Hindi, asked by virendrakesha, 10 months ago

diary ka ek Panna paath Me vidyarthiyon ko lekhak ne kya Prerna Deni chahie hai?​

Answers

Answered by itzcutiepie777
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‘डायरी का एक पन्ना’ पाठ के माध्यम से इसके लेखक ‘सीताराम सेकसरिया’ ने आजादी के महत्व का संदेश विद्यार्थियों को देने की कोशिश की है। इस पाठ के माध्यम से उन्होने भारत की आजादी के संग्राम में क्राांतिकारियों द्वारा दी जाने वाली कुर्बानियों को याद करते हुए विद्यार्थियों को ये संदेश देने की कोशिश की है कि यदि एक बार जो मन में ठान ली जाये तो उसे लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल नही होता। हमारे क्रांतिकारियों ने आजादी के लिये जो कुर्बानियां दी है उनका कोई मोल नही है, हमे उनका महत्व समझना चाहिये।

‘डायरी का एक पन्ना’ पाठ ‘सीताराम सेकसरिया’ द्वारा लिखी गई डायरी से संबंधित है। वह अपनी निजी डायरी में कुछ ना कुछ लिखते रहते थे और प्रस्तुत पाठ में उनकी डायरी में 26 जनवरी 1931 को लिखा गया लेखा-जोखा प्रस्तुत किया गया है। यह सारी घटनाएं भारत की आजादी के संघर्ष के समय की हैं, जब महात्मा गांधी ने सत्याग्रह आंदोलन छेड़ दिया था और उनके इस आंदोलन से देश की जनता में आजादी को प्राप्त करने की चाह मन में जाग उठी थी। देश में बहुत से लोग इस आंदोलन में अपना सब कुछ त्याग कर कूद पड़े थे। लेखक सीताराम सेकसरिया भी उन्हीं लोगों में से एक थे। वह अपने आसपास जो भी घटनाएं घटित होती देखते रहते उसे अपनी डायरी में अंकित कर लेते। उनके इन्हीं संस्मरणों का एक छोटा सा हिस्सा प्रस्तुत पाठ डायरी का एक पन्ना पाठ में पेश हुआ है।

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