class 8 chapter 9 kabir ki sakhiya
likhiye
Q:garv tyag karne se kya labh hai?
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संत कबीरदासजी कहते है कि गर्व त्याग करने से हमें प्रेम के रूप में ईश्वर की भक्ति की प्राप्ति होती है। गर्व को त्याग करने से ही हमें प्यार के महत्व का ग्यान होता है। मनुष्य को गर्व त्याग कर प्रेम से रहना चाहिए क्योंकि ईश्वर सर्वशक्तिमान है वही सब कुछ करने वाला है। इसके त्याग से हम भेदभाव की रेखा को मिटा सकते है। ईश्वर की भक्ति भी उसे ही प्राप्त होती है जो आत्म त्याग करता है, अपने अहं को नष्ट कर देता है।
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