Hindi, asked by nikunj1413, 1 year ago

Divyang vyakti ki kahani​

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Answered by whamwham
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Answer:

भारत का संविधान अपने सभी नागरिकों के लिए समानता, स्वतंत्रता, न्याय व गरिमा सुनिश्चित करता है और स्पष्ट रूप से यह विकलांग व्यक्तियों समेत एक संयुक्त समाज बनाने पर जोर डालता है। हाल के वर्षों में विकलांगों के प्रति समाज का नजरिया तेजी से बदला है। यह माना जाता है कि यदि विकलांग व्यक्तियों को समान अवसर तथा प्रभावी पुनर्वास की सुविधा मिले तो वे बेहतर गुणवत्तापूर्ण जीवन व्यतीत कर सकते हैं

जनगणना 2001 के मुताबिक, देश में 2.19 करोड़ व्यक्ति विकलांगता के शिकार हैं, जो कुल जनसंख्या का 2.13% हिस्सा है। 75% विकलांग व्यक्ति ग्रामीण इलाकों में रहते हैं, तथा 49% विकलांग व्यक्ति साक्षर हैं व 34% रोजगार प्राप्त हैं। पूर्व के मेडिकल पुनर्वास पर जोर डालने की बजाए अब सामाजिक पुनर्वास पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। विकलांगों की बढ़ती योग्यता की पहचान की जा रही है, और उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल किए जाने पर बल दिया जा रहा है। भारत सरकार ने विकलांगों के लिए तीन कानूनों को लागू किया है, जो इस प्रकार हैं:

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