discipline essay in hind
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अनुशासन
अनुशासित व्यक्ति आज्ञाकारी होता है और उसके पास उचित सत्ता के आज्ञा पालन के लिये स्व-शासित व्यवहार होता है। अनुशासन पूरे जीवन में बहुत महत्व रखता है और जीवन के हर कार्यों में इसकी जरुरत होती है। यह सभी के लिये आवश्यक है जो किसी भी प्रोजेक्ट पर गंभीरता से कार्य करने के लिये जरुरी है। अगर हम अपने वरिष्ठों की आज्ञा और नियमों को नहीं मानेंगे तो अवश्य हमें परेशानियों का सामना करना पड़ेगा और असफल भी हो सकते हैं।
हमें हमेशा अनुशासन में होना चाहिये और अपने जीवन में सफल होने के लिये अपने शिक्षक और माता-पिता के आदेशों का पालन करना चाहिये। हमें सुबह जल्दी उठना चाहिये, निययमित दिनचर्या के तहत साफ पानी पीकर शौचालय जाना चाहिये, दाँतों को साफ करने के बाद नहाना चाहिये और इसके बाद नाश्ता करना चाहिये। बिना खाना लिये हमें स्कूल नहीं जाना चाहिये। हमें सही समय पर स्वच्छता और सफाई से अपना गृह-कार्य करना चाहिये। हमें कभी भी अपने माता-पिता की बातों का निरादर, नकारना या उन्हें दुखी नहीं करना चाहिये। हमें अपने स्कूल में पूरे यूनिफार्म में और सही समय पर जाना चाहिये। कक्षा में स्कूल के नियमों के अनुसार हमें प्रार्थना करना चाहिये। हमें अपने शिक्षकों की आज्ञा का पालन करना चाहिये, साफ लिखावट से अपना कार्य करना चाहिये तथा सही समय पर दिये गये पाठ को अच्छे से याद करना चाहिये।
हमें शिक्षक, प्रधानाध्यापक, चौकीदार, खाना बनाने वाले या विद्यार्थियों से बुरा बर्ताव नहीं करना चाहिये। हमें सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिये चाहे वो घर, स्कूल, कार्यालय या कोई दूसरी जगह हो। बिना अनुशासन के कोई भी अपने जीवन में कोई भी बड़ी उपलब्धि प्राप्त नहीं कर सकता। इसलिये अपने जीवन में सफल इंसान बनने के लिये हमें अपने शिक्षक और माता-पिता की बात माननी चाहिये।
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अनुशासन पर निबंध
प्रस्तावना:- सभी के लिए सही तरीके का जीवन जीना या यूं कह सकते हैं एक खुशहाल जीवन जीना बहुत जरूरी है और यह तभी संभव है जब हम इसमें एक अनुशासन बनाए रख रखें अनुशासन शब्द का अर्थ है ।नियम के पीछे चलना अनुशासन का अर्थ पूरी तरह की स्वतंत्रता जिसे परतंत्रता कदापि नही कहते है समय,परिस्थिति ओर स्थान के अनुरूप चलना ही अनुशासन कहलाता है ,अनुशासन जहां व्यक्ति के जीवन का सरल और सही करता है वही उसके जीवन का आधार भी हो सकता है एक तरह से अनुशासन मानव जीवन के लिए अति महत्वपूर्ण है इसका पालन करना एक व्यक्ति के लिए जरूरी भी है और नियमित भी है।
अनुशासन विपत्ति की पाठशाला मैं सिखा जाता है
…महात्मा गांधी
अनुशासन का अर्थ:- अनुशासन अंग्रेजी के डिसिप्लिन(Discipline) शब्द का पर्याय है जो कि “डिसाइपल” शब्द से बना है जिसका अर्थ है शिष्य ,शिष्य से आज्ञा का अनुसरण करने की अपेक्षा की जाती है संस्कृत में ये शास धातु के शब्द से बना हुआ है जिसका अर्थ नियमों का पालन करना है।
अनुशासन का महत्व
अनुशासन का जीवन में विशेष महत्व है समस्त प्रकृति एक अनुशासन में बनकर चलती है इसलिए उसके किसी भी क्रियाकलापों में बाधा नहीं आती है दिन – रात नियमित रूप से आते रहते हैं इससे स्पष्ट है कि अनुशासन के द्वारा ही जीवन को सार्थक बनाया जा सकता है अनुशासन से भटक जाने पर व्यक्ति चरित्रहीन ,दुराचारी तथा निंदनीय हो जाता है समाज में उसका कोई सम्मान नहीं रहता अनुशासन का मतलब ही है किसी भी कार्य को अनुशासित रहते हुए करना सफलता भी तभी प्राप्त होती है जब व्यक्ति अनुशासित रहता है।
विद्यार्थी और अनुशासन
विद्यार्थी का जीवन मनुष्य के भावी जीवन की आधारशिला होता है विद्यार्थी अनुशासन में रहकर स्वास्थ्य, शिक्षा , व्यवहार तथा आचार ग्रहण करता है नियमित रूप से अध्ययन करना, विद्यालय जाना ,व्यायाम करना ,गुरुजनों का आदर करना, उनकी कहे अनुसार चलना सब के साथ अच्छा व्यवहार करना इस सब की शिक्षा उसे विद्यार्थी जीवन में ही मिल जाती है और एक तरह से कह सकते हैं कि अनुशासन की शिक्षा और उनका पालन करना ही विद्यार्थी का कर्तव्य हे।
अनुशासन की शिक्षा
किसी भी बच्चे का सबसे पहले संपर्क अपने माता पिता से होता है परिवार से होता है अन्य प्रकार की शिक्षा के अलावा उसे अनुशासन की शिक्षा भी परिवार से ही प्राप्त होती है उसके बाद विद्यालय फिर ब्राहा समाज से अनुशासन की शिक्षा सीखता है शिक्षा का पहला पाठ तो अपने घर से ही सीखता है और यह अनुशासन भय से और सही दिशा-निर्देश से ही होता है अनुशासन में संस्कारों का दायित्व मिला रहता है इन संस्कारों से व्यक्ति में अनुशासन आता है व्यक्ति लड़ाई ,आतंक , अगर उसमें पनपती है यह सब घर के बाहर कीे शिक्षा होती है जो उस पर हावी होती है इसलिए संस्कार की शिक्षा अनुशासन यह सब हमारे परिवार हमारे घर की देन होती है।
उपसंहार
बिना अनुशासन के मानव जीवन का कोई भी कार्य नहीं होता विद्यार्थी जीवन जिसकी धुरीहोती है अनुशासन छात्रों के भविष्य को मंगलमय बनाता है अनुशासन सफलता की वो कुंजी है जिसमें ज्ञान का भंडार समाया रहता है तथा इसको संभाल कर रखना हमारी जिम्मेदारी है गुणो का बीजारोपण करने वाला अनुशासन ही है।अनुशासन वो अच्छी किताबें और अच्छे लोगों के जैसे हैं जिसे अगर अपना लिया तो समझो जीवन बस एक सफलता का सागर है जिसकी बूंद-बूंद उपयोग किया जाए तो कभी खत्म होने का नाम नहीं लेता।
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