छत्तीसगढ़ के दो कवियों के बारे में जानकारी बताइए
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पं. सुन्दरलाल शर्मा ने सर्वप्रथम छत्तीसगढ़ी में प्रबन्ध काव्य लिखने की परम्परा विकसित की।
छत्तीसगढ़ी में गद्य लेखन की परम्परा का शुभारम्भ पं॰ लोचन प्रसाद पांडेय ने किया।
प्रथम छत्तीसगढ़ी उपन्यास हीरु के कहिनी तथा मोंगरा को मानी जाती है। इसके रचयिता क्रमशः वंशीधर पांडेय तथा शिवशंकर शुक्ल हैं।
प्रथम छत्तीसगढ़ी कहानी सुरही गइया है, इसके कहानीकार पं॰ सीताराम मिश्र हैं।
प्रथम छत्तीसगढ़ी प्रबन्ध कव्य ग्रन्थ छत्तीसगढ़ दानलीला है, इसके रचनाकार सुन्दरलाल शर्मा हैं।
प्रथम छत्तीसगढ़ी व्याकरण सन् 1880 में काव्योपाध्याय हीरालाल ने सृजनित की थी।
छत्तीसगढ़ी में नाटक की शुरुआत पं॰ लोचन प्रसाद पांडेय के कलिकाल से मानी जाती है।
छत्तीसगढ़ी में व्यंगय लेखन का प्रारम्भ शरद कोठारी की रचनाओं से माना जाता है।
छत्तीसगढ़ी की प्रथम समीक्षात्मक रचना डॉ॰ विनय कुमार पाठक की छत्तीसगढ़ी साहित्य अऊ साहित्यकार है।
रतनपुर के गोपाल मिश्र हिन्दी काव्य परम्परा की दृष्टि से छत्तीसगढ़ के वाल्मिकी हैं।
छत्तीसगढ़ के प्रमुख साहित्यकार इस प्रकार हैं:
साहित्यकार प्रमुख कृति
गोपाल मिश्र खूब तमाशा, जैमिनी अश्वमेघ, सुदामा चरित, भक्ति चिंताणि, राम प्रताप
माखन मिश्र छंद विलास नामक पिंगल ग्रन्थ
रेवाराम बाबू रामायण दीपिका, ब्राह्मण स्रोत, गीता माधव महाकाव्य, गंगा लहरी, रामाश्वमेघ, विक्रम विलास, रत्न परीक्षा, दोहाबली, माता के भजन, रत्नपुर का इतिहास
प्रहलाद दुबे जय चंद्रिका
लक्ष्मण कवि भोंसला वंश प्रशस्ति
दयाशंकर शुक्ल छत्तीसगढ़ी लोक साहित्य का अध्ययन
पं. शिवदत्त शास्त्री इतिहास समुच्चय
लोचन प्रसाद पांडेय मृगी दुःख मोचन, कौशल प्रशस्ति रत्नावली
पं. सुन्दराम शर्मा छत्तीसगढ़ी दान लीला
कोदूराम दलित सियानी गोठ, हमारा देश, प्रकृतिवर्धन, कनवा समधि, दू मितान
माधव राव सप्रे रामचरित्र, एकनाथ चरित्र
बलदेव प्रसाद मिश्र छत्तीसगढ़ परिचय
पं.केदार नाथ ठाकुर बस्तर भूषण
पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी झलमला
पुरुषोत्तम अनासक्त स्तह से ऊपर, भोंदू पुराण, श्रीमती जी की पिचकारी
हरि ठाकुर नये स्वर, लोहे का नगर
गुलशेर अहमद खाँ शानी काला जल, एक लड़की की डायरी, साँप और सीढ़ियाँ, फूल तोड़ना मना है, सब एक जगह, एक शहर में सपने बिकते हैं, कालाजल
अब्दुल लतीफ घोंघी तिकोने चेहरे, उड़ते उल्लू के पंख, तीसरे बंदर की कथा, संकटकाल
डॉ॰धनंजय वर्मा अंधेर नगरी, अस्वाद के धरातल निराला काव्य और व्यक्तिव
त्रिभुवन पांडे भगवान विष्णु की भारत यात्रा, झूठ जैसा सच
श्याम लाल चतुर्वेदी राम वनवास (छत्तीसगढ़ी कृति), पर्राभर लाई (काव्य संकलन)
श्री विनोद कुमार शुक्ल उपन्यास-1.नौकर की कमीज, 2.दीवाल में एक खिड़की रहती थी,3. खिलेगा तो देखेंगे.4.हरी घास की छप्पर वाली झोपड़ी और बौना पहाड़, 5.यासि रासा त,
कविता संग्रह- लगभग जय हिन्द, वह आदमी चला गया नया गरम कोट पहिनकर विचार की तरह,
डॉ॰ पालेश्वर शर्मा प्रबंध फटल, सुसक झन कुरदी सुरता ले, तिरिया जनम झनि दे, छत्तीसगढ़ परिदर्शन, नमोस्तुते महामाये, सांसो की दस्तक
छत्तीसगढ़ी में गद्य लेखन की परम्परा का शुभारम्भ पं॰ लोचन प्रसाद पांडेय ने किया।
प्रथम छत्तीसगढ़ी उपन्यास हीरु के कहिनी तथा मोंगरा को मानी जाती है। इसके रचयिता क्रमशः वंशीधर पांडेय तथा शिवशंकर शुक्ल हैं।
प्रथम छत्तीसगढ़ी कहानी सुरही गइया है, इसके कहानीकार पं॰ सीताराम मिश्र हैं।
प्रथम छत्तीसगढ़ी प्रबन्ध कव्य ग्रन्थ छत्तीसगढ़ दानलीला है, इसके रचनाकार सुन्दरलाल शर्मा हैं।
प्रथम छत्तीसगढ़ी व्याकरण सन् 1880 में काव्योपाध्याय हीरालाल ने सृजनित की थी।
छत्तीसगढ़ी में नाटक की शुरुआत पं॰ लोचन प्रसाद पांडेय के कलिकाल से मानी जाती है।
छत्तीसगढ़ी में व्यंगय लेखन का प्रारम्भ शरद कोठारी की रचनाओं से माना जाता है।
छत्तीसगढ़ी की प्रथम समीक्षात्मक रचना डॉ॰ विनय कुमार पाठक की छत्तीसगढ़ी साहित्य अऊ साहित्यकार है।
रतनपुर के गोपाल मिश्र हिन्दी काव्य परम्परा की दृष्टि से छत्तीसगढ़ के वाल्मिकी हैं।
छत्तीसगढ़ के प्रमुख साहित्यकार इस प्रकार हैं:
साहित्यकार प्रमुख कृति
गोपाल मिश्र खूब तमाशा, जैमिनी अश्वमेघ, सुदामा चरित, भक्ति चिंताणि, राम प्रताप
माखन मिश्र छंद विलास नामक पिंगल ग्रन्थ
रेवाराम बाबू रामायण दीपिका, ब्राह्मण स्रोत, गीता माधव महाकाव्य, गंगा लहरी, रामाश्वमेघ, विक्रम विलास, रत्न परीक्षा, दोहाबली, माता के भजन, रत्नपुर का इतिहास
प्रहलाद दुबे जय चंद्रिका
लक्ष्मण कवि भोंसला वंश प्रशस्ति
दयाशंकर शुक्ल छत्तीसगढ़ी लोक साहित्य का अध्ययन
पं. शिवदत्त शास्त्री इतिहास समुच्चय
लोचन प्रसाद पांडेय मृगी दुःख मोचन, कौशल प्रशस्ति रत्नावली
पं. सुन्दराम शर्मा छत्तीसगढ़ी दान लीला
कोदूराम दलित सियानी गोठ, हमारा देश, प्रकृतिवर्धन, कनवा समधि, दू मितान
माधव राव सप्रे रामचरित्र, एकनाथ चरित्र
बलदेव प्रसाद मिश्र छत्तीसगढ़ परिचय
पं.केदार नाथ ठाकुर बस्तर भूषण
पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी झलमला
पुरुषोत्तम अनासक्त स्तह से ऊपर, भोंदू पुराण, श्रीमती जी की पिचकारी
हरि ठाकुर नये स्वर, लोहे का नगर
गुलशेर अहमद खाँ शानी काला जल, एक लड़की की डायरी, साँप और सीढ़ियाँ, फूल तोड़ना मना है, सब एक जगह, एक शहर में सपने बिकते हैं, कालाजल
अब्दुल लतीफ घोंघी तिकोने चेहरे, उड़ते उल्लू के पंख, तीसरे बंदर की कथा, संकटकाल
डॉ॰धनंजय वर्मा अंधेर नगरी, अस्वाद के धरातल निराला काव्य और व्यक्तिव
त्रिभुवन पांडे भगवान विष्णु की भारत यात्रा, झूठ जैसा सच
श्याम लाल चतुर्वेदी राम वनवास (छत्तीसगढ़ी कृति), पर्राभर लाई (काव्य संकलन)
श्री विनोद कुमार शुक्ल उपन्यास-1.नौकर की कमीज, 2.दीवाल में एक खिड़की रहती थी,3. खिलेगा तो देखेंगे.4.हरी घास की छप्पर वाली झोपड़ी और बौना पहाड़, 5.यासि रासा त,
कविता संग्रह- लगभग जय हिन्द, वह आदमी चला गया नया गरम कोट पहिनकर विचार की तरह,
डॉ॰ पालेश्वर शर्मा प्रबंध फटल, सुसक झन कुरदी सुरता ले, तिरिया जनम झनि दे, छत्तीसगढ़ परिदर्शन, नमोस्तुते महामाये, सांसो की दस्तक
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hyyy.
. सुन्दरलाल शर्मा ने सर्वप्रथम छत्तीसगढ़ी में प्रबन्ध काव्य लिखने की परम्परा विकसित की।छत्तीसगढ़ी में गद्य लेखन की परम्परा का शुभारम्भ पं॰ लोचन प्रसाद पांडेय ने किया।प्रथम छत्तीसगढ़ी उपन्यास हीरु के कहिनी तथा मोंगरा को मानी जाती है। इसके रचयिता क्रमशः वंशीधर पांडेय तथा शिवशंकर शुक्ल हैं।प्रथम छत्तीसगढ़ी कहानी सुरही गइया है, इसके कहानीकार पं॰ सीताराम मिश्र हैं।प्रथम छत्तीसगढ़ी प्रबन्ध कव्य ग्रन्थ छत्तीसगढ़ दानलीला है, इसके रचनाकार सुन्दरलाल शर्मा हैं।प्रथम छत्तीसगढ़ी व्याकरण सन् 1880 में काव्योपाध्याय हीरालाल ने सृजनित की थी।छत्तीसगढ़ी में नाटक की शुरुआत पं॰ लोचन प्रसाद पांडेय के कलिकाल से मानी जाती है।छत्तीसगढ़ी में व्यंगय लेखन का प्रारम्भ शरद कोठारी की रचनाओं से माना जाता है।छत्तीसगढ़ी की प्रथम समीक्षात्मक रचना डॉ॰ विनय कुमार पाठक की छत्तीसगढ़ी साहित्य अऊ साहित्यकार है।रतनपुर के गोपाल मिश्र हिन्दी काव्य परम्परा की दृष्टि से छत्तीसगढ़ के वाल्मिकी हैं।
. सुन्दरलाल शर्मा ने सर्वप्रथम छत्तीसगढ़ी में प्रबन्ध काव्य लिखने की परम्परा विकसित की।छत्तीसगढ़ी में गद्य लेखन की परम्परा का शुभारम्भ पं॰ लोचन प्रसाद पांडेय ने किया।प्रथम छत्तीसगढ़ी उपन्यास हीरु के कहिनी तथा मोंगरा को मानी जाती है। इसके रचयिता क्रमशः वंशीधर पांडेय तथा शिवशंकर शुक्ल हैं।प्रथम छत्तीसगढ़ी कहानी सुरही गइया है, इसके कहानीकार पं॰ सीताराम मिश्र हैं।प्रथम छत्तीसगढ़ी प्रबन्ध कव्य ग्रन्थ छत्तीसगढ़ दानलीला है, इसके रचनाकार सुन्दरलाल शर्मा हैं।प्रथम छत्तीसगढ़ी व्याकरण सन् 1880 में काव्योपाध्याय हीरालाल ने सृजनित की थी।छत्तीसगढ़ी में नाटक की शुरुआत पं॰ लोचन प्रसाद पांडेय के कलिकाल से मानी जाती है।छत्तीसगढ़ी में व्यंगय लेखन का प्रारम्भ शरद कोठारी की रचनाओं से माना जाता है।छत्तीसगढ़ी की प्रथम समीक्षात्मक रचना डॉ॰ विनय कुमार पाठक की छत्तीसगढ़ी साहित्य अऊ साहित्यकार है।रतनपुर के गोपाल मिश्र हिन्दी काव्य परम्परा की दृष्टि से छत्तीसगढ़ के वाल्मिकी हैं।
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