Hindi, asked by otikodemo12345, 1 year ago

details about ras class 10th?

Answers

Answered by avinash909
4
there are 9 types of ras in marathi. they are as follows:
1. हास्य रस
2 रौद्र रस
3 शान्त रस
4 भयंकर रस
5 बीभत्स रस
6 करुण रस
7 शृंगार रस
8 वीर रस
9 अद्भुत रस

HOPE THIS EILL HELO YOU

PLEASE MARK AS BRAINLIST

otikodemo12345: 10th
avinash909: OH but why are you asking this after the paper is over??
otikodemo12345: cbse
otikodemo12345: our exam is still going on
avinash909: yaa
avinash909: when your paper is there??
otikodemo12345: 19th march
avinash909: ok then all the best and bye!!
otikodemo12345: bye have a great day ahed
avinash909: thanxx
Answered by Anonymous
6

रस 9 प्रकार के होते है:-

1)श्रृंगार रस

इसका संबंध स्त्री-पुरुष के रति से है।इसे रसो का राजा कहा गया है।

इसके दो भेद है:-

★संयोग श्रृंगार=जब नायक-नायिका के मिलने और प्रेम क्रियाओ का वर्णन होता है ,तो संयोग श्रृंगार होता है।

उदहारण-एक जंगल है तेरी आँखों में,

मैं जहाँ राह भूल जाता हूं।

तू किसी रेल-सी गुजरती है,

मैं किसी पुल-से धरधराता हूँ।

★वियोग श्रृंगार=जब नायक-नायिका को बिछड़ने का वर्णन होता है ,तो वियिग श्रृंगार होता है।

उदहारण-निसि दिन बरसत हैं हमारे,

सदा रहति पावस ऋतु हमपे,

जबते स्याम सिधारे।

2)हास्य रस=जब किसी काव्य आदि को पढ़कर हँसी आये, तो वहाँ पर हास्य रस आएगा।

उदहारण-चींटी छड़ी पहाड़ पे मरने के वास्ते,

नीचे खड़े कपिल देव कैच करने के वास्ते।

3)करुण रस=प्रिय व्यक्ति या वस्तु की हानि का शोक जब विभाव,अनुभाव,संचारी आदि भावो से पुष्ट होकर व्यक्त होता है ,तो उसे करुण रस कहते है।

उदहारण-दुख ही जीवन की कथा रही,

क्या कहूँ आज जो नही कल।

4)शैद् रस=किसी काव्य में किसी व्यक्ति के क्रोध का वर्णन होता है,तो वहाँ शैद् रस होता है।

उदहारण-अस कहि रघुपति चाप चढ़ावा,

यह मत लद्धिमत के मन भाव।

सन्धानेहु प्रभु बिसिख कराला,

उठि ऊदशी उर अंतर ज्वाला।

5)वीर रस=जब किसी काव्य में किसी की वीरता का वर्णन होता है,तो वहाँ वीर रस होता है।

उदहारण-तनकर भाला यूं बोल उठा,

राणा मुझको विश्राम न दे।

मुझको पैरी हृदय-क्षोम ,

तू तनिक मुझे आराम न दे।

6)भयानक रस=जहाँ भय स्थायी भाव पुष्ट ओर विकसित हो,वहाँ भयानक रस होता है।

उदहारण-एक ओर अजगर हिं लखि,

एक ओर मृगराय,

बिकट बटोही बीच ही,

परयो मुर्छा खाय।

7)वीभत्स रस=जहाँ किसी वस्तु अथवा दृश्य प्रति घृणा का भाव हो,वहाँ वीभत्स रस होता है।

उदहारण-सिर पर बैठ्यो काग आंख दोउ खात निकारत,

खींचत जीभही स्यार अतिहि आनंद उर धरती,

गिद्ध जांघि को खोदि-खोदि कै माँस उपारत,

स्वान अंगुरिन काटि-काटि कै खात विदारत।

8)अद्भुत रस=जब किसी विचित्र वस्तु के देखने व सुनने से आश्चर्य का परिपोषण हो,तब अद्भुत रस होता है।

उदहारण-कनक भू धराकर सरिश,

समर भयंकर अतिबल बीरा।

9)शांत रस=जब कभी ऐसे काव्यों को पढ़कर मन मे शांति का भाव उत्पन्न हो ,तो शांत रस होता है।

उदहारण-मेरो मन अनत सुख पाते ,

जैसे उड़ी जहाज को पंछी फिर,

जहाज पै आवै।


Anonymous: Plz mark as brainliest.......
deepmala1808: Good.....
Anonymous: Thx rohan....
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