Circus ke janvaro ke upar 10 Vakya
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आज के युग में सर्कस मनोरंजन का एक महत्वपूर्ण साधन है । विशेषकर बच्चों के लिए मनोरंजन का एक स्वस्थ साधन है । दशहरे की छुट्टियों में एक विशाल सर्कस हमारे शहर में आया । जिसका नाम डिजनी लैंड सर्कस था ।यह एक अन्तर्राष्ट्रीयख्याति प्राप्त सर्कस था, जैसे ही विशेसकर बच्चों को मालूम हुआ कि डिजनी लैंड सर्कस आगरा शहर में आया है, भीड़ की भीड़ सर्कस देखने के लिए पहुँची । मैंने भी पापा और मम्मी से सर्कस में चलने की जिद की ।25 जनवरी की शाम सपरिवारसर्कस देखने के लिए रामलीला मैदान पहुँचे जहाँ पर सर्कस लगा हुआ था । सर्कस एक बहुत विशाल तम्बू में लगा हुआ था, जो बिजली की रोशनी से सजाया गया था ।चमकीले झालरों से सर्कस के तम्यू को चारों तरफ से सजाया गया था । तीन, श्रेणियों के टिकट थे ।प्रथम श्रेणी के टिकट की सीटें सबसे आगे थीं, द्वितीय श्रेणी की उससे पीछे, तृतीय श्रेणी की सीट सबसे पीछे थी । हमने प्रथम श्रेणी का टिकट खरीदा । सारी सीटें सर्कस के चारों तरफ अर्द्धवृत्ताकार रूप से लगायी गई थीं और दर्शकों की एक विशाल भीड़ वहाँ मौजूद थी ।शाम का समय था । सर्कस का दूसरा शो साढ़े छ: बजे शुरू हुआ । तम्यू में खिलाड़ियों का एक समूह आया जो बडे सक्रिय दिखाई पड़ते थे । उन्होंने अपने करतब एक बड़ी रस्सी पर दिखाये और एक साथ हवा के अन्दर कलाबाजियाँ खाईं ।उसके बाद रिंग मास्टर और तीन शेर आये । वो शेर दहाड़ रहे थे और गुर्रा रहे थे । वहाँ पर बैठे बच्चे शेर की दहाड़ सुनकर सहम गये । रिंग मास्टर ने हवा में चाबुक मारी और सारे के सारे शेर पालतू कुत्ते की तरह उसकी आज्ञा का पालन करने लगे । शेरों ने जलते हुए गोलाकार में से छलांग लगाई और चारों तरफ दौड़ने लगे ।रिंग मास्टर की आज्ञा पर शेरों ने और भेड़ ने एक ही बर्तन में पानी पिया । उसके बाद हमने पाँच घोड़ों को देखा । चाबुक देखकर वह घोड़े दौड़ने लगते और रूक जाते । इसके बाद हाथी का आगमनहुआ । वह नाच रहा था तथा एक स्टूल पर बैठ गया । वो अपनी सूंड में एक पानी की बोतल लाया था जिसको उसने प्यास लगने पर पिया । हाथी ने कई और प्रकार के करतब दिखाये ।ADVERTISEMENTS:कुछ समय बाद मोटर धावक आया जिसने मौत के कुएँ में घुमा-घुमाकर अपनी मोटर गाड़ी चलाई । ये करतब देखकर दर्शक भी दंग रह गये । दो जोकर जिनके चेहरे रंगों से पुते हुए थे । जिन्होंने हमारा बड़ा मनोरंजन किया । जैसे ही दर्शकों ने उनको देखा तो अपनी हँसी को रोक न सके । जोकरों का कार्य केवल हमें हँसाना था । रमक वाद पाँच बंदरों का आगमन हुआ जो साइकिल चला रहे थे । वो अपनी साइकिलसे उतरे । दर्शकों को सलाम किया और चले गये ।उसके करतबों ने बाँधे रखा और अन्त में कलाकार मण्डली ने हमें धन्यवाद दिया और शो समाप्त हो गया । हमारा पूर्ण मनोरंजन हुआ और हम संतुष्ट भी थे और हमारी एक अच्छी शाम गुजरी । सच है सपरिवार सर्कस देखने का मजा कुछ और ही ह
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