Hindi, asked by kravikant5620, 16 days ago

ड. अमेरिकी राजनीति व्यवस्था में दबाव समूहों की भूमिका की वर्णन करें।​

Answers

Answered by manojdhakar733
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Answer:

दबाव समूह का वर्तमान राजनीतिक व्यवस्थाओं में विशेष स्थान है। ... दबाव समूहों के संदर्भ में कहा जा सकता है कि जब कोई संगठन अपने सदस्यों के हितों की पूर्ति के लिए राजनीतिक सत्ता को प्रभावित करता है और उनकी पूर्ति के लिए दबाव डालता है तो उस संगठन को 'दबाव समूह' कहते हैं।

औपचारिक दबाव समूह भारत मे निम्न प्रकार के है । 1. व्यवसाय समूह - जैसे फिक्की , एसोचेम ,एमओ इत्यादी

2. व्यापार संघ - जैसे AITUC , INTUC , HMS , CITU इत्यादि

3. खेतिहर समूह - जैसे भारतीय किसान यूनियन , ऑल इंडिया किसान सभा , भारतीय किसान सभा इत्यादि

4. छात्र संगठन - जैसे ABVP , NSUI , AISA इत्यादि

5. पेशेवर समितियां - जैसे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन , बार काँसिल ऑफ इंडिया इत्यादि

6. धार्मिक संगठन - जैसे आरएसएस , विहिप , जमात - ए - इस्लामी , शिरोमणि अकाली दल इत्यादि

7. जातीय समूह - जैसे हरिजन सेवक संघ , कायस्थ समूह , ब्राह्मण सभा , राजपूत समूह इत्यादि

8. भाषागत समूह - तमिल संघ , नागरी प्रचारिणी सभा , हिंदी साहित्य सम्मेलन इत्यादि

9. आदिवासी संघठन समूह - NSSCN , PLA , JMM , TNU इत्यादि

10. विचारधारा समूह - जैसे अम्बेडकवादी ,गांधीवादी, पर्यावरणवादी इत्यादि

Answered by krishna210398
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Answer:

दबाव समूह ( Pressure Group) अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए नीति निर्माताओं को प्रभावित करने वाले ऐसे संगठन है जिनका संबंध विशिष्ट मसलों से होता है। 20 वीं सदी में सर्वप्रथम अमेरिकी राजनीति व्यवस्था में जन्में दबाव समूह को सर्वव्यापी मान्यता मिल चुकी है।

आज प्रायः हर अमरीकी विधायक किसी-न-किसी हित विशेष का अधिकृत प्रवक्ता होता है और उसका प्रतिनिधित्व करता है।

दबाव समूहों द्वारा विधानमण्डलों को अपने हित से प्रभावित करने का हर संभव

प्रयत्न किया जाता है। दबाव समूह स्वयं विधानमण्डल के पीछे विधानमण्डल का रूप धारण

कर चुके हैं।

प्रो० हरमन फारनर ने इन "दबाव समूहों को अज्ञात साम्राज्य की संज्ञा दी है।

सन् 1961 में अमरीकी राजनीतिशास्त्री बी.ओ.की. ने कहा था कि "अमरीकी राजनीतिक पद्धति को पर्याप्त रूप से समझना है तो गैर-सरकारी संगठनों की गतिविधियों का अध्ययन करना उपयोगी है।

अमरीका में हजारों की संख्या में हित समूह कार्यरत है तथा अपने भौतिक लक्ष्यों की उपलब्धि के लिए सक्रिय रहते हैं तथा जब वे सार्वजनिक सत्ता को प्रभावित करना प्रारम्भ करते हैं तो दबाव समूह का मूर्तरूप धारण कर लेते हैं।

Explanation:

प्रो० अर्ललद्धम ने अमरीका में दबाव गुटों की वृद्धि के चार कारण बताये हैं :

1. अमरीका की शासन प्रणाली में दबाव समूहों की उपस्थिति का मुख्य कारण संघ और राज्यों के बीच शक्ति विभाजन तथा शासन के तीनों अंगों के मध्य शक्तियों का पृथक्करण ही है।

2 अमरीका में राजनीतिक दल सुसंगठित एवं अनुशासित नहीं है जैसा कि यूरोपीय देशों के राजनीतिक दल है। कभी-कभी राष्ट्रपति को कांग्रेस को पूर्ण समर्थन भी नहीं होता। इन परिस्थितियों में प्रेशर राजनीतिक की प्रक्रिया सक्रिय हो जाती है, जो स्वाभाविक भी है।

3.

अमरीका में अपने निर्वाचन के लिए कांग्रेस के सदस्य दल पर नहीं अपितु स्वयं के प्रयासों पर ही अधिक निर्भर करते हैं, फलतः उन्हें सहायता और जीत के लिए दबाव गुटों पर निर्भर होना पड़ता है।

4. इसी तरह कार्यात्मक तथा क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व की आवश्यकता प्रेशर ग्रुपों द्वारा ही पूरी की जाती है। अमरीका में दबाव समूहों के विकास ने भौगोलिक तथा कार्यात्मक प्रतिनिधित्व की समस्या का समाधान किया है।

अमरीकी राजनीति में दबाव समूह :

1. व्यापारिक समूह,

2. विशिष्ट व्यावसायिक समूह,

3. किसान संघ,

4. मजदूर संघ,

5. धार्मिक समूह,

6. सार्वजनिक सेवा से संबंधित समूह, 7. सामरिक महत्व के हित समूह

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