Hindi, asked by kushwahanitin5038, 1 year ago

छुट्टी का दिन पर निबंध | Write an essay on Holiday in Hindi

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Answered by sunilyadava07
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छुट्‌टी का दिन आम तौर पर खुशी का दिन होता है । यह फुर्सत और आराम का दिन होता है । यह घर के लंबित कामों को निबटाने का दिन होता है । यह दोस्तों से मिलने तथा परिचितों का कुशल-समाचार लेने का दिन होता है । इस तरह छुट्‌टी का दिन मोटे तौर पर एक सुविधाजनक दिन होता है ।

 

आज का जीवन तनावयुक्त हो गया है । खासकर शहरों में कामकाजी लोग स्वयं को तनावयुक्त स्थिति में पाते हैं । हर समय काम ही काम । दफ्तर का काम और घर का काम । तनाव कम होने का नाम ही नहीं लेता । ऐसे में छुट्‌टी का दिन परेशानियों को कुछ दूर कर देता है । लोगों को आराम मिलता है और तनाव दूर हो जाता है । विद्‌यार्थी अपने लंबित गृहकार्य निबटाते हैं, वे अपनी किताबों को व्यवस्थित करते हैं । बड़े ऑफिस की कुछ फाइलें निबटा लेते हैं । घर के लोग खराब पड़ी मशीनों की मरम्मत करवा लेते हैं । कुछ लोग रिश्तेदारों का हाल-चाल पूछने उनके घर चले जाते हैं । कामकाजी महिलाएं छुट्‌टी के दिन अपने घर की चीजों को व्यवस्थित करती हैं । कमीज का बटन टूट गया हो या चाय की छलनी टूट गई हो इस दिन सब दुरुस्त हो जाता है ।

छुट्‌टी का दिन साफ-सफाई की दृष्टि से बहुत महत्त्व रखता है । दैनिक कार्यक्रम में व्यस्त रहने पर घर की अच्छी तरह सफाई नहीं हो पाती । घर की दीवारों पर मकड़े का जाला पड़ा होता है । घर के कोने में गंदगी का जमाव कोई असामान्य बात नहीं है । घर की नालियों में कचरा जमा हो सकता है । छुट्‌टी के दिन ये सब साफ कर लिए जाते हैं । महिलाएँ इस दिन कपड़ों की सफाई कर लेती हैं । बर्तन भी अच्छी तरह साफ हो जाते हैं । जूतों को पालिश कर चमका लिया जाता है । सफेद बाल काले कर लिए जाते हैं और शरीर की अच्छी सफाई कर ली जाती है । बड़े हुए नाखूनों को काटने का भी आज अच्छा अवसर होता है ।

छुट्‌टी का दिन है तो कुछ मनोरंजन भी चाहिए । आज टेलीविजन पर मनपसंद कार्यक्रम नहीं छुट पाएँगे । आज क्रिकेट या फुटबॉल मैच का आयोजन करने में कोई हिचक नहीं । आज के दिन मित्रों को भोजन पर बुलाने में कोई हर्ज नहीं । छुट्‌टी का दिन हर एक को शौक पूरा करने का सुनहरा अवसर प्रदान करता है । चाहे तो कोई पतंग उड़ा ले या बाहर घूम-फिर आए । यदि लगातार कई दिन की छुट्‌टी हो तो पर्यटन या सैर-सपाटे का कार्यक्रम भी बनाया जा सकता है । इससे देश-दुनिया की जानकारी प्राप्त होगी और मन की ऊब मिटेगी ।

ऐसा नहीं कि छुट्‌टी के दिन सब अच्छी- अच्छी बातें ही होती हैं । छुट्‌टी लंबी हो तो ऊब हो जाती है । छुट्‌टी में बच्चे पढ़ाई से ध्यान हटाकर बस टेलीविजन से चिपक जाते हैं । दफ्तर में कुछ काम- धाम न करनेवालों को छुट्‌टी का दिन और निठल्ला बना देता है । जब रोज आराम ही हो तो छुट्‌टी का क्या मतलब! जब रोज ही छुट्‌टी हो तो छुट्‌टी के दिन से क्या प्रयोजन! छुट्‌टी उन लोगों के लिए वरदान है जो रात-दिन काम में जुटे रहते हैं । छुट्‌टी उन लोगों के लिए अभिशाप है जो प्रतिदिन ही आरामतलब जिंदगी जीते हैं ।

छुट्‌टी का दिन सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेने तथा सामाजिक कार्यों को करने का अच्छा अवसर प्रदान करता है । इस दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों, सार्वजनिक समारोहों तथा सम्मेलनों में भाग लिया जा सकता है । इस दिन घर के आस-पडोस की सफाई कर पर्यावरण सुधार में मदद की जा सकती है । इस दिन वृक्षारोपण के अभियान चलाए जा सकते हैं । बाग-बगीचों के पौधों को सींचा जा सकता है । यदि कोई काम नहीं हो तो दीन-दुखियों की मदद के लिए कुछ कार्य करने चाहिए । परोपकार के सभी कामों से आत्म-संतुष्टि मिलती है । इसलिए छुट्‌टी का दिन व्यर्थ नहीं बिताना चाहिए । बैठे-बैठे थकने से काम करते-करते थकना अधिक अच्छा है ।

Answered by coolthakursaini36
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                              "छुट्टी का दिन कैसे बीता"

हम सभी दोस्त मिलकर की योजना बना रही थे छुट्टी में हम कहीं घूमने चलेंगे सब ने मिलकर यह निश्चय किया कि हम बाघा बॉर्डर जाएंगे। सारी योजना हमने पहले से ही निश्चित कर रखी थी। पिछले कल छुट्टी थी और हम पांच दोस्त चंडीगढ़ से वाघा बॉर्डर को बस से गए। हमने सुबह 7:00 बजे चंडीगढ़ बस स्टॉप से बस ली। सुबह मौसम बड़ा शांत था। पूर्व में रक्तिम वर्ण की लाली छाई हुई थी, पेड़ों पर पक्षियों का कलरव हो रहा था।

जैसे तैसे हमारी बस आगे बढ़ी, रास्ते में हमने खेतों में काम करते किसानों को देखा, उन्हें देखकर यह आभास हुआ कि अगर किसान न होते तो हमें खाना कहां से मिलता बड़ा ही मेहनती और कठिन जीवन होता है किसानों का। हम सभी दोस्त सुबह ही उनको खेतों में काम करते देख कर हैरान थे।

हम करीब 9:00 बजे बाघा बॉर्डर पर पहुंच गए। बहुत भीड़ थी वहां पर भारतीय सैनिकों का उत्साह देखते ही बनता था। अंदर एक जोश और जुनून था तो साथ में लगती पाकिस्तान की सीमा पर तैनात पाकिस्तान के सैनिक भी कम न थे। हमारे मन में अपने सैनिकों के लिए प्रेम भाव आवश्यक है। मेरा एक मित्र सैनिकों के पास गया और उन्हें जय हिंद करके सेल्यूट किया।

वहां पर कार्यक्रम चल रहा था मेरे एक मित्र जो बहुत अच्छा गाता है, हम सब ने उनसे आग्रह किया कि वह यहां पर गाना गाना चाहता है। मेरे मित्र ने देश भक्ति के ऊपर बहुत ही सुंदर गाना गाया और वहां पर उपस्थित सभी लोगों ने तालियों से उसका उत्साहवर्धन किया।

वहां का चारों तरफ का वातावरण बड़ा ही रमणीय और जोशीला था। पाकिस्तान की तरफ जाने वाली हर गाड़ी की चेकिंग होती उनके जरूरी कागजात देखे जाते हैं और फिर जाने दिया जाता। वही हाल पाकिस्तान की तरफ से आ रही गाड़ियों का होता। हम यह नजारा देखकर कुछ हैरान थे तथा सोचने लगे कि यह चौकस सुरक्षा प्रबंध क्यों है। तभी हमें सेना के एक अधिकारी ने पूर्ण विस्तृत जानकारी के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर आवागमन के लिए जरूरी नियमों को समझाया।

भारतीय सैनिकों को सीमा पर दिन रात मुस्तैद देखकर उनके लिए मन में सम्मान की भावना और जागी है। तथा मन ने निश्चय किया देश के असली हीरो तो हमारे सैनिक ही हैं।

हम वहां से करीब 3:00 बजे चले और 4:30 बजे अपने घर पहुंच गए। सच में छुट्टी का यह दिन बहुत ही यादगार और अविस्मरणीय दिन रहेगा इस दिन हमने बहुत कुछ सीखा।


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