Hindi, asked by zero8129, 10 months ago

Difference between staffing and consulting in hindi

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Answered by anurag8351
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शैक्षिक निर्देशन – शैक्षिक निर्देशन अंग्रेजी शब्द educational  guidance का हिन्दी रूपान्तरण है जिसका अर्थ होता है मार्ग दिखाना या मार्गदर्शन ।इस प्रकार मार्गदर्शन एक व्यक्ति द्वारा किसी व्यक्ति को सहायता या परामर्श प्रदान करने की प्रक्रिया का नाम हैं।

साधारण शब्दों में निर्देशन वह प्रक्रिया है ,जिसमे हमे अनुभवी व्यक्ति के द्वारा सही मार्ग प्रशस्त किया जाता है | लेकिन  इसमें जबरन दिशा प्रदान नहीं की जाती ,बल्कि ग्रहनकर्ता की इच्छा कायम रहती है |

दुसरे शब्दों में ,निर्देशन वह प्रक्रिया है जो एक अनुभवी तथा ज्ञानी  व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को उसकी क्षमता ,कुशलता ,सम्भावना ,अभिरुचि ,व्यवहार ,प्रक्रिया तथा प्राकृतिक योग्यता को जानने तथा इनसे अधिकतम लाभ उठाकर खुद का तथा समाज का विकास करने के लिए दिया जाता है |

परिभाषा

” स्किन्नर ” नवयुवकों को स्व अपने प्रति , दूसरे के प्रति तथा परिस्थित्यिओ के प्रति समायोजन करने की प्रक्रिया मार्गदर्शन है ।

” क्रो एंड क्रो ”  मार्गदर्शन पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित एवं विशेषयज्ञता प्राप्त पुरुषों तथा महिलाओ द्वारा किसी भी आयु के व्यक्ति को सहयता प्रदान केरना है ताकि वह अपने जीवन की क्रियाओ को व्यवस्थित कर सके , अपने निजी दृृष्टिकोन विकसित कर सके , अपने आप अपने निर्णय ले सके और अपने जीवन का बोझ उठा सके ।

मार्गदर्शन की आवश्यकता

a.शिक्षा संबंधी आवश्यकता – बालको को शिक्षा के क्षेत्र में उचित रूप ए समायोजित होने के लिए एवं प्रगति के लिए मार्गदर्शन चाहिए ।

b.व्यावसायिक आवश्यकता – बालक अपनी योग्यताओ तथा शक्तियों के अनुकूल कम चुनने के लिए उचित मार्गदर्शन मिलना चाहिए ।

c.व्यक्तिगत एव मनोवज्ञानिक आवश्यकता – बालको को मानसिक उलझनों तनावो तथा चिंताओ से मुक्त करने के लिए मार्गदर्शन की आवश्यकता  हैं ।

इस प्रकार यदि हम बालको को आत्म-समायोजन तथा सामाजिक समायोजन मे सहायता प्रदान करना चाहते है तो उन्हे विकास मार्ग पर अग्रसर केरना चाहते है तो उनको मार्गदर्शन प्रदान करना होगा ।

निर्देशन के मुख्यतः तीन प्रकार होते हैं।

(1)शैक्षिक निर्देशन -:यह निर्देशन निम्नलिखित क्षेत्रों में दी जाती है |

अ . विद्यालय अथवा महाविद्यालय के चयन में

ब . पाठ्यक्रम का चयन करने में

स .पाठ्य एवं पाठ्य सहायक क्रियाओं में समायोजन करने के लिए

द .स्कूल में संतोषजनक प्रगति एवं समायोजन

(2)व्यवसायिक निर्देशन -:यह निम्नलिखित क्षेत्रों में दी जाती है |

अ .व्यवसाय का चयन करने के लिए

ब .व्यवसाय के लिए तैयारी करने के लिए

स .नौकरी में प्रवेश करने के लिए

द . छात्रों को कार्य क्षेत्र और उसकी विविध योग्यताओं से परिचय करना

(3) व्यक्तिगत निर्देशन -:यह निम्नलिखित क्षेत्रों में दी जाती है |

अ . व्यक्तिगत संवेगात्मक अथवा मनोवैज्ञानिक समस्या हल करने के लिए

ब .विभिन्न प्रकार के द्वन्द ,कुंठाएं एवं कुसमायोजन कम करने के लिए एवं समायोजन करने के लिए

व्यक्तिगत मार्गदर्शन का अर्थ

जैसा की नाम से स्पष्ट है , व्यक्तिगत मार्गदर्शन व्यक्ति की अपनी समस्याओके समाधान के साथ संबन्धित है ।

व्यक्तिगत मार्गदर्शन की परिभाषा

” क्रो एंड क्रो ” व्यक्तिगत मार्गदर्शन वह सहायता है जो व्यक्ति को जीवन के सभी क्षेत्रों से संबन्धित दृष्टिकोण एव व्यवहार के विकास मे बहतर समायोजन  के लिए प्रदान की जाती है ।

व्यक्तिगत मार्गदर्शन :-  

1. सूचना या डाटा एकत्रित करना

2. समस्याओ के कारणो का निदान

3. उपचार संबंधी उपाय सोचना

4. व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्रदान करना

5. अनुसारनात्मक सेवा

मार्गदर्शन तकनीक

अ. व्यक्तिगत मार्गदर्शन

ब. सामूहिक मार्गदर्शन

व्यक्तिगत मार्गदर्शन की तकनीक

अ. व्यक्तिगत संपर्क तकनीक

ब. व्यक्तिगत अध्ययन तकनीक

क. व्यक्तिगत सूचना सेवा तकनीक

मानव के समुचित विकास के लिए निर्देशन आवश्यक है | निर्देशन के द्वारा मनुष्य के विकास से उत्पन्न क्षमताओं की पहचान हो पति है जिससे हम इसका उचित उपयोग कर पाते है |बिना निर्देशन के मानव दिशाभ्रमित हो जायेगा तथा  अपने ही अंदर विद्दमान गुणों का समुचित उपयोग नहीं कर पायेगा |अपने अंदर निहित योग्यताओं  के समुचित विकास के लिए निम्नलिखित क्षेत्रों में निर्देशन आवश्यक है |

१. शारीरिक विकास के लिए

२. मानसिक विकास के लिए

३. संवेगात्मक विकास के लिए

४. सामाजिक विकास के लिए

५. शैक्षिक विकास के लिए

६. व्यवसायिक विकास के लिए

७. आर्थिक विकास के लिए

८. राजनितिक विकास के लिए

९. अध्यात्मिक विकास के लिए

परामर्श – मार्गदर्शन अंग्रेज़ी शब्द counselling  का हिन्दी रूपान्तरण है , जिसका अर्थ है राय , मशवरा , तथा सुझाव लेना या देना ।

परामर्श एक व्यक्तिगत  प्रक्रिया है जो एक कुशल व्यक्ति के द्वारा समस्या ग्रस्त  व्यक्ति को उसकी जरुरत के अनुसार दी जाती है |इसमें परामर्श देने वाला एक्सपर्ट होता है ,तथा वह परामर्श समस्या ग्रस्त व्यक्ति के मांगने पर देता है |

परामर्श देने वाले को परामर्शदाता कहते है | जिसे परामर्श की आवश्यकता होती है उसे परामर्शप्रार्थी कहते है |

परिभाषा

” रोजेर्स ” परामर्श किसी व्यक्ति के साथ लगातार प्रत्यक्ष संपर्क की वह कड़ी है जिसका उद्देश्य व्यक्ति को उसकी अभिव्र्ति तथा व्यवहार मे परिवर्तन लाने मे सहायता प्रदान केरना है।

” ब्रेमर ” परामर्श को स्व – समायोजन की ऐसी प्रक्रिया माना जा सकता है जिसमे परामर्श लेने वाले को इस तरह सहायता की जा सके की वह पहले से अधिक स्व-निर्देशित बन सके ।

परामर्श के प्रकार

अ. आपातकालीन परामर्श

ब. समस्या समाधानात्मक परामर्श 

क. निवारक परामर्श

ड. विकासात्मक परामर्श

परामर्श देने या लेने के अपने अपने ढंग तथा तरीके होते है तथा इस प्रक्रिया मे परामर्शदाता तथा परामर्श लेने वाले की अलग अलग स्थितया तथा भूमिकाए होती है तथा उनका अपना अपना योगदान रहता है । इन्ही को परामर्श तकनिक या उपागम बोला जाता है । मुख्य रूप से ऐसे उपगमों मे तीन का विशेष रूप से उल्लेख होता है ।

Answered by asthakz
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In terms of working with companies, both staffing and recruiting are used to hire candidates for a particular role. However, staffing is commonly used to fill short term roles or to hire people for specific projects. ...on the other hand,to ask somebody for some information or advice, or to look for it in a book, etc.

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