DEBATE ON HINDI BHASHA KA GIRTA STER IN HINDI
Answers
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा नहीं बल्कि हमारी राज भाषा है. संविधान के भाग-१७ के अनुच्छेद ३४३ के अनुसार हिंदी को संघ की राजभाषा का दर्ज़ा दिया गया है. आज भी हिंदी भाषा की पहुँच सबसे ज्यादा क्षेत्रों में हैं...पर आज आधुनिकता और बदलते वातावरण के चलते हिंदी से हमारा नाता खत्म होता हुआ सा नजर आता है. पहले की पढ़ाई और अब की पढ़ाई में ज़मीन और आसमान का अंतर है. आज लोग हिंदी की बजाय अंग्रेजी को ज्यादा महत्व दे रहे हैं. आज कल जिसे दो वाक्य अंग्रेजी नहीं बोलने आती उसे समाज से पीछे का समझा जाता है. आज लोग अपने बच्चों को शिक्षा देने के लिए कॉन्वेंट स्कूलों का सहारा ले रहे हैं. आज लोग परा-स्नातक की उपाधि तो ले लेते हैं पर दो लाइन न शुद्ध हिंदी लिख पाते हैं न बोल पाते हैं.
आज सभी की मानसिकता हिंदी को लेकर बहुत ज्यादा बदल गयी है उन्हें लगता है कि हिंदी तो बहुत सरल है और जहाँ तक मुझे लगता है अंग्रेजी की अपेक्षा हिंदी ज्यादा कठिन है. पहले के कबीरदास, सूरदास, तुलसीदास, भारतेंदु हरिश्चंद्र, रामधारी सिंह दिनकर, महादेवी वर्मा जैसे महान लोगों ने हिंदी को अपनी परकाष्ठा पर पहुँचाया था. इन लोगों ने हिंदी को एक नयी दिशा दी थी. परन्तु आज ये विलुप्त होती सी दिख रही है. हिंदी से बढ़ती इस तरह की दूरी से लोगों को छोटी (ई), बड़ी (ई), छोटा (उ), बड़ा (ऊ) में फर्क करना बड़ा मुश्किल सा हो गया है. आज अमूमन जिस तरह हम बोलते, बातचीत करते हैं, उसी को हिंदी समझ लेते हैं. परन्तु ऐसा बिलकुल नहीं है.
आज हिंदी दिवस है और हर जगह बड़े-बड़े शहरों, जिलों आदि में गोष्ठी, सभाएं, चर्चाएँ आदि हो रही होगी. क्यूंकि हमारे यहाँ तो जिस दिन जो भी दिवस पड़ता है उस दिन उसको बखूबी याद किया जाता है. हिंदी से बना हिंदुस्तान और हिन्दुस्तानी होने के नाते हमारा ये फ़र्ज़ बनता की हिंदी भाषा को हम सभी बढ़ावा दें, जिससे हम आगे के लिए अपने कठिन रास्ते को आसन कर लें. हिंदी से ही हम सभी की पहचान है.