Hindi, asked by singhpunit08951, 5 months ago

dravya mafi ke siddhant per karya karta hai





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Answered by Anonymous
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Answer:

bro what we have to do in this question can you explain it plz

Answered by madeducators4
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द्रवधनत्वमापी की रचना इस सिद्धांत पर आधारित है

Explanation:

  • द्रवधनत्वमापी की रचना इस सिद्धांत पर आधारित है कि द्रव में अंशत: डूबे हुए और संतुलित पिंड का भार उतने द्रव के भार के बराबर है जो पिंड का डूबा हुआ भाग विस्थापित करता है।
  • जब द्रवघनत्वमापी को ऐसे द्रव में छोड़ते हैं जिसमें यह स्वतंत्र रूप से तैर सकता है, तब उसके दंड और द्रव के समतल पृष्ठ के प्रतिच्छेदन से द्रव का घनत्व पढ़ लिया जाता है।
  • पढ़ने के लिए दंड के भीतर एक मापनी चिपकी रहती है। यदि इस मापनी के किसी विशिष्ट अंशांकन चिन्ह से नीचे द्रवघनत्वमापी का आयतन (V') है और द्रव का घनत्व (d) है, तो विस्थापित द्रव का द्रव्यमान (V' d) हुआ। यदि द्रवघनत्वमापी का द्रव्यमान (M) है तो
  • V' d = M , अर्थात्‌ d = M / V'

  • अतएव यदि दंड पर अंकित निम्नतम चिन्ह के नीचे आयतन (V) और उच्चतम तथा निम्नतम चिन्हों के बीच आयतन (v) है, तो उन घनत्वों का परास जो द्रवघनत्वमापी से नापे जा सकते हैं,
  • M / (V+v) से M / V तक है। इन सूत्रों को प्राप्त करने में पृष्ठतनाव और तापपरिवर्तन के लघु प्रभावों की उपेक्षा की गई है। मापनी पर किये गये क्रमिक अंशांकन-चिन्हों के बीच इतना अन्तर होता है कि वे सुविधापूर्वक पढ़े जा सकें
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