denik jivan me payavarn ke mahatv ko udharan shahit 120 shabdo me varn kijiye
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पर्यावरण वह आवरण है जिसमें हम सभी धरती के प्राणी रहते हैं। हमारे आस-पास की प्रत्येक वस्तु एवं दृश्य-अदृश्य जीवन एक दूसरे को प्रभावित करते हैं तथा पर्यावरण को सन्तुलित रखते हैं। पर्यावरण के संकुचित अर्थ में जल, ताप, वायु, पेड़, पौधे आदि आते हैं, किन्तु विस्तृत अर्थों में इसके अतिरिक्त हमारे आचार-विचार एवं कर्म-व्यवहार भी समाहित हैं। यदि ऐसा न होता तो आज वैज्ञानिकों द्वारा भगवान श्रीकृष्ण की मुरली की मधुर आवाज वातावरण (अनंत) में नहीं ढूंढी जाती। जगत के समस्त प्राणियों में मानव सबसे ज्यादा प्रज्ञ और चिन्तनशील प्राणी है। आदिकाल में आद्यावधि वह अपनी इन्हीं विशेषताओं के कारण प्रगति पथ पर उत्तरोत्तर अग्रसर है। कभी बादल की गरज और बिजली की चमक को ईश्वरीय प्रकोप समझकर डर जाने वाला, नंग-धड़ंग, खाना-बदोश मानव एक ओर आज बिना पंख के उड़ रहा है, घर बैठे देश-विदेश की खबरें ले रहा है, चाँद के बाद मंगल पर उतर चुका है। वहीं दूसरी ओर सुख-सुविधाओं के चक्कर में वह कुछ ऐसी गलतियाँ भी करता जा रहा है, जो उसके स्वयं के साथ-साथ सम्पूर्ण भू-जीवन के लिये अभिशाप बनती जा रही हैं। मानव द्वारा की जाने वाली उन गलतियों में सबसे बड़ी गलती है- पर्यावरण को प्रदूषित किया जाना है, जिसे पर्यावरण प्रदूषण कहते हैं।
इसमें दो राय नहीं कि जब तक हमारा पर्यावरण स्वच्छ नहीं होगा तब तक सर्वांगीण विकास की बात बेमानी होगी। जीवन का उद्देश्य अत्यधिक धन नहीं अत्यधिक सुख और शांति प्राप्त करना है। धन के द्वारा न तो सुख-शांति खरीदी जा सकती है और न ही निर्भय-नैरोग्य जीवन। ‘स्वास्थ्य ही जीवन है’ के सिद्धांत पर संकल्प पूर्वक विचार करने की आवश्यकता है। अच्छे स्वास्थ्य का निर्माण अच्छे वातावरण में ही सम्भव है जिसे हम पर्यावरण कहते हैं।
Answer:
dainik jivan me prayavaran ka atya adhik mahatv hai.. hamare charo taraf vayu(air) , mitti(soil) , pani(water) , ped-paudhe(trees and plants) etc hain.
ye sabhi saath milkar hamara paryavaran kehlate hain aur jinse hum charo taraf se ghire hue hain....
paryavaran ka mahatv ko is prakar vyakt kiya ja sakta hai:-
1- paryavaran me vayu hoti hai jisse hum breath yani saans lete hain. jaise ki sabko hi pta hai ki vayu ke bina ek pal bhi manushya (human being) jivit nahi reh sakte.
2- mitti jiske through hi hame anek prakar ke paudhe(different type of plants)milte hai jiske bare me hum aage padhenge.
3- pani ya water yeh dainik jivan ka ek mahatvpurn hissa hai. pani hamari pyas bujhane ke saath hi hame anek prakar ke bimariyon se bachane ka karya bhi karta hai. yeh hamari body se gandgi ko nikal kar hame nirog banata hai.
aur iska dainik kamo me to prayog kiya hi jata hai,Ex- kapde dhone me, khana banane me, etc.
4- plants ye hamare paryavaran yani environment ka ek main hissa hai ye hame khane ki chijon ke saath hi hame chaya bhi deta hai. aur environment ko sudh rakhne ka karya bhi ped paudhe hi karte hain. trees and plants ke hi karan varsha hoti hai. par aaj kal log inhen kaat dete hai aur jiske karan environmental polution bhi badh raha hai. (aasha hai ye answer aaki help karega.)
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please mark me as a brainlist. it's my humble request....