डाकघर के अधीक्षक को पत्र लिखकर बताएं कि आपकी डाक आपके घर समय पर नहीं पहुँचती है|
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विवरण 'डाकघर' एक सुविधा है जो पत्रों को जमा करने (पोस्ट करने), छांटने, पहुंचाने आदि का कार्य करती है। यह एक डाक व्यवस्था के तहत काम करता है।
शुरुआत अंग्रेज़ों ने सैन्य और खुफ़िया सेवाओं की मदद के मक़सद लिए भारत में पहली बार 1688 में मुंबई में पहला डाकघर खोला।
स्वीकृति भारतीय डाकघर को राष्ट्रीय महत्व के एक अलग संगठन के रूप में स्वीकार किया गया और उसे 1 अक्टूबर 1854 को डाकघर महानिदेशक के सीधे नियंत्रण में सौंप दिया गया।
सदस्यता भारत 1876 से 'यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन' (यू.पी.यू.) का और 1964 से 'एशिया प्रशांत पोस्टल यूनियन' (ए.पी.पी.यू.) का सदस्य है।
अन्य जानकारी आज़ादी के समय देश भर में 23,344 डाकघर थे। इनमें से 19,184 डाकघर ग्रामीण क्षेत्रों में और 4,160 शहरी क्षेत्रों में थे। आज़ादी के बाद डाक नेटवर्क का सात गुना से ज्यादा विस्तार हुआ है। वर्तमान में एक लाख 55 हज़ार डाकघरों के साथ भारतीय डाक प्रणाली विश्व में पहले स्थान पर है।