Hindi, asked by pwdmahobiya, 5 months ago

छंद की परिभाषा देते हुए उसके भेद बताइए​

Answers

Answered by drutigavhade2005
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Answer:

छंद के भेद: वर्णिक छंद (या वृत) - जिस छंद के सभी चरणों में वर्णों की संख्या समान हो। मात्रिक छंद (या जाति) - जिस छंद के सभी चरणों में मात्राओं की संख्या समान हो। मुक्त छंद - जिस छंद में वर्णिक या मात्रिक प्रतिबंध न हो।

Answered by roopa2000
0

Answer:

मात्रा और वर्ण आदि के विचार से होने वाली वाक्य-रचना को छंद कहते हैं। छंद में प्रायः 4 चरण पाए जाते है । “छंद का प्रथम चर्चा 'ऋगुवेद' में मिलता है। छंद-शास्त्र के आदि प्रणेता आचार्य पिंगल ऋषि को माना जाता हैं। इसलिए छंद को 'पिंगल' भी कहा जाता है।

Explanation:

छन्द के मुख्य तीन भेद हैं (क) वर्णिक, (ख) मात्रिक और (ग) मुक्तक या रबड़। वर्णिक छंद: जिनमें वर्णों की संख्या, क्रम, गणविधान तथा लघु-गुरू के आधार पर रचना होती है। मात्रिक छंद: जिनमें मात्राओं की संख्या, लघु-गुरू, यति-गति, के आधार पर पद-रचना होती है। मुक्तक छन्द: इनमें न वर्णों की गिनती होती है, न मात्राओं की।

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