हुआ क्न्यु तुम्हारा मन नहीं करता आने का.
विद्यार्थी: मेरे दोस्त ने स्कूल बदल दिया, और किसी और स्कूल में दाखिला ले लिया अब मेरा मन नहीं करता.
शिक्षक: ये क्या बात हुई इस तरह नहीं करते तुम्हें अपना देखना और अपनी पढ़ाई की और ध्यान देना है दोस्त और बन जाएंगे.
विद्यार्थी: हां जी सर.
शिक्षक: अभी तो पढ़ाई का समय है इसे खराब मत करो वरना पूरी उमर रोना पड़ेगा. पढ़ाई हमारे लिए बहुत जरूरी है.
विद्यार्थी: सर मैं समझ गया अब मैं रोज़ स्कूल आऊंगा और मन लगा के पढ़ाई करूंगा.
शिक्षक: ठीक है। मैं तुम्हें एक मौका दे रहा हूँ.
विद्यार्थी: धन्यवाद सर!
Answer:
शिक्षक : सुनील, तुम नौवी कक्षा उत्तीर्ण करके दसवीं में तो आ गए हो, लेकिन तुम्हे दसवीं में बहुत मेहनत करनी होगी ।
सुनील : जी मास्टर जी । मैं खूब मन लगा कर दसवीं की तैयारी करूँगा |
शिक्षक : देखो तुम अंग्रेजी में बहुत कमजोर हो । गणित और विज्ञान में तुम इतने अच्छा करते हो तो अंग्रेजी में क्यों नहीं मेहनत करते ?
सुनील : जी मेरी पहले की पढ़ाई गाँव से हुई है । वहाँ तो हमने अंग्रेजी के अक्षर की पहचान ही पांचवी में की थी और आठवीं कक्षा में मैं इस विद्यालय में आ गया जहाँ सारे बच्चे पहली कक्षा से ही अंग्रेजी पढ़ रहे हैं । इसलिए मुझे थोडा समय लगता है अंग्रेजी समझने में ।
शिक्षक : तो तुम अपने माता-पिता से क्यों नहीं कहते अंग्रेजी की ट्यूशन के लिए ?
सुनील : मास्टर जी, पहले ही मेरे पिताजी मुझे शहर में पढ़ाने का इतना खर्चा उत्ता रहे हैं और ऊपर से उन्हें ट्यूशन के लिए कहना मुझे अच्छा नहीं लगता । मेरा एक छोट भाई भी है और कुछ समय उसे भी वे मेरे साथ शहर पढ़ने भेज देंगे । तो आप ही बताइये ऐसे में मैं उन्हें ट्यूशन के लिए कैसे कहूँ ?
शिक्षक : चलो इसकी चिंता अब तुम छोड़ दो । भले ही मैं गणित का अध्यापक हूँ पर तुम जैसे होनहार बच्चे को मैं पढ़ूंगा अंग्रेजी और उसके लिए तुम्हे फीस की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है ।
सुनील : आपका बहुत-बहुत धन्यवाद मास्टर जी । मैं आपका जीवन भर आभारी रहूँगा ।