Desh Prem se sambandhit do Kavitayen with detail lekhak name
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1.राम प्रसाद बिस्मिल
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
जिन्दगी का राज-चर्चा अपने क़त्ल का
मिट गया जब मिटने वाला (अन्तिम रचना)
मुखम्मस-हैफ़ हम जिसपे कि तैयार थे मर जाने को
न चाहूँ मान दुनिया में, न चाहूँ स्वर्ग को जाना
हे मातृभूमि ! तेरे चरणों में सिर नवाऊँ
अरूज़े कामयाबी पर कभी तो हिन्दुस्तां होगा
भारत जननि तेरी जय हो विजय हो
ऐ मातृभूमि तेरी जय हो, सदा विजय हो
बला से हमको लटकाए अगर सरकार फांसी से-तराना
देश की ख़ातिर मेरी दुनिया में यह ताबीर हो
दुनिया से गुलामी का मैं नाम मिटा दूंगा
आज़ादी-इलाही ख़ैर ! वो हरदम नई बेदाद करते हैं
देश हित पैदा हुये हैं देश पर मर जायेंगे
2.सुब्रह्मण्य भारती
यह है भारत देश हमारा
जय भारत
सब शत्रुभाव मिट जाएँगे
चलो गाएँ हम
वन्देमातरम
रे विदेशियो! भेद न हममें
निर्भय
वंदे मातरम्
नमन करें इस देश को
भारत सर्वोत्कृष्ट देश है
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plzz mark as brainliest
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MARK ME AS BRAINLIST
PLEASE
TANYA
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