Dohe ko purn karke arth batao- करत करत अभ्यास के जङमति होत सुजान, _._._._._._._._._._
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करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान
रसरी आवत जात ते सिल पर परत निसान
इसका अर्थ है, लगातार अभ्यास करने से मूर्ख से मूर्ख व्यक्ति भी बुद्धिमान हो जाता है. जैसे कुँए की मुंडेर पर रस्सी के बार बार घिसने से पत्थर पर भी निशान पड़ जाते हैं, वैसे ही अगर मनुष्य हिम्मत बिना हारे लगातार किसी काम को सीखने की कोशिश करता रहे, तो एक दिन वह अवश्य सफल होगा.
रसरी आवत जात ते सिल पर परत निसान
इसका अर्थ है, लगातार अभ्यास करने से मूर्ख से मूर्ख व्यक्ति भी बुद्धिमान हो जाता है. जैसे कुँए की मुंडेर पर रस्सी के बार बार घिसने से पत्थर पर भी निशान पड़ जाते हैं, वैसे ही अगर मनुष्य हिम्मत बिना हारे लगातार किसी काम को सीखने की कोशिश करता रहे, तो एक दिन वह अवश्य सफल होगा.
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करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान
रसरी आवत जात ते सिल पर परत निसान
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इसका अर्थ है, लगातार अभ्यास करने से मूर्ख से मूर्ख व्यक्ति भी बुद्धिमान हो जाता है. जैसे कुँए की मुंडेर पर रस्सी के बार बार घिसने से पत्थर पर भी निशान पड़ जाते हैं, वैसे ही अगर मनुष्य हिम्मत बिना हारे लगातार किसी काम को सीखने की कोशिश करता रहे, तो एक दिन वह अवश्य सफल होगा.
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