Hindi, asked by satsnalla, 1 year ago

conversation between two friends about desh bhakti in hindi

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Answered by Jaspinder
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सुरेश और महेश ने कक्षा में स्वतंत्रता आन्दोलन के बारे में पढ़ा। घर जाते समय उनके बीच हुए संवाद को सुनते हैं। सुरेश - "आज इतिहास की कक्षा के बाद मेरे मन में देश भक्ति की भावनायें उत्पन्न हो रही हैं।" महेश - "मेरे मन में तो भगत सिंह जी के बोल, मैं आज़ाद हूँ आज़ाद ही रहूँगा, गूँज रहे हैं।" सुरेश - "सचमुच हमारे नेताओं ने आजादी प्राप्त करने के लिए कितना परिश्रम करा है।" महेश - "सिर्फ परिश्रम ही नहीं उन्होंने अपना जीवन भी देश के लिए कुर्बान किया है।" सुरेश - "मेरे तो रोम रोम में अपने देश के लिए प्रेम जागृत हो रहा है, मेरा मन है कि मैं भी अपना सर्वस्व भारत माता के चरणों में अर्पण करूँ।" महेश - "मैंने तो निश्चय कर लिया है कि मैं उच्च शिक्षा प्राप्त करके विदेश नहीं जाऊँगा। भारत में रहकर उसकी प्रगति के लिए प्रयास करूँगा।" सुरेश - "मैंने भी सोच लिया है कि मैं अपने देश प्रेमियों के त्याग को व्यर्थ नहीं होने दूँगा। अपनी अमूल्य आज़ादी को बनाये रखने, और देश की उन्नति के लिए काम करूँगा।" महेश ने गाना शुरू करा - "ये भारत वो भारत है जिसके पीछे संसार चला।" सुरेश गाने लगा - "भगवान करे ये और बढ़े, बढ़ता ही रहे और फूले फले।"
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