Hindi, asked by ifrahzameer40621, 10 months ago

Dear student - kindly share pan copy so that we can share you letter immediately hindi meaning

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Answered by BrainlyGovind
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lमाना जाता है कि सब तरह के लेखों का आधार कागज है, कागज पर ही सब कुछ लिखा जाता है पर यदि कलम सत्याग्रह कर दे, तो कागज महोदय की सारी शान किरकिरी हो जाए।

माना जाता है कि सब तरह के लेखों का आधार कागज है, कागज पर ही सब कुछ लिखा जाता है पर यदि कलम सत्याग्रह कर दे, तो कागज महोदय की सारी शान किरकिरी हो जाए। काल में जो चाहे लिखे कागज चूं तक नहीं कर सकता। कुछ कहीं भी कैसे कलम बिगड़ बैठे तो पल भर में कागज की छाती को चीरकर ना रख दे।

माना जाता है कि सब तरह के लेखों का आधार कागज है, कागज पर ही सब कुछ लिखा जाता है पर यदि कलम सत्याग्रह कर दे, तो कागज महोदय की सारी शान किरकिरी हो जाए। काल में जो चाहे लिखे कागज चूं तक नहीं कर सकता। कुछ कहीं भी कैसे कलम बिगड़ बैठे तो पल भर में कागज की छाती को चीरकर ना रख दे।

माना जाता है कि सब तरह के लेखों का आधार कागज है, कागज पर ही सब कुछ लिखा जाता है पर यदि कलम सत्याग्रह कर दे, तो कागज महोदय की सारी शान किरकिरी हो जाए। काल में जो चाहे लिखे कागज चूं तक नहीं कर सकता। कुछ कहीं भी कैसे कलम बिगड़ बैठे तो पल भर में कागज की छाती को चीरकर ना रख दे। कलम एक झाड़ी से पैदा होती है कलम का नया रूप फाउंटेन पैन है।

माना जाता है कि सब तरह के लेखों का आधार कागज है, कागज पर ही सब कुछ लिखा जाता है पर यदि कलम सत्याग्रह कर दे, तो कागज महोदय की सारी शान किरकिरी हो जाए। काल में जो चाहे लिखे कागज चूं तक नहीं कर सकता। कुछ कहीं भी कैसे कलम बिगड़ बैठे तो पल भर में कागज की छाती को चीरकर ना रख दे। कलम एक झाड़ी से पैदा होती है कलम का नया रूप फाउंटेन पैन है। कलमा के लिए कुछ नहीं कर सकती सदा स्याही को साथ मिलाकर ही अपने करतब दिखाती है।

माना जाता है कि सब तरह के लेखों का आधार कागज है, कागज पर ही सब कुछ लिखा जाता है पर यदि कलम सत्याग्रह कर दे, तो कागज महोदय की सारी शान किरकिरी हो जाए। काल में जो चाहे लिखे कागज चूं तक नहीं कर सकता। कुछ कहीं भी कैसे कलम बिगड़ बैठे तो पल भर में कागज की छाती को चीरकर ना रख दे। कलम एक झाड़ी से पैदा होती है कलम का नया रूप फाउंटेन पैन है। कलमा के लिए कुछ नहीं कर सकती सदा स्याही को साथ मिलाकर ही अपने करतब दिखाती है। अफसरों की कलम से निकलती हुई आज्ञा को कोई टाल नहीं सकता।

माना जाता है कि सब तरह के लेखों का आधार कागज है, कागज पर ही सब कुछ लिखा जाता है पर यदि कलम सत्याग्रह कर दे, तो कागज महोदय की सारी शान किरकिरी हो जाए। काल में जो चाहे लिखे कागज चूं तक नहीं कर सकता। कुछ कहीं भी कैसे कलम बिगड़ बैठे तो पल भर में कागज की छाती को चीरकर ना रख दे। कलम एक झाड़ी से पैदा होती है कलम का नया रूप फाउंटेन पैन है। कलमा के लिए कुछ नहीं कर सकती सदा स्याही को साथ मिलाकर ही अपने करतब दिखाती है। अफसरों की कलम से निकलती हुई आज्ञा को कोई टाल नहीं सकता। लेखक का नाम से ही बड़ी-बड़ी पुस्तके लिखते हैं कलम का बड़ा दबदबा है।

माना जाता है कि सब तरह के लेखों का आधार कागज है, कागज पर ही सब कुछ लिखा जाता है पर यदि कलम सत्याग्रह कर दे, तो कागज महोदय की सारी शान किरकिरी हो जाए। काल में जो चाहे लिखे कागज चूं तक नहीं कर सकता। कुछ कहीं भी कैसे कलम बिगड़ बैठे तो पल भर में कागज की छाती को चीरकर ना रख दे। कलम एक झाड़ी से पैदा होती है कलम का नया रूप फाउंटेन पैन है। कलमा के लिए कुछ नहीं कर सकती सदा स्याही को साथ मिलाकर ही अपने करतब दिखाती है। अफसरों की कलम से निकलती हुई आज्ञा को कोई टाल नहीं सकता। लेखक का नाम से ही बड़ी-बड़ी पुस्तके लिखते हैं कलम का बड़ा दबदबा है।मेरी कलम, कलम की पूरी कथा कहने से कतराती है।

माना जाता है कि सब तरह के लेखों का आधार कागज है, कागज पर ही सब कुछ लिखा जाता है पर यदि कलम सत्याग्रह कर दे, तो कागज महोदय की सारी शान किरकिरी हो जाए। काल में जो चाहे लिखे कागज चूं तक नहीं कर सकता। कुछ कहीं भी कैसे कलम बिगड़ बैठे तो पल भर में कागज की छाती को चीरकर ना रख दे। कलम एक झाड़ी से पैदा होती है कलम का नया रूप फाउंटेन पैन है। कलमा के लिए कुछ नहीं कर सकती सदा स्याही को साथ मिलाकर ही अपने करतब दिखाती है। अफसरों की कलम से निकलती हुई आज्ञा को कोई टाल नहीं सकता। लेखक का नाम से ही बड़ी-बड़ी पुस्तके लिखते हैं कलम का बड़ा दबदबा है।मेरी कलम, कलम की पूरी कथा कहने से कतराती है।पढ़ें - स्याही पर निबंध

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