‘छोट़ा ज़ादूगर के जीवन क़ा संघषष और च़ातुर्षपूर्ष स़ाहस’ अपने ववच़ार विविए।
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किसी सुखद कार्य के संपन्न होने पर या किसी के शुभ आगमन पर हमारा मन एकाएक बोल उठता है कि-हम धन्य हुए। अर्थात व्यक्ति को स्वयं के भाग्यशाली होने की अनुभूति होती है। जीवन की धन्यता में ही सुखी जीवन का सार छिपा हुआ है।
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