Chhattisgarh ke Pramukh audyogik Kshetra ki Suchi
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छत्तीसगढ़ राज्य औधोगिक दृष्टि से भारत के सम्पन्न राज्यो में से एक है। यह राज्य वन संपदा में धनी होने के साथ-साथ खनिज उद्योगो में विकास के लिए विभिन प्रकार के खनिज उपलब्ध है। यहां विभिन्न उद्योगों के लिए नैसर्गिक संसाधन उपलब्ध है। इस राज्य कृषि अधारी उद्योग भी उपलब्ध है।
राज्य के उधोगो को निम्नलिखित श्रेणियों में बाँटा गया है:-
1. खनिज आधारित उद्योग
1. खनिज आधारित उद्योग2. वन आधारित उद्योग
1. खनिज आधारित उद्योग2. वन आधारित उद्योग3. कृषि आधारित उद्योग
1. खनिज आधारित उद्योग:
खनिज आधारित उद्योगों में लौह-इस्पात, सीमेंट, एल्युमिनियम आदि प्रमुख प्रमुख है।
लौह-इस्पात,
छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख उद्योग है। लौह-इस्पात कारखान दुर्ग जिले में भिलाई में स्थित है। यह राज्य का एक मात्र इस्पात कारखान है। भिलाई सपाट संयत्र की स्थापना 1955 ई. में पूर्व सोवियत संघ के सहयोग के की गई थी। इस संयंत्र में उत्पादन फरवरी 1959 से प्रारम्भ हुआ था।
इस संयंत्र के लिए लौह अयस्क डल्ली-राजहरा की पहाड़ियों से, कोकिंग कोयला झरिया एवं कोरबा से, धुला हुआ कोयला करगाली, पाथरडीह और दुगधा से प्राप्त किया जाता है।
सीमेंट उद्योग,
आधारभूत उद्योगों में लौह-इस्पात के पश्चात राज्य में सीमेंट उद्योग का स्थान है। राज्य में चुना-पत्थर की अधिकता के कारण सीमेंट उद्योग का पर्याप्त विकास हुआ। राज्य की प्रथम सीमेंट कारखाने की स्थापना ACC( Associated Cement Company ) के द्वारा 1964 ई. में दुर्ग के जामुल नामक स्थान पर की गई थी।
राज्य में सीमेंट कारखाने:
जामुल - दुर्ग
बैकुंठपुर, मांढर, नेवर, तिल्दा, रावण भाटा - रायपुर
अकलतरा - जांजगीर-चाँम्पा
गोपालनगर - जांजगीर-चाँम्पा
मोदीग्राम - रायगढ़
भूपदेवपुर - रायगढ़
बस्तर - बस्तर
सोनडीह - बलौदाबाजार
एल्युमिनियम उद्योग,
देश में प्रथम सार्वजनिक एल्युमिनियम संयंत्र भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड ( BALCO ) की स्थापना तृतीय पंचवर्षीय योजना में छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में 27 नवंबर 1965 में किया गया। इस कारखाने में उत्पादन वर्ष 1975 में सुरु हुआ। इस कारखाने के लिए बॉक्साइट की आपूर्ति अमरकंटक एवं पुटका स्थित खानों से तथा जल की आपूर्ति हसदो नदी से किया जाता है।
इस संयंत्र के तीन अंग है। एल्युमिनियम संयंत्र, प्रगालक संयंत्र तथा फैब्रिकेशन संयंत्र।
2. वन आधारित उद्योग:
कागज उद्योग,
मध्य भारत पेपर मिल - चाँम्पा
बीड़ी-सिगरेट उद्योग,
राज्य में बीड़ी उद्योग कुटीर उद्योग के रूप में हुआ है। राज्य में इस उद्योग के प्रमुख केंद्र जगदलपुर, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, खैरागढ़ तथा बिलासपुर है। राज्य में एम.पी.टोबैको लिमिटेड तथा पनामा सिगरेट तथा भिलाई में औधोगिक नगर का लक्ष्मी टोबैको ब्रिस्टल सिगरेट का उत्पादन करता है।
कत्था,
सरगुजा वुड प्रोडक्टस - अम्बिकापुर
हर्रा,
हर्रा निकलने का कारखाना राज्य में रायपुर तथा धमतरी जिले में स्थित है।
कोसा,
राज्य में चाँम्पा ( जांजगीर-चाँम्पा ) विशेष रूप से कोसा उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, जशपुर, अम्बिकापुर, महासमुंद, धमतरी, कांकेर, जगदलपुर तथा दंतेवाड़ा जिलों में इस उद्योग का प्रमुखता से विकास हुआ है।
3. कृषि आधारित उद्योग:
चावल मिल,
राज्य में साबसे ज्यादा चावल की मिले रायपुर जिले में तथा साबसे कम सरगुजा जिले में स्थित है। राज्य में 700 से ज्यादा मिलो की संख्या है।
जुट उद्योग,
राज्य का एकमात्र जुट कारखाना रायगढ़ में स्थित है। इसकी स्थापना 1935 में कई गईं थी।
शक्कर उद्योग,
राज्य में कुल 4 शक्कर कारखाना है।
सूती वस्त्र उद्योग,
राज्य में बंगाल-नागपुर कॉटन मिल की स्थापना 1862 में राजा बलराम दास के प्रयासों से स्थापित हुआ। वर्ष 2002 में इस मिल को पूरी तरह बंद कर दिया गया।
एस्ट्रोबोर्ड उद्योग,
कारखाना रायगढ़ में स्थित है।