Hindi, asked by janmeet, 10 months ago

छात्रावास में अस्वस्थ अपने निराश मित्र को पत्र लिखकर आने वाली परीक्षा के पढ़ाई के लिए मनोबल बढ़ाएं​

Answers

Answered by kings07
25
परीक्षा भवन 
नई दिल्ली 
5 मार्च, 20XX 
प्रिय मित्र 
सप्रेम नमस्ते !

आशा है, तुम वहाँ स्वस्थ एवं प्रसन्न होगे। तुमने अपने पत्र में छात्रावास के विषय में जानने की जिज्ञासा प्रकट की थी। उसी पत्र के उत्तर में मैं यह पत्र लिख रहा हूँ। मित्र, छात्रावास का जीवन अनुशासनबद्ध एवं आनंदपूर्ण होता है। अनुशासन में भी एक प्रकार का आनंद मिलता है। यहाँ प्रत्येक कार्य का एक निश्चित समय है। प्रात: 5 बजे उठकर दैनिक क्रिया से निवृत्त हो, मैदान में व्यायाम के लिए जाना पड़ता है। उसके पश्चात 6 बजे नहा-धोकर भोजनालय में नाश्ता तथा 7:30 बजे तैयार होकर विद्यालय में अपनी-अपनी कक्षाओं में उपस्थिति देनी होती है। 1:30 बजे अवकाश के समय छात्रावास में वापस आकर दोपहर का भोजन करने के पश्चात सायं 3 बजे तक आराम का समय होता है। 3 से 5 बजे तक अध्ययन और शाम का नाश्ता किया जाता है। 7 बजे तक हम सभी विद्यार्थियों के मनोरंजन का समय होता है।

इस समय हम अपनी पसंद के खेलों का आनंद उठा सकते हैं। खेल के पश्चात सभी एक विशेष सभागार में उपस्थित होते हैं। जहाँ छात्रावास के संरक्षक (वार्डन) द्वारा दिनभर की जानकारी ली जाती है और अगले दिन का कार्यक्रम निर्धारित किया जाता है। रात 8:30 बजे रात्रिभोजन का आनंद उठाया जाता है। हम कुछ देर अपनी मनपसंद पुस्तकों का आनंद उठाते हैं। रात्रि 10 बजे तक सभी कक्षों की बिजली बंद हो जाती है।

महीने में एक दिन हम लोग बाहर घूमने भी जाते हैं। वर्ष में दो बार सभी कक्षा के छात्र-छात्राओं द्वारा रँगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जाते हैं।

विस्तार से फिर कभी मिलने पर क्योंकि अब सोने का समय हो गया है। संरक्षक महोदय आते होंगे। 

तुम्हारा स्नेही
क. ख. ग
Answered by Arpita05
10

Answer:

परीक्षा भवन 

नई दिल्ली 

5 मार्च, 20XX 

प्रिय मित्र 

सप्रेम नमस्ते !

आशा है, तुम वहाँ स्वस्थ एवं प्रसन्न होगे। तुमने अपने पत्र में छात्रावास के विषय में जानने की जिज्ञासा प्रकट की थी। उसी पत्र के उत्तर में मैं यह पत्र लिख रहा हूँ। मित्र, छात्रावास का जीवन अनुशासनबद्ध एवं आनंदपूर्ण होता है। अनुशासन में भी एक प्रकार का आनंद मिलता है। यहाँ प्रत्येक कार्य का एक निश्चित समय है। प्रात: 5 बजे उठकर दैनिक क्रिया से निवृत्त हो, मैदान में व्यायाम के लिए जाना पड़ता है। उसके पश्चात 6 बजे नहा-धोकर भोजनालय में नाश्ता तथा 7:30 बजे तैयार होकर विद्यालय में अपनी-अपनी कक्षाओं में उपस्थिति देनी होती है। 1:30 बजे अवकाश के समय छात्रावास में वापस आकर दोपहर का भोजन करने के पश्चात सायं 3 बजे तक आराम का समय होता है। 3 से 5 बजे तक अध्ययन और शाम का नाश्ता किया जाता है। 7 बजे तक हम सभी विद्यार्थियों के मनोरंजन का समय होता है।

इस समय हम अपनी पसंद के खेलों का आनंद उठा सकते हैं। खेल के पश्चात सभी एक विशेष सभागार में उपस्थित होते हैं। जहाँ छात्रावास के संरक्षक (वार्डन) द्वारा दिनभर की जानकारी ली जाती है और अगले दिन का कार्यक्रम निर्धारित किया जाता है। रात 8:30 बजे रात्रिभोजन का आनंद उठाया जाता है। हम कुछ देर अपनी मनपसंद पुस्तकों का आनंद उठाते हैं। रात्रि 10 बजे तक सभी कक्षों की बिजली बंद हो जाती है।

महीने में एक दिन हम लोग बाहर घूमने भी जाते हैं। वर्ष में दो बार सभी कक्षा के छात्र-छात्राओं द्वारा रँगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जाते हैं।

विस्तार से फिर कभी मिलने पर क्योंकि अब सोने का समय हो गया है। संरक्षक महोदय आते होंगे। 

तुम्हारा स्नेही

क. ख. ग

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