Chitrakala ka sarvadhik vikas kiske sasan kaal mein hua
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Explanation:
बालविवाह केवल भारत मैं ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व में होते आएं हैं और समूचे विश्व में भारत का बालविवाह में दूसरा स्थान हैं। सम्पूर्ण भारत मैं विश्व के 40% बालविवाह होते हैं और समूचे भारत में 49% लड़कियों का विवाह 18 वर्ष की आयु से पूर्व ही हो जाता हैं। भारत में, बाल विवाह केरल राज्य, जो सबसे अधिक साक्षरता वाला राज्य है, में अब भी प्रचलन में है। यूनिसेफ (संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय बाल आपात निधि) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में नगरीय क्षेत्रों से अधिक बाल विवाह होते है। आँकड़ो के अनुसार, बिहार में सबसे अधिक 68% बाल विवाह की घटनाएं होती है जबकि हिमाचल प्रदेश में सबसे कम 9% बाल विवाह होते है।
यह सोच कर बड़ा अजीब लगता हैं कि वह भारत जो अपने आप में एक महाशक्ति के रूप में उभर रहा हैं उसमें आज भी एक ऐसी कुरीति जिन्दा हैं। एक ऐसी कुरीति जिसमें दो अपरिपक्व लोगो को जो आपस में बिलकुल अनजान हैं उन्हें जबरन ज़िन्दगी भर साथ रहने के एक बंधन में बांध दिया जाता हैं और वे दो अपरिपक्व बालक शायद पूरी ज़िन्दगी भर इस कुरीति से उनके ऊपर हुए अत्याचार से उभर नहीं पाते हैं और बाद में स्तिथियाँ बिलकुल खराब हो जाती हैं और नतीजे तलाक और मृत्यु तक पहुच जाते हैं।
तो क्या यह प्रथा भारत में आदिकाल से ही थी? या इसे बाद में प्रचलन में लाया गया? और यदि बाद में लाया गया तो इसका क्या कारण था?
यह प्रथा भारत में शुरू से नहीं थी। ये दिल्ली सल्तनत के समय में अस्तित्व में आया जब राजशाही प्रथा प्रचलन में थी। भारतीय बाल विवाह को लड़कियों को विदेशी शासकों से बलात्कार और अपहरण से बचाने के लिये एक हथियार के रूप में प्रयोग किया जाता था। बाल विवाह को शुरु करने का एक और कारण था कि बड़े बुजुर्गों को अपने पौतो को देखने की चाह अधिक होती थी इसलिये वो कम आयु में ही बच्चों की शादी कर देते थे जिससे कि मरने से पहले वो अपने पौत्रों के साथ कुछ समय बिता सकें।
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