CV Raman के बारे में १०० शब्दों में लिखेये
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सर रामन एक महान वैज्ञानिक थे । वे पहले भारतीय और वैज्ञानिक थे जिन्हें विज्ञान में सन् 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था । यह सम्मान उन्हें अपने एक महत्वपूर्ण आविष्कार ‘रामन प्रभाव’ के लिए दिया गया था ।
रामन ने कठोर परिश्रम और सतत् प्रयोगों से पाया कि प्रकाश किरणों को नए पदार्थ में से होकर गुजारने पर स्पेक्ट्रम में कुछ नई रेखाएँ प्राप्त होती हैं । यही रामन प्रभाव का आधार था । उनका यह अन्वेषण और आविष्कार पदार्थों की आणविक संरचना समझने में बड़ा सहायक हुआ । इसकी सहायता से अब तक हजारों पदार्थों की सरंचना को समझाजा सका है।
लेसरके आविष्कार ने रामन प्रभाव को महत्त्व और भी बढ़ा दिया है । सर रामन ने चुम्बक और संगीत के क्षेत्र में भी अनेक अनुसंधान किये । उनका पूरा नाम चन्द्रशेखर वेंकट रामन था । उनका जन्म त्रिचनापल्ली स्थान पर 7 नवम्बर सन् 1888 को हुआ था । रामन बचपन से ही पढ़ने-लिखने में गहरी रुचि लेते थे । इनके पिता भौतिक विज्ञान के प्राध्यापक थे ।
HOPE IT HELPS YOU
रामन ने कठोर परिश्रम और सतत् प्रयोगों से पाया कि प्रकाश किरणों को नए पदार्थ में से होकर गुजारने पर स्पेक्ट्रम में कुछ नई रेखाएँ प्राप्त होती हैं । यही रामन प्रभाव का आधार था । उनका यह अन्वेषण और आविष्कार पदार्थों की आणविक संरचना समझने में बड़ा सहायक हुआ । इसकी सहायता से अब तक हजारों पदार्थों की सरंचना को समझाजा सका है।
लेसरके आविष्कार ने रामन प्रभाव को महत्त्व और भी बढ़ा दिया है । सर रामन ने चुम्बक और संगीत के क्षेत्र में भी अनेक अनुसंधान किये । उनका पूरा नाम चन्द्रशेखर वेंकट रामन था । उनका जन्म त्रिचनापल्ली स्थान पर 7 नवम्बर सन् 1888 को हुआ था । रामन बचपन से ही पढ़ने-लिखने में गहरी रुचि लेते थे । इनके पिता भौतिक विज्ञान के प्राध्यापक थे ।
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VernikaMittal1:
if it is correct plz mark as brainlist
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