Class 10th
Hindi
'अब कहां दूसरों के दुख से दुखी होने वाले 'पाठ के आधार पर मानव और प्रकृति का असंतुलन बताइए ।
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पाठ अब कहां दूसरों के दुख से दुखी होने वाले के माध्यम से हमें यह पता चलता है कि मानव ने अपने और प्रकृति के बीच में एक असामान्य सा असंतुलन बना लिया है मानव ने पशुओं से उनके घर छीन लिए मानव ने पेड़ों को बड़ी बेरहमी से काट दिया जो उन्हें सांस लेने में मदद करते थे समुद्र से उसका फैलाव छीन लिया जो समुंद्र अपने पैरों को फैलाकर लेटा था अब वह बैठ गया फिर मानव ने उससे उसकी और जमीन मांगी फिर वह सिकुड़ गया कहते हैं ना जो जितना बड़ा होता है उसे उतना ही ज्यादा गुस्सा आता है तो बस होना क्या था 2003 में मुंबई में आई बाढ़ ने मानव को उसकी औकात दिखाई उसे यह बताया कि प्रकृति और मानव के बीच एक संतुलन है जिसे असंतुलित करने की कोशिश ना की जाए अन्यथा परिणाम भयंकर हो सकते हैं।
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