Hindi, asked by ry52627, 10 months ago

Chitra varn on earthquake

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Answered by Sakshamchaudhary01
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Answer:

भूकंप का नाम लेते से ही एक एसा भयानक दृश्य हमारे सामने आ जाता है .भूकम के नाम में ही उसका अर्थ छुपा है .वो इस तरह भू+कंप अर्थात भूमि पर कम्पन एक प्रकार का कम्पन भूमि में होता है .जिसमे पथ्वी फट तक जाती है .जिसे हम भूकंप का नाम देते है जहाँ भी यह भूकंप आता है . वहाँ के मकान ध्वस्त हो जाते है .मानव के साथ ही जिव जंतु भी घरों में दबकर मर जाते है .चारो मानो प्रलय आ जाता है .एक प्रकार से भूकंप एक प्रलय का ही रूप है .धरती काँप उठती है .नदी के बीच में से ज़मीन निकल आती है . धरती फट जाती है .इस प्रकार भूकंप आता है .प्रकर्ति और मानव जाती की कई प्रकार का कष्ट और कई प्रकार की पीड़ा दे जाता है .

कारण

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भूकंप का द किसी को कहा जाता है .तो वो जापान है .क्युकी वहाँ आये दिन धरती हिलती रहती है .ये भूकंप ज्वालामुखी के फटने के कारण होते है .और जापान में ज्वालामुखी पहाड़ अत्यधिक संख्या है .जिसमे धरती के अंदर गर्मी बढ़ जाने के कारण ज्वालामुखी अचानक फट पड़ता है .और धरती डोलने लगतीं है .धरती के अंदर चट्टानों के खिसकने के कारण भी धरती डोलने लगती है .इसलिए पहाड़ो वाले स्थानों पर भूकंप अधिक आते है .क्युकी उसमे धरती का दबाव अधिक होता है .और ये अक्सर बड़ी – बड़ी इमारतों के कारण भी होता है .भूकंप का एक. कारण और है जिसे हमट टेक्टोनिक्स कहा जाता है .इसके कारण भिन्न महाद्वीपो और महासागर ,पर्वतो पर और मरू भूमियो पर एक अलग – अलग प्रकार की प्लेट होती है .जो की निरंतर खिसकती रहती है .जो की भूकंप का एक कारण है .

भूकंप को मापने का सयंत्र

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भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए रिक्टर स्केल का पैमाना प्रयोग किया जाता है .जिसे मेग्निटियूट टेस्ट स्केल या सिस्मोग्राफ भी कहा जाता है .भूकंप का क्षण परिमाण पारम्परिक रूप से माना जाता है .यदि भूकंप की गहराई उथली हो इससे बहार निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी नजदीक होती है .और भूकंप समुद्र की गहराई में आता है .तो उठाती है इस सुनामी से भारत ,श्रीलंका ,और अफ्रीका जैसे देश में तबाही मचाई है .अथवा सम्बंधित और अप्रचलित रिक्टर परिमाण लिया जाता है .3 रिक्टर से आने वाला भूकंप सामान्य होता है .जबकि 7 रिक्टर से आने वाला भूकंप बोहोत ही गंभीर छति पोहचाने वाला होता है .और इससे भयंकर गंभीर नुकसान जनमानष को होता है .

अब तक आये सबसे बड़े भूकंप

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(1) 1923 में जापान की राजधानी टोक्यो में ग्रेट कांटो में आया था .जिसमे 142800, लोगो की जान चली गई थी .और जापान में भूकंप की वो स्थति अभी तक ख़त्म नहीं हुई है .

(2) अर्मेनिया के उत्तर – पश्चिम में दिसंबर में 1988 में 6.9 ,रिक्टर स्केल की तीव्रता से भूकंप आया था .जिसमे 25000, , लोगो की जान गई थी .

(3)1990 में ईरान के उत्तरी राज्य गिलान में आये शक्तिशाली भूकंप ने 40000 अधिक लोगो की जान गई .

(4) 17 अगस्त 1999 तुर्की की राजधानी इंस्तांबुल और इिमट शहरों में 7.4 रिक्टर स्केल की तीव्रता का भूकंप आया था .भूकंप में 70000 से अधिक लोग मारे गए और घायल हुए .

(5)26 जनवरी 2001 भारत में 7.9 रिक्टर स्केल तीव्रता वाले शक्तिशाली भूकंप आया था .जिसमे 30000 हजार लोग मारे गए और लगभग 10 लाख लोग बेघर हो गए थे .

भूकंप से हानि

——————-भूकंप से जान की भारी मात्रा में नुक्सान तो होता ही है .साथ ही जहाँ घनी आबादी होती है .वहाँ भारी नुक्सान पोहचना है .भूकंप से नदियों के रास्तो में रुकावट आ जाती है .उनका प्रवाह रुक जाता है .जिसके कारण नदियों का पानी आस – पास की जगह पर फेल जाता है .जिसके कारण बाढ़ आ जाती है .पर्वतीय क्षैत्रो में भूकंप के कारण भूस्खलन बहुत होते है .जिससे भारी क्षति होती है .जब समुद्र में भूकंप आता है .इससे लहरें उठने लगती है .जिससे समुद्र के आस – पास के क्षैत्रो में भारी नुक्सान पहुंचाता हभूकंप से हानि एक प्रकार की प्रलय की दृष्टि उत्पन्न होती है .

भूकंप से आने पर बचाव

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(1)भूकंप रोधी मकान बनाने चाहिए .

(2) आपदा किट बनाके रखे जिसमे आपके जरुरी कागजात ,रेडिओ ,मोबाईल ,टार्च ,माचिस ,चप्पल ,मोमबत्ति,कुछ पैसे ,और जरुरी दवाईया रखे जो की आपदा समय में आपके काम आये .

(3)भूकंप आने पर बिजली ,गैस ,को हाथ ना लगाए इसे बंद कर देना चाहिए .

(4)लिफ्ट का प्रयोग भूकंप आने पर कदापि ना करे .

(5)भूकंप आने पर पेड़ ,व बिजली की लाइनों से दूर रहे और सबसे पहले खुले स्थान पर जाए .

इस बचावो का प्रयोग करके आप अपनी जान बचा सकते है .औरअगर आप फिर भी घर से निकलने में कामयाब नहीं हो पाए तो आसी टेबल ,बेड,के निचे छुप जाए या दीवारों के कोनों पर खड़े हो जाए .

भूकंप से बचने के उपाये

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भूकंप से बचना मानव जाती के वश में नहीं है .लेकिन उसको मापने के यंत्र बनाना चाहिए जिससे हमे कई समय पहले ही पता चल जाय भूकंप के बारे इसके लिए अधिक से अधिक भूकंपमापी यंत्र ज्यादा से ज्यादा बनाये जाए और इसे स्थापित किया जाए .जिसस हमे भूकंप के बारे में पहले से ही पता चल सके भूकंप वाले क्षेत्रों में तरंगरोधी इमारतें बनानी ताकि इस प्रलय रूपी भूकंप से बचा जा सके .

उपसंहार

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कितनी अजीब बात है .की प्र्ति के कैसे अनोखे रूप है .और इसे समझ पाना बोहोत कठीन कार्य है .भूकंप का नाम सुनकर ही हमारे अंदर एक सनसनी सी उतपन्न हो जाती है . किन्तु प्रकरति की अजीब – अजीब गतिविधियों के साथ – साथ हमे उस सृष्टि कर्ता के कार्य में देवि प्रकोप के लिए भी तैयार रहना चाहिए परन्तु इसके साथ ही मनुष्य की मानव हिम्मत और साहस की भी प्रंशसा किये बिना नहीं रह सकते है .की प्रतेक प्राकर्तिक आपदा के आगे उसने सदा ही साहस पूर्वक मुकाबला किया है .पर उसकी मर्ज़ी के आगे किसकी चलती है .कहा जाता है ना और इसलिए हमे उसके प्रतेक कार्य के लिए हमेंशा बलपुर्वक और अपनी हिम्मत के साथ लड़ने के लिए तयार रहना चाहिए .

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