छवि निर्माण को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण कारको का वर्णन कीजिए I
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वास्तुकला और सिविल इंजीनियरिंग के क्षेत्रों में निर्माण एक प्रक्रिया है, जिसमें निर्माण या बुनियादी सुविधाओंका एकत्रीकरण किया जाता है। एकल गतिविधि से दूर, बड़े पैमाने पर निर्माण का अर्थ कई तरह के कार्य पूरे करना है। सामान्य रूप से काम का प्रबंध परियोजना प्रबंधक करता है और निर्माण प्रबंधक, डिजाइन इंजीनियर, निर्माण इंजीनियर या परियोजना वास्तुकार की देखरेख में संपन्न होता है।
परियोजना के सफल निष्पादन के लिए एक प्रभावी योजना बनाना आवश्यक है। उस खास बुनियादी सुविधाओं और डिजाइन के निष्पादन में जो लगे होते हैं, उन्हें अवश्य ही काम के पर्यावरण संबंधी प्रभाव सफल समयबद्धता, बजट बनाना, स्थल की सुरक्षा, सामग्रियों की उपलब्धता, निर्माण सामग्रियों व श्रमिकों के रख्ररखाव (लॉजिस्टिक), निर्माण में देर के कारण लोगों को होने वाली असुविधा, निविदा दस्तावेजों की तैयारी आदि का विचार करना चाहिए.
"छवि निर्माण को प्रभावित करने वाले निम्नांकित कारण होते हैं।
छवि निर्माण की प्रक्रिया में निम्नलिखित तीन उप-प्रक्रियाएँ होती हैं -
(क) चयन - हम लक्षित व्यक्ति के बारे सूचना की कुछ इकाइयों को ध्यान में रखकर उनका चयन करते हैं।
(ख) संगठन - चयन की गई सारी सूचनाओं को एक क्रमबद्ध तरीके से व्यवस्थित करते हैं।
(ग) अनुमान - उन सूचनाओं के व्यवस्थित करने के बाद जो निष्कर्ष निकलकर आता है तो हमे पता चलता है कि लक्षित व्यक्ति किस प्रकार का है।
छवि निर्माण की प्रक्रिया में कुछ विशिष्ट गुण अन्य शीलगुूणों की अपेक्षा अधिक प्रभावित करते हैं। सूचना प्रस्तुत करने के क्रम के अनुसार भी छवि निर्माण की प्रक्रिया प्रभावित होती है।
पहले प्रस्तुत की जाने वाली घोषणा का प्रभाव आखिर में प्रस्तुत की जाने वाली सूचना से अधिक प्रभावशाली होता है इसे प्रथम प्रभाव (Primary Effect) कहते हैं।
यदि प्रत्यक्षणकर्ता को यह कहा जाए कि वो केवल प्रथम सूचना पर ध्यान ना दें और सभी सूचनाओं पर ध्यान दें तो भी जो सूचना सबसे आखिर में आएगी, उसका प्रभाव सबसे अधिक होगा यह आसन्नता प्रभाव (Recency Effect) कहलाता है।
अक्सर लोगों में यह धारणा होती है कि एक व्यक्ति जिसमें सकारात्मक गुणों का एक समुच्चय है तो इस प्रथम समुच्चय से जुड़े दूसरे विशिष्ट सकारात्मक गुण भी होने चाहिए। यह परिवेश प्रभाव (Halo Effect) कहलाता है।
मान लीजिये कि एक व्यक्ति सभ्य व समय का पाबंद है तो लोगों में यह सोचने की प्रवत्ति हो सकती है कि वह व्यक्ति परिश्रमी भी होगा।
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