Hindi, asked by ashish516665, 8 months ago

class 9 kshitij chapter 1 summary​

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दो बैलों की कथा

यह दो बैलों की कथा प्रेमचंद्र के द्वारा लिखी गई एक कथा है । इस कथा में हीरा और मोती नाम के दो बैल रहते हैं । प्रेमचंद के अनुसार - जानवरों में गधा सबसे ज्यादा बुद्धिमान समझा जाता है ‌। हम जब किसी आदमी को पहले दर्जे का बेवकूफ कहना चाहते हैं , तो उसे गधा कहते हैं । ऋषि मुनियों के जितने गुण हैं वह सभी उसमें पारा कास्ट को पहुंच गए हैं । पर आदमी उसे बेवकूफ कहता है । सद्गुणों का इतना अनादर कहीं नहीं देखा । कदाचित सीधा पन संसार के लिए उपयुक्त नहीं है , भारतवासियों की अफ्रीका में क्या दुर्दशा हो रही है । क्यों अमेरिका में उन्हें घुसने नहीं दिया जाता बेचारे शराब नहीं पीते चार पैसे कुसमय के लिए बचा कर रखते हैं। जी तोड़ कर काम करते हैं , किसी से लड़ाई झगड़ा नहीं करते चार बातें सुनकर गम खा जाते हैं फिर भी बदनाम है ।

अब हम कथा की ओर चलते हैं - झूरी काछी के दो बैलों के नाम थे हीरा और मोती । दोनों पछिई जाति के थे ।

यह यह दोनों देखने में सुंदर , काम में चौकस , डिल में ऊंचे , । बहुतबहुत दिनों तक दोनों साथ रहते रहते इन दोनों में भाईचारा और आपसे प्यार बहुत ज्यादा बन गया था , दोनों दोनों अपनी मूक भाषा में विनय विचार करते थे । यह यह दोनों एक दूसरे की मन की बात समझ लेते थे । दोनों दोनों एक दूसरे को चाट कर सुनकर अपना प्रेम प्रकट करते थे । कभी-कभी कभी-कभी दोनों सिम भी मिला लिया करते थे - विग्रह विग्रह के नाते से नहीं केवल विनोद के भाव से । जिस बैल की हाल में ज्योति जाते तब गर्दन हिला हिला कर चलते , उस उस वक्त हर एक की यही चेस्टा होती थी कि ज्यादा से ज्यादा बोझ मेरे ही गर्दन पर रहे । एक एक बार झूरी ने गोई को ससुराल भेज दिया । भाई भाई लोगों को मालूम , वह क्यों भेजे जा रहे हैं । समझे समझे मालिक ने हमें बेच दिया है । जोहरी जोहरी को बैल को ले जाने में बहुत दिक्कतें हुई । शाम होते-होते दोनों घर पहुंच गए ।‌ दिन भर भूखे थे लेकिन जब नाद में लगाए गए तो एक ने भी उसमें मुंह ना डाला । दिन भारी हो रहा था जिसे उन्होंने अपना घर समझ रखा था , वह आज उनसे छूट गया था । 1 दिन दोनों बैठ अपने घर वापस भाग गए , उनका मालिक देख कर खुश हुआ । लेकिन जब उसकी पत्नी ने देखा तो वह जल उठी । और स्त्री ने रोब से कहा बस तुम ही तो बहनों को खिलाना जानते हो और तो सभी पानी पिला पिला कर रखते हैं ।‌

दूसरे दिन झूरी का साला आया और बैलों को वापस ले गया । और उसने दोनों को मोटी रस्सी में से बांधा और कल की शरारत का मजा चखाया । फिर वही सूखा भूसा डाल दिया

दूसरे दिन गया ने बैलों को हल में जोता । गया इन दोनों को बहुत मारता । गया ने इन्हें बहुत जोता । मोती कहता अगर यह गले में बड़ी-बड़ी रसिया न होती तो दोनों पकड़ाई में ना आते ।

मोती भोला कहो तो दिखा दूं कुछ मजा मैं भी

हीरा ने समझाया नहीं भाई खड़े हो जाओ।

मुझे मारेगा तो मैं भी एक दो को गिरा दूंगा ।

दोनों पकड़े गए फिर दोनों के सामने भूसा डाला गया । दोनों चुपचाप खड़े रहे । उस वक्त छोटी सी लड़की दो रोटियां लिए निकली और दोनों के मुंह में देकर चली गई । उस एक रोटी से इनकी भूख तो क्या शांत होती , पर दोनों के हृदय को मानो भोजन मिल गया । यह गया के पहली पत्नी का बेटी थी । दोनों बहुत कम खाते इसलिए कमजोर हो गए थे । रात को जब बालिका रोटियां खिला कर चली गई , दोनों की पूंछ खड़ी हो गई । उसने उनके माथे पर हाथ से लाया और बोली खोल देती हूं । चुपके से भाग जाओ । नहीं तो यहां के लोग तुम्हें मार डालेंगे । आज घर में साला हो रही है कि इनकी नाको में नाथ डाल दिया जाए । लड़की ने रस्सी खोल दी । लड़की चिल्लाई दोनों फूफा वाले बैल भाग गए । दोनों भागे जा रहे हैं जल्दी दौड़ो ! गया हड़बड़ा कर भीतर से निकला और भाई लोगों को पकड़ने चला । दोनों भागे जा रहे हैं गया ने पीछा किया । दोनों सीधे दौड़ते चले गए वह कहां है किसी को कोई पता नहीं यार तक की रास्ते का ज्ञान भी नहीं है । दोनों खेत के किनारे होकर सोचने लगे अब क्या करना चाहिए । हीरा बोलता है लगता है राह भूल गए । तुम भी बेतहाशा भागे । दोनों का बहुत भूख लगी थी खेत में मटर खड़ी थी । दोनों चरने लगे रह-रहकर आहट ले रहे थे । जब पेट भर गया दोनों ने आजादी का अनुभव किया ।

सामने एक साँड खड़ा था । दोनों मित्र बगल से झांक रहे थे । सांड पूरी तरह हाथी जैसा लग रहा था । हीरा ने चिंतित आवाज में कहा अपने घमंड में भूला हुआ है । अर्जुन विनती नहीं सुनेगा भाग लेते भाग लेते हैं । मोती बोलता है , भागना कायरता होगा ‌।

तो फिर यही मरो ।

और जो दौड़ आए ?

तो फिर कोई उपाय सोचो जल्द !

उपाय यही है कि उस पर दोनों एक साथ हमला करें । मैं आगे से दौडूगा तुम पीछे से दौड़ो दोहरी मार पड़ेगी तो भाग खाड़ा होगा । दोनों ने सांड को हरा दिया । दोनों मित्र विजय होकर झूम रहे थे । फिर भूख लगी सामने मटर का खेत था ही । मोती उसमें घुस गया , हीरा ने मना किया फिर भी वह खाते चला । अभी दो ही 4 खाए थे । उतने में ही 2 आदमी लाठियां लेकर दौड़े और दोनों मित्रों को घेर लिया । हीरा तो मेड़ पर ही था । भाग गया । मोती खींचे हुए खेत में था । दोनों मित्र को जानवरों के कैद खाने में ले जाया गया । वहां पर बहुत सारे जानवर भी थे । इन दोनों ने दीवार तोड़ दी ‌। लेकिन एक के गले में ज्यादा मोटी रस्सी बनी थी । एक नहीं भाग पाया तो दूसरा भी वहीं रुक गया । बाकी जानवर भाग गए । सुबह हुई कसाई इन दोनों को लेते जा रहा था । तभी इन दोनों ने अपना रास्ता पहचान लिया । और कसाई से छूटकर भाग गए । दोनों अपने मालिक के पास पहुंचे और उनका हाथ चाटने लगे । कसाई बोला यह मेरे बैल है । लेकिन मालिक ने बोला यह मेरे हैं इसीलिए मेरे पास आए हैं । लेकिन यह मेरे हैं तभी कुछ लोग वहां आ खड़े हुए ‌। सभी लोग बोलने लगे यह तो झूरी का बैल है । कसाई डर गया और वह चला । जूरी ने बैलों को बांधकर उन्हें खाने को दिया । सभी लोग वहां तालियां बजाने लगे ।

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