Chhote bhai ke pass Ek Patra likhe Jisme Uske Apne Swasthya Ka Khyal rakhne Ka nirdesh Diya gaya ho ,in hindi
Answers
15 वी कीर्ति नगर
इलाहाबाद
दिनांक 29.8. 2019
प्रिय भाई
अपने पत्र में तुमने अस्वस्थ रहने की बात लिखी है, जिसे पढ़कर मन चिंतित हो उठा है। भैया, स्वस्थ रहने के लिए कई बातों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक होता है। अतः अपने इस पत्र द्वारा मैं आपको स्वास्थ्य रक्षा के कुछ नियम और लाभ बताना चाहता हूं।
शरीर का स्वस्थ रहना ही वास्तविक जीवन है। इसके लिए दांत,आंख, नाक, बाल, हाथ पैर, नाखून इत्यादि शरीर के सभी अंगो की सफाई रखना अनिवार्य है। यदि हम गंदे हाथों द्वारा भोजन करें या गंदे दांतो तले उसे दबा लें, तो कई प्रकार के कीटाणु हमारे शरीर में भोजन के साथ प्रवेश कर पाचन क्रिया को बिगाड़ देते हैं। तब शरीर को कई बीमारियां आकर घेर लेती हैं। एक रोगी व्यक्ति अपने लिए ही नहीं समाज के लिए भी बोझ बन जाता है। जबकि स्वस्थ, साफ-सुथरा व्यक्ति अपने घर परिवार और समाज के लिए भी कई काम कर सकता है।
मनुष्य की कार्य क्षमता भी तभी बढ़ती है जब कार्य करने का स्थान साफ-सुथरा, खुला, धूप तथा प्रकाश युक्त हो। इसी कारण हमें अपने घर, गली मोहल्ले इत्यादि की सफाई का विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके लिए नगरों में नगर पालिका के स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रबंध किया जाता है। यदि स्वास्थ्य विभाग की अच्छी व्यवस्था ना करें, तो उसका ध्यान इस ओर आकृष्ट करना हमारा कर्तव्य हो जाता है। यदि हमारा काम करने का वातावरण अच्छा होगा, तो काम करने की गति तीव्र होगी और मन उक्ताने की संभावना कम हो जाएगी। इसके विपरीत गंदे, अंधेरे, संघ स्थान पर काम करने से न तो काम में भी मन लगता है और ना ही पूरा यह सही उत्पादन हो पाता है। इसलिए सफाई बहुत आवश्यक होती है।
यदि लोगों में सफाई की आदत हो तो वह अपने साथ-साथ राष्ट्र को भी ऊंचा उठा सकते हैं। सफाई के आधार पर देश की सभ्यता का अनुमान लगाया जाता है। यदि हम गंदे रहेंगे तो विदेशी लोग हमें असभ्य समझकर हमसे घृणा करेंगे। इसलिए यह आवश्यक है कि हम अपने शरीर, कार्य क्षमता तथा देश की मानहानि का विचार करते हुए सफाई का पूरा ध्यान रखें। स्वस्थ रहने का मूलमंत्र भी यही है। आशा है, मेरी बातों पर ध्यान दोगे,जिससे आपको अपने स्वास्थ्य को तो लाभ पहुंचेगा ही, पूरे समाज और राष्ट्र का कल्याण भी होगा।
आपका भाई
भाई का नाम
Answer:
आज ही तम्हारा पत्र मिला। यह जानकर मुझे बड़ा ही दुःख हुआ कि तुम अस्वस्थ हो और इलाज से कोई लाभ नहीं हो रहा। तुमने लिखा है कि जब से तुम्हारा स्वास्थ्य गिरा। है। तब से तुम्हारा किसी काम में जी नहीं लगता, तुम्हें खाना अच्छा नहीं लगता, नींद भी ठीक नहीं आती। स्वभाव भी चिड़चिड़ा हो गया है, बात-बात पर गुस्सा आता है। किसी से बात करना भी अच्छा नहीं लगता।
यदि अस्वस्थ व्यक्ति कितना ही धनी क्यों न हो, उसका जीवन नरके तुल्य होता है। स्वास्थ्य न तो धन से खरीदा जा सकता है, न किसी हकीम से प्राप्त किया जा सकता है। स्वास्थ्य के नियमों का पालन करने वाला मनुष्य सुखी और स्वस्थ जीवन व्यतीत करता। है, जबकि अस्वस्थ व्यक्ति जीवन का बोझा होता रहता है।
स्वस्थ रहने के लिए मनुष्य को सदैव शुद्ध, सादा और सन्तुलित भोजन का सेवन करना चाहिए। प्रतिदिन सैर, व्यायाम और स्नान करना चाहिए। सफाई रखना भी सेहत के लिए बहुत आवश्यक है। घर की, कपड़ों की व शरीर की सफाई से स्वास्थ्य बना रहता
मुझे विश्वास है कि तुम स्वास्थ्य के नियमों का पालन करोगे और प्रतिदिन सैर व व्यायाम करोगे। तभी तुम्हारा स्वास्थ्य ठीक रह सकता है।
तुम्हारा भईया,
धीरज