Hindi, asked by swarthidhakar, 8 hours ago

corona ने कैसे बदला व्यक्ति और समाज का जीवन पर निबंध​

Answers

Answered by DANGERADITYA3616
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Explanation:

रातों को जागता रहता हूं और सोचता रहता हूं कि मेरे अपनों का भविष्य क्या होगा. मेरे दोस्तों और रिश्तेदारों का क्या होगा?

मैं सोचता हूं कि मेरी नौकरी का क्या होगा. हालांकि, मैं उन भाग्यशाली लोगों में से हूं जिन्हें अच्छी 'सिक पे' मिलती है और जो ऑफिस से बाहर रहकर भी काम कर सकते हैं. मैं यह ब्रिटेन से लिख रहा हूं जहां मेरे कई सेल्फ-एम्प्लॉयड दोस्त हैं, जिन्हें कई महीनों तक पैसे मिलने की उम्मीद नहीं है. मेरे कई दोस्तों की नौकरियां छूट गई हैं.

जिस कॉन्ट्रैक्ट के ज़रिए मुझे मेरी 80 फ़ीसदी सैलरी मिलती है वह दिसंबर में ख़त्म हो गया. कोरोना वायरस ने इकॉनमी पर तगड़ी चोट की है. ऐसे में जब मुझे नौकरी की ज़रूरत होगी, क्या उस वक़्त कोई ऐसा होगा जो भर्तियां कर रहा होगा?

Answered by PrinceJK786
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Answer:

जो लोग अपने पूरे जीवन का सारा हासिल सिर पर लादकर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने के लिए निकल पड़े हैं, उनके बारे में एक बात यकीन के साथ कही जा सकती है कि उन्हें न तो सरकार से कोई उम्मीद है, न ही समाज से. वे सिर्फ़ अपने हौसले के भरोसे अब तक ज़िंदा रहे हैं, और सिर्फ़ उस हौसले को ही जानते-मानते हैं.

दार्शनिक कह रहे हैं कि कोरोना के गुज़र जाने के बाद दुनिया हमेशा के लिए बदल जाएगी. 9/11 के बाद दुनिया कितनी बदल गई, ये हममें से बहुत लोगों ने देखा है, कोरोना का असर कहीं ज़्यादा गहरा है इसलिए दुनिया भर में बदलाव होंगे, हर तरह के बदलाव.

भारत में हो सकने वाले बदलावों को समझने के लिए ज़रूरी है कि हम दो तस्वीरों को अपने दिमाग़ में बिठा लें, एक तस्वीर आनंद विहार बस अड्डे पर उमड़े मजबूर लोगों के हुजूम की, और दूसरी तस्वीर अपने ड्रॉइंग रूम में तसल्ली से दूरदर्शन पर रामायण देखते लोगों की, जिनमें केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं.

जिस पदयात्रा पर 'ग़रीब भारत' निकल पड़ा है, वह सरकार से ज़्यादा, हमारे समाज के लिए सवाल है. दुनिया भर में क्या हो रहा है, विज्ञान की क्या सीमाएँ हैं, चीन की क्या भूमिका है, यह सब थोड़ी देर के लिए परे रखिए.

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