Hindi, asked by abhishekbgs6589, 1 year ago

Clean ganga misson In Hindi

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Answered by iswar7
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स्वच्छ भारत अभियान शुरू हुआ 2 ओकतूबर 2014 को ।  शुरुवाद किया पी. एम.  मोदी ने।  इस में  भारतीय सरकार  सब  लोगों को  पीने के लिए स्वच्छ और शुद्ध पानी,  हर परिवार के पहुँच में करेंगे।  और  कूड़ा, रद्दी को ठीक तरीके से हटवाएंगे। स्वच्छता शौचालय भी बनाएँगे।

     यही काफी नहीं है।  पवित्र गंगा नदी में पानी से बहुत से लोग  नहाते हैं ।   उसमें कपड़े ढोते हैं।  और कूड़ा, रसायन फेंकते हैं।  अशुद्ध मिलाते हैं।  इन सब कामों से  नदी का पानी प्रदूषित हो गया है।  गंगा में बहता पानी बहुत लोग पीते हैं।  और शायद  बीमार पड जाते हैं।  ऐसे होने से रोकने के लिए  "नमामि गंगे " के नाम पर  एक अभियान भी शुरू किया गया।  बजट में  पैसे भी  नियत किए गए ।
     
इस अभियान को  राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एन. एम. सी. जी.)  एक नई स्कन्ध (ब्रांच) है  राष्ट्रीय गंगा नदी   घाटी प्राधिकरण का ।  वन मन्त्राल्य और पर्यावरण मंत्रालय  इसे  2011 में  पणजीकृत    किया।   जल संसाधन , नदी विकास और ग्नगा संरक्षण  मंत्रालय के सचिव हैं  इस एन .  एम .  सी. जी . परिषद के अध्यक्ष ।  यह मिशन  पानी के गुणवत्ता और पर्यावरण को नजर में रखते हुए काम करेगा।

इसी सिलसिले में  अबतक करीबन पचास परियोजनाएं  50 शहरों में शुरू किए गए हैं।  करीबन  5000 करोड़ रु .  खर्च करेंगे।   माल-व्ययन नेटवर्क  बिचाएंगे।  उपचार संयंत्रों,  पंपिंग कारीगरों,  विदूत शव्दहगृहों, सामुदायिक शौचालयों के निर्माण करेंगे ।  यह सब  के लिए अच्छे से प्रबंधन अब तक नहीं हैं,  इसी लिए सब गंगा नदी में प्रदूषण कर देते हैं।  जहां जहां गंगा नदी बहती है, वहाँ  यह सब किए जाएंगे ।

thanks
Answered by tsurya77
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Answer:

स्वच्छ भारत अभियान शुरू हुआ 2 ओकतूबर 2014 को ।  शुरुवाद किया पी. एम.  मोदी ने।  इस में  भारतीय सरकार  सब  लोगों को  पीने के लिए स्वच्छ और शुद्ध पानी,  हर परिवार के पहुँच में करेंगे।  और  कूड़ा, रद्दी को ठीक तरीके से हटवाएंगे। स्वच्छता शौचालय भी बनाएँगे।

    यही काफी नहीं है।  पवित्र गंगा नदी में पानी से बहुत से लोग  नहाते हैं ।   उसमें कपड़े ढोते हैं।  और कूड़ा, रसायन फेंकते हैं।  अशुद्ध मिलाते हैं।  इन सब कामों से  नदी का पानी प्रदूषित हो गया है।  गंगा में बहता पानी बहुत लोग पीते हैं।  और शायद  बीमार पड जाते हैं।  ऐसे होने से रोकने के लिए  "नमामि गंगे " के नाम पर  एक अभियान भी शुरू किया गया।  बजट में  पैसे भी  नियत किए गए ।

   

इस अभियान को  राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एन. एम. सी. जी.)  एक नई स्कन्ध (ब्रांच) है  राष्ट्रीय गंगा नदी   घाटी प्राधिकरण का ।  वन मन्त्राल्य और पर्यावरण मंत्रालय  इसे  2011 में  पणजीकृत    किया।   जल संसाधन , नदी विकास और ग्नगा संरक्षण  मंत्रालय के सचिव हैं  इस एन .  एम .  सी. जी . परिषद के अध्यक्ष ।  यह मिशन  पानी के गुणवत्ता और पर्यावरण को नजर में रखते हुए काम करेगा।

इसी सिलसिले में  अबतक करीबन पचास परियोजनाएं  50 शहरों में शुरू किए गए हैं।  करीबन  5000 करोड़ रु .  खर्च करेंगे।   माल-व्ययन नेटवर्क  बिचाएंगे।  उपचार संयंत्रों,  पंपिंग कारीगरों,  विदूत शव्दहगृहों, सामुदायिक शौचालयों के निर्माण करेंगे ।  यह सब  के लिए अच्छे से प्रबंधन अब तक नहीं हैं,  इसी लिए सब गंगा नदी में प्रदूषण कर देते हैं।  जहां जहां गंगा नदी बहती है, वहाँ  यह सब किए जाएंगे ।

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