Diwali in Hindi 1000 words
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दिवाली का नाम सुनते ही हमारे मन में मिठाई, लक्ष्मी पूजा, नयी चीजों और आतिशबाजी की छवि आ जाती है, यह वह चीजे है, जो दिवाली के विषय में सबसे महत्वपूर्ण है। दिवाली हिन्दू धर्म के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है देखा जाये तो यह त्योहार सामाजिक एकता को बढ़ाने का कार्य करता है।
हालांकि दिवाली के त्योहार का एक दूसरा पहलू भी है, जिसे हम अपने आनंद के लिए वर्ष-प्रतिवर्ष बढ़ावा देते जा रहे है। वो दूसरा पहलू है आतिशबाजी और पटाखे फोड़ना यह एक ऐसा कार्य है जिसका दिवाली के त्योहार से प्रत्यक्ष रुप से कोई ना देना नहीं है और ना ही दिवाली के त्योहार में इसका कोई ऐतिहासिक और पौराणिक वर्णन है, इसके साथ ही दिवाली पर होने वाली इस आतिशबाजी के कारण दिन-प्रतिदिन पर्यावरण प्रदूषण में वृद्धि होती जा रही है।
दिवाली खुशियों और सुख समृद्धि का त्योहार
दिवाली के त्योहार का अपना एक अलग ही महत्व है, यहीं कारण है कि यह हमें अन्य त्योहारों के अपेक्षा काफी ज्यादा प्रिय है। हिंदू पंचांग के अनुसार दिवाली का त्योहार कार्तिक मास में आता है जो कि ग्रैगेरियन कैलेंडर के अनुसार अक्तूबर या नवंबर का महीना होता है। हिंदू धर्म में दिवाली के त्योहार को सुख-समृद्धि और खुशियों का त्योहार माना जाता है।
यही कारण है कि दिवाली के कई हफ्तों पहले ही लोग अपने घरों और कार्यालयों की साफ-सफाई करने में जुट जाते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि जो घर साफ-सुधरे होते हैं उन घरों में दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी विराजमान होती हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करके वहां सुख-समृद्धि में बढ़ोत्तरी करती है।
आइये इस बार दिवाली को थोड़े अलग तरीके से मनाये
वैसे तो दिवाली का त्योहार मनाने का तरीका और पूजन विधी हर जगह एक समान ही होती है फिर भी इसके अलावा ऐसे कार्य है जिनके द्वारा दिवाली के इस विशेष त्योहार को हम ना सिर्फ अपने लिए मंगलकारी बना सकते हैं बल्कि दूसरों के लिए भी इस दिन को खास बना सकते हैं और दिवाली के वास्तविक अर्थ को सच्चे रुप से सार्थक कर सकते है।
1.खुदरा और छोटे विक्रेताओं से समान खरीदकर
आज कल लोगों में ब्रांडेड और प्रतिष्ठित जगहों से वस्तुओं खरीदने का चलन देखने को मिलता है कुछ चीजों में इसका पालन करने में कोई बुराई नहीं है, पर हर चीज में इसे अपनाना कुछ गरीब और मेहनती लोगों के आजीविका को बर्बाद करने के समान होगा क्योंकि हमारे तरह इन्हें भी वर्ष भर इस त्योहार का इंतजार होता है। इसलिए अब अगली बार आप जब भी दिवाली की खरीददारी करने जाये तो इस बात को ध्यान रखे।
हालांकि दिवाली के त्योहार का एक दूसरा पहलू भी है, जिसे हम अपने आनंद के लिए वर्ष-प्रतिवर्ष बढ़ावा देते जा रहे है। वो दूसरा पहलू है आतिशबाजी और पटाखे फोड़ना यह एक ऐसा कार्य है जिसका दिवाली के त्योहार से प्रत्यक्ष रुप से कोई ना देना नहीं है और ना ही दिवाली के त्योहार में इसका कोई ऐतिहासिक और पौराणिक वर्णन है, इसके साथ ही दिवाली पर होने वाली इस आतिशबाजी के कारण दिन-प्रतिदिन पर्यावरण प्रदूषण में वृद्धि होती जा रही है।
दिवाली खुशियों और सुख समृद्धि का त्योहार
दिवाली के त्योहार का अपना एक अलग ही महत्व है, यहीं कारण है कि यह हमें अन्य त्योहारों के अपेक्षा काफी ज्यादा प्रिय है। हिंदू पंचांग के अनुसार दिवाली का त्योहार कार्तिक मास में आता है जो कि ग्रैगेरियन कैलेंडर के अनुसार अक्तूबर या नवंबर का महीना होता है। हिंदू धर्म में दिवाली के त्योहार को सुख-समृद्धि और खुशियों का त्योहार माना जाता है।
यही कारण है कि दिवाली के कई हफ्तों पहले ही लोग अपने घरों और कार्यालयों की साफ-सफाई करने में जुट जाते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि जो घर साफ-सुधरे होते हैं उन घरों में दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी विराजमान होती हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करके वहां सुख-समृद्धि में बढ़ोत्तरी करती है।
आइये इस बार दिवाली को थोड़े अलग तरीके से मनाये
वैसे तो दिवाली का त्योहार मनाने का तरीका और पूजन विधी हर जगह एक समान ही होती है फिर भी इसके अलावा ऐसे कार्य है जिनके द्वारा दिवाली के इस विशेष त्योहार को हम ना सिर्फ अपने लिए मंगलकारी बना सकते हैं बल्कि दूसरों के लिए भी इस दिन को खास बना सकते हैं और दिवाली के वास्तविक अर्थ को सच्चे रुप से सार्थक कर सकते है।
1.खुदरा और छोटे विक्रेताओं से समान खरीदकर
आज कल लोगों में ब्रांडेड और प्रतिष्ठित जगहों से वस्तुओं खरीदने का चलन देखने को मिलता है कुछ चीजों में इसका पालन करने में कोई बुराई नहीं है, पर हर चीज में इसे अपनाना कुछ गरीब और मेहनती लोगों के आजीविका को बर्बाद करने के समान होगा क्योंकि हमारे तरह इन्हें भी वर्ष भर इस त्योहार का इंतजार होता है। इसलिए अब अगली बार आप जब भी दिवाली की खरीददारी करने जाये तो इस बात को ध्यान रखे।
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रोशनी का त्योहार, बेहतर दिवाली के रूप में जाना जाता है हर साल हिंदुओं द्वारा बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है और अन्य भी धर्मों द्वारा ।
लोग इस समय गरीबों और अनाथों को चीजें दान करके अच्छे कर्म करते हैं और चारों तरफ आशावाद फैलाते हैं।
लोग अपने रिश्तेदारों, दोस्तों, विदों और अपने लिए नए कपड़े, मिठाई और गिफ्ट खरीदते हैं।
दिवाली इस दिन के रूप में मनाई जाती है भगवान राम 14 साल के वनवास के बाद और श्रीलंका में बुरे रावण को मारने के बाद वापस अयोध्या आ गए।
दिन की शुरुआत घर की सफाई, खुद को धोने, हर किसी को मिठाई बांटने और गणेश और लक्ष्मी पूजा से समाप्त होती है जिसके बाद हर कोई पटाखे जलाता है।
यह पर्व हर धर्म द्वारा मनाया जाता है और पूरी दुनिया में मनाया जाता है।
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