Dukhi kisan ki atma katha
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Hey dear ❤️❤️☺️
Have a nyc day.......
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भारत कृषी प्रधान देश है। भारतीय लोगों के सत्तर प्रतिशत लोग किसान हैं वे राष्ट्र की रीढ़ हैं। वे खाद्य फसलों और तेल के बीज का उत्पादन करते हैं। वे वाणिज्यिक फसलों का उत्पादन करते हैं वे हमारे उद्योगों के लिए कुछ कच्चे माल का उत्पादन करते हैं। इसलिए, वे हमारे देश का जीवन-रक्त हैं। सभ्यता की शुरुआत के बाद से किसान सबसे उपयोगी लोगों में से एक है हम सभी भोजन की हमारी आवश्यकता को पूरा करने के लिए कृषि पर निर्भर हैं। हम अपना भोजन प्राप्त करते हैं क्योंकि किसान फसलों की खेती करता है और कृषि गतिविधियों को चलाता है। यद्यपि, उन्होंने पूरे मानवता को खिलाया, उनकी जीवन स्थितियां संतोषजनक से दूर हैं
कठिन जीवन: एक किसान का जीवन बहुत कठिन है। वह सभी मौसमों में बहुत मुश्किल दिन और रात काम करता है। गर्मियों के दौरान, वह सूर्य की गर्मी के तहत काम करता है सर्दी के मौसम में, खेत की खेती करते समय गीला हो जाता है। सर्दियों के दौरान, वह सुस्त और ठंडे मौसम के बावजूद अपनी कड़ी मेहनत पर है।
प्रकृति पर निर्भर: एक किसान का जीवन प्रकृति की शक्तियों पर बहुत निर्भर है। कृषि के लिए पर्याप्त मानसून आवश्यक है। यदि वर्षा पर्याप्त है, तो कृषि उत्पादन अच्छा होगा।
हालांकि, अपर्याप्त वर्षा और पानी की कमी की लंबी अवधि की वजह से सूखे की स्थिति हो सकती है। नतीजतन, कृषि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और खाद्यान्नों के लिए भोजन की गंभीर कमी हो सकती है।
आर्थिक कारक: किसान अपनी फसलों को बेचकर पैसा कमाता है। वह खुश रहती है अगर फसलें अच्छे हैं लेकिन, यदि फसल विफल हो जाती है, तो उसका जीवन दुखी हो जाता है।
एक जगह पर सभी जगहों पर एकजुट रूप से उत्पादन में असामान्य वृद्धि होने पर भी एक किसान ग्रस्त है। ऐसे मामलों में, फसलों की बिक्री मूल्य कम हो जाती है और अतिरिक्त फसलें बर्बाद हो जाती हैं।
साक्षरता: हमारे देश के अधिकांश किसान अनपढ़ हैं। वे पढ़ या लिख नहीं सकते हैं चूंकि वे शिक्षित नहीं हैं, इसलिए वे अपने वैध अधिकारों से अनजान हैं। वे अक्सर पैसे उधारदाताओं द्वारा धोखा दिया है
खराब स्वच्छता और स्वच्छता: उनके पास बहुत ही स्वच्छ और स्वच्छ वातावरण बनाए रखने के लाभों के बारे में बहुत कम शिक्षा और जागरूकता है। ज्यादातर किसानों को इस तथ्य का कोई ज्ञान नहीं है कि अशुभ पानी पीने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं
इसके अलावा, हमारे गांवों में अपर्याप्त मलजल प्रणाली है। ग्रामीण इलाकों में पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं या प्रशिक्षित नर्सों और डॉक्टरों से कम नहीं है।
भारतीय किसान सामाजिक कार्य को सरलतम तरीके से मनाता है। वह वर्ष भर के कई त्योहार मनाते हैं वह अपने बेटों और बेटियों की शादी का जश्न मनाता है वह अपने रिश्तेदारों और दोस्तों और पड़ोसियों के मनोरंजन करते हैं। वह अपने संबंधों का दौरा करने जाते हैं वह अपने इलाके में ओपन-एयर नाटक और लोक-नृत्य में भाग लेते हैं।
भारतीय किसानों की स्थिति में सुधार होना चाहिए। उन्हें खेती की आधुनिक पद्धति को सिखाया जाना चाहिए। उसे साक्षर बनाया जाना चाहिए इसलिए, उनके लिए रात-विद्यालय खोले जाने चाहिए। उन्हें सरकार द्वारा सभी संभव तरीकों से सहायता मिलनी चाहिए। क्योंकि उनकी भलाई के कारण भारतीय कल्याण पर निर्भर करता है सरकार ने किसानों के लाभ के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। चलो आशा करते हैं कि ये लाभ वास्तव में किसानों तक पहुंचेंगे।
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Hope its help uh.... ...... .... . ^^_^^
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भारत कृषी प्रधान देश है। भारतीय लोगों के सत्तर प्रतिशत लोग किसान हैं वे राष्ट्र की रीढ़ हैं। वे खाद्य फसलों और तेल के बीज का उत्पादन करते हैं। वे वाणिज्यिक फसलों का उत्पादन करते हैं वे हमारे उद्योगों के लिए कुछ कच्चे माल का उत्पादन करते हैं। इसलिए, वे हमारे देश का जीवन-रक्त हैं। सभ्यता की शुरुआत के बाद से किसान सबसे उपयोगी लोगों में से एक है हम सभी भोजन की हमारी आवश्यकता को पूरा करने के लिए कृषि पर निर्भर हैं। हम अपना भोजन प्राप्त करते हैं क्योंकि किसान फसलों की खेती करता है और कृषि गतिविधियों को चलाता है। यद्यपि, उन्होंने पूरे मानवता को खिलाया, उनकी जीवन स्थितियां संतोषजनक से दूर हैं
कठिन जीवन: एक किसान का जीवन बहुत कठिन है। वह सभी मौसमों में बहुत मुश्किल दिन और रात काम करता है। गर्मियों के दौरान, वह सूर्य की गर्मी के तहत काम करता है सर्दी के मौसम में, खेत की खेती करते समय गीला हो जाता है। सर्दियों के दौरान, वह सुस्त और ठंडे मौसम के बावजूद अपनी कड़ी मेहनत पर है।
प्रकृति पर निर्भर: एक किसान का जीवन प्रकृति की शक्तियों पर बहुत निर्भर है। कृषि के लिए पर्याप्त मानसून आवश्यक है। यदि वर्षा पर्याप्त है, तो कृषि उत्पादन अच्छा होगा।
हालांकि, अपर्याप्त वर्षा और पानी की कमी की लंबी अवधि की वजह से सूखे की स्थिति हो सकती है। नतीजतन, कृषि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और खाद्यान्नों के लिए भोजन की गंभीर कमी हो सकती है।
आर्थिक कारक: किसान अपनी फसलों को बेचकर पैसा कमाता है। वह खुश रहती है अगर फसलें अच्छे हैं लेकिन, यदि फसल विफल हो जाती है, तो उसका जीवन दुखी हो जाता है।
एक जगह पर सभी जगहों पर एकजुट रूप से उत्पादन में असामान्य वृद्धि होने पर भी एक किसान ग्रस्त है। ऐसे मामलों में, फसलों की बिक्री मूल्य कम हो जाती है और अतिरिक्त फसलें बर्बाद हो जाती हैं।
साक्षरता: हमारे देश के अधिकांश किसान अनपढ़ हैं। वे पढ़ या लिख नहीं सकते हैं चूंकि वे शिक्षित नहीं हैं, इसलिए वे अपने वैध अधिकारों से अनजान हैं। वे अक्सर पैसे उधारदाताओं द्वारा धोखा दिया है
खराब स्वच्छता और स्वच्छता: उनके पास बहुत ही स्वच्छ और स्वच्छ वातावरण बनाए रखने के लाभों के बारे में बहुत कम शिक्षा और जागरूकता है। ज्यादातर किसानों को इस तथ्य का कोई ज्ञान नहीं है कि अशुभ पानी पीने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं
इसके अलावा, हमारे गांवों में अपर्याप्त मलजल प्रणाली है। ग्रामीण इलाकों में पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं या प्रशिक्षित नर्सों और डॉक्टरों से कम नहीं है।
भारतीय किसान सामाजिक कार्य को सरलतम तरीके से मनाता है। वह वर्ष भर के कई त्योहार मनाते हैं वह अपने बेटों और बेटियों की शादी का जश्न मनाता है वह अपने रिश्तेदारों और दोस्तों और पड़ोसियों के मनोरंजन करते हैं। वह अपने संबंधों का दौरा करने जाते हैं वह अपने इलाके में ओपन-एयर नाटक और लोक-नृत्य में भाग लेते हैं।
भारतीय किसानों की स्थिति में सुधार होना चाहिए। उन्हें खेती की आधुनिक पद्धति को सिखाया जाना चाहिए। उसे साक्षर बनाया जाना चाहिए इसलिए, उनके लिए रात-विद्यालय खोले जाने चाहिए। उन्हें सरकार द्वारा सभी संभव तरीकों से सहायता मिलनी चाहिए। क्योंकि उनकी भलाई के कारण भारतीय कल्याण पर निर्भर करता है सरकार ने किसानों के लाभ के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। चलो आशा करते हैं कि ये लाभ वास्तव में किसानों तक पहुंचेंगे।
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Kisan ki atmakatha
दोस्तों आज हमारे देश में जो भी है हम जैसे भी हैं सबसे ज्यादा उसमें महत्व हमारे देश के किसान का होता है,अगर हमारे देश का किसान अपनी मेहनत से अपनी जमीन में अन्न ना उगाये तो हमारा कुछ नहीं हो सकता यानी हम दो वक्त का खाना खाने के लिए भी तरसेंगे,दोस्तों हम सभी को किसानों के महत्व को समझना चाहिए और किसान की आत्महत्या को रोकने के लिए वह सारे प्रयत्न करना होंगे,दोस्तों जब से दुनिया शुरू हुई है तब से ही हमारे देश में किसान सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण रहे हैं अगर किसान ना हो तो हम दो वक्त का खाना भी नहीं खा पाएंगे दोस्तों आज के युग में किसानों की स्थिति बहुत ही गंभीर हो गई है पहले के जमाने में हम देखते थे एक परिवार में बहुत सी जमीन थी और जमीन भी अच्छे से फसल उगाती थी,किसान एकदम खुश था ज्यादातर लोग नौकरी नहीं करते थे अपनी खेती में ही अपना पूरा जीवन बिताने के लिए हमेशा तैयार थे और वह खुश भी थे लेकिन प्राचीन काल से अभी तक ऐसा क्या हुआ आज के किसानों को आत्महत्या जैसे कदम को उठाना पड़ रहा है.
दोस्तों समय के साथ में प्रगति होती है और अगर हम उसका उपयोग कुछ ज्यादा या फिर गलत तरीके से करते हैं तो हमको बहुत कुछ गंभीर परिणाम मिलते हैं,पहले के जमाने में लोग खेती अच्छे और प्राकृतिक रूप से बनाए गए खाद्य पदार्थों के द्वारा करते थे इससे फसलों का उत्पादन भी सही तरह से होता था जिससे किसान अपनी फसल कौ बेंच कर अच्छे पैसे कमाता था और उसे खेती करने में मजा आता था लेकिन आजकल के जमाने में लोग खाद पदार्थो का उपयोग कम करते हैं रासायनिक खाद का उपयोग ज्यादा करते हैं जिनमें की बहुत सारे केमिकल मिले होते हैं जो कि हमारी धरती माता के लिए नुकसानदायक साबित होते हैं जिसके कारण हमारी धरती माता बहुत कम अन्न उपजती है.
बहुत सारे पोषक तत्वों से विहीन हो जाती है जिसके कारण फसल का उत्पादन कम होता है जिसके कारण किसानों को आत्महत्या जैसे गंभीर कदम को उठाना पड़ता है इसके अलावा भी और भी कारण है पहले के जमाने में खेती बहुत थी लेकिन आजकल जनसंख्या वृद्धि के कारण दिनादीन खेती बढ़ती जा रही है किसान के पास पहले के मुकाबले बहुत ही कम जमीन बची है इसके कारण वह खेती कम जमीन में करता है और फसल का उत्पादन बहुत ही कम होता है जिसके कारण उसे बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और वह जैसे कदमों को उठा लेता है दोस्तों हमें किसानों के इस कदम को रोकने की जरूरत है क्योंकि अगर किसान वाकई में इस तरह कदमों को तेजी से उठाथा गया तो हम दो वक्त खाने खाने के लिए भी तरस जाएंगे क्योंकि किसान हमारा अन्नदाता है लोगों को किसानों की इज्जत करना चाहिए उनको हर एक परिस्थिति से वहार निकालना चाहिए आजकल हम देख रहे हैं कि बहुत ज्यादा महंगाई है महंगाई के जमाने में किसानों के ऊपर वह सारी मुसीबत आ गई हैं.
किसान अपने रोजमर्रा की जिंदगी को चलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और साथ में वह अपने बच्चों को पढ़ाई करवाने के लिए बहुत से पैसे खर्च करते हैं जिससे उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होती जा रही है अगर हम किसी तरह से उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करने की कोशिश करें तो हो सकता है किसान गलत कदम उठाने से पहले सोचे और ना उठाए और हमारा देश बहुत आगे बढ़ें दोस्तों किसान ही हमारा सब कुछ है आज किसी भी बर्ग का इंसान हो चाए वो कलेक्टर हो जाए मुख्यमंत्री हो चाहे कोई भी हो हर एक इंसान किसानों से जुड़ा हुआ है हर एक इंसान को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी चलाने के लिए अन्न की जरूरत होती है और हमारे देश का किसान ही हमें प्रदान करता है दोस्तों किसानों की हमें बहुत इज्जत करना चाहिए और आत्महत्या जैसे कदमों को रोकने के लिए हमें निरंतर प्रयत्न करना चाहिए हम कुछ कदम उठा कर इस कदम को दूर कर सकते हैं.
पहला अगर हम किसानों को जागरूक करें कि आप रासानिक खाद्य पदार्थों का उपयोग ना करते हुए प्राकृतिक खाद्ध पदार्थ का उपयोग करें जिससे आप की फसल अच्छी होगी आपकी आमदनी अच्छी होगी तो हो सकता है किसान आत्महत्या करने से बचे नंबर दो अगर किसान थोड़े से लालच की वजह से अपनी पुरानी जमीन को ना बेचे तो वह अच्छी फसल उगा कर अपने जीवन शैली को बहुत ही अच्छी तरह से
आगे बढ़ा सकता है किसानों की समस्या को दूर करने के लिए हमारी सरकार को उचित कदम उठाने की जरुरत है
हम सभी को किसानों की इज्जत करना चाहिए क्योंकि किसान हमारा अन्नदाता है,किसानों के लिए सरकार को लोन की व्यवस्था करना चाहिए जिससे उसके बच्चों को और उसको कुछ मिल सकते और किसानों के परिवार की भी जिम्मेदारी है कि किसान दिन ना रात मेहनत करके अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं उनके परिवार को उसे सहानुभूति जताने चाहिए अगर किसान अपने परिवार की जरूरतों का सही से पूरा नहीं करता तो उसको ताने देने की वजाए उसके साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए और अगर हालात खराब है तो पूरे परिवार को समझदारी के साथ उन हालातों का सामना करना चाहिए और आत्महत्या जैसे कदम नहीं उठाना चाहिए दोस्तों इस तरह से हम किसानों की आत्महत्या को खत्म करने के लिए प्रयत्न कर सकते हैं और हो सकता है इन प्रयत्नों से किसानों की आत्महत्या कम हो सके.
दोस्तों आज हमारे देश में जो भी है हम जैसे भी हैं सबसे ज्यादा उसमें महत्व हमारे देश के किसान का होता है,अगर हमारे देश का किसान अपनी मेहनत से अपनी जमीन में अन्न ना उगाये तो हमारा कुछ नहीं हो सकता यानी हम दो वक्त का खाना खाने के लिए भी तरसेंगे,दोस्तों हम सभी को किसानों के महत्व को समझना चाहिए और किसान की आत्महत्या को रोकने के लिए वह सारे प्रयत्न करना होंगे,दोस्तों जब से दुनिया शुरू हुई है तब से ही हमारे देश में किसान सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण रहे हैं अगर किसान ना हो तो हम दो वक्त का खाना भी नहीं खा पाएंगे दोस्तों आज के युग में किसानों की स्थिति बहुत ही गंभीर हो गई है पहले के जमाने में हम देखते थे एक परिवार में बहुत सी जमीन थी और जमीन भी अच्छे से फसल उगाती थी,किसान एकदम खुश था ज्यादातर लोग नौकरी नहीं करते थे अपनी खेती में ही अपना पूरा जीवन बिताने के लिए हमेशा तैयार थे और वह खुश भी थे लेकिन प्राचीन काल से अभी तक ऐसा क्या हुआ आज के किसानों को आत्महत्या जैसे कदम को उठाना पड़ रहा है.
दोस्तों समय के साथ में प्रगति होती है और अगर हम उसका उपयोग कुछ ज्यादा या फिर गलत तरीके से करते हैं तो हमको बहुत कुछ गंभीर परिणाम मिलते हैं,पहले के जमाने में लोग खेती अच्छे और प्राकृतिक रूप से बनाए गए खाद्य पदार्थों के द्वारा करते थे इससे फसलों का उत्पादन भी सही तरह से होता था जिससे किसान अपनी फसल कौ बेंच कर अच्छे पैसे कमाता था और उसे खेती करने में मजा आता था लेकिन आजकल के जमाने में लोग खाद पदार्थो का उपयोग कम करते हैं रासायनिक खाद का उपयोग ज्यादा करते हैं जिनमें की बहुत सारे केमिकल मिले होते हैं जो कि हमारी धरती माता के लिए नुकसानदायक साबित होते हैं जिसके कारण हमारी धरती माता बहुत कम अन्न उपजती है.
बहुत सारे पोषक तत्वों से विहीन हो जाती है जिसके कारण फसल का उत्पादन कम होता है जिसके कारण किसानों को आत्महत्या जैसे गंभीर कदम को उठाना पड़ता है इसके अलावा भी और भी कारण है पहले के जमाने में खेती बहुत थी लेकिन आजकल जनसंख्या वृद्धि के कारण दिनादीन खेती बढ़ती जा रही है किसान के पास पहले के मुकाबले बहुत ही कम जमीन बची है इसके कारण वह खेती कम जमीन में करता है और फसल का उत्पादन बहुत ही कम होता है जिसके कारण उसे बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और वह जैसे कदमों को उठा लेता है दोस्तों हमें किसानों के इस कदम को रोकने की जरूरत है क्योंकि अगर किसान वाकई में इस तरह कदमों को तेजी से उठाथा गया तो हम दो वक्त खाने खाने के लिए भी तरस जाएंगे क्योंकि किसान हमारा अन्नदाता है लोगों को किसानों की इज्जत करना चाहिए उनको हर एक परिस्थिति से वहार निकालना चाहिए आजकल हम देख रहे हैं कि बहुत ज्यादा महंगाई है महंगाई के जमाने में किसानों के ऊपर वह सारी मुसीबत आ गई हैं.
किसान अपने रोजमर्रा की जिंदगी को चलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और साथ में वह अपने बच्चों को पढ़ाई करवाने के लिए बहुत से पैसे खर्च करते हैं जिससे उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होती जा रही है अगर हम किसी तरह से उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करने की कोशिश करें तो हो सकता है किसान गलत कदम उठाने से पहले सोचे और ना उठाए और हमारा देश बहुत आगे बढ़ें दोस्तों किसान ही हमारा सब कुछ है आज किसी भी बर्ग का इंसान हो चाए वो कलेक्टर हो जाए मुख्यमंत्री हो चाहे कोई भी हो हर एक इंसान किसानों से जुड़ा हुआ है हर एक इंसान को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी चलाने के लिए अन्न की जरूरत होती है और हमारे देश का किसान ही हमें प्रदान करता है दोस्तों किसानों की हमें बहुत इज्जत करना चाहिए और आत्महत्या जैसे कदमों को रोकने के लिए हमें निरंतर प्रयत्न करना चाहिए हम कुछ कदम उठा कर इस कदम को दूर कर सकते हैं.
पहला अगर हम किसानों को जागरूक करें कि आप रासानिक खाद्य पदार्थों का उपयोग ना करते हुए प्राकृतिक खाद्ध पदार्थ का उपयोग करें जिससे आप की फसल अच्छी होगी आपकी आमदनी अच्छी होगी तो हो सकता है किसान आत्महत्या करने से बचे नंबर दो अगर किसान थोड़े से लालच की वजह से अपनी पुरानी जमीन को ना बेचे तो वह अच्छी फसल उगा कर अपने जीवन शैली को बहुत ही अच्छी तरह से
आगे बढ़ा सकता है किसानों की समस्या को दूर करने के लिए हमारी सरकार को उचित कदम उठाने की जरुरत है
हम सभी को किसानों की इज्जत करना चाहिए क्योंकि किसान हमारा अन्नदाता है,किसानों के लिए सरकार को लोन की व्यवस्था करना चाहिए जिससे उसके बच्चों को और उसको कुछ मिल सकते और किसानों के परिवार की भी जिम्मेदारी है कि किसान दिन ना रात मेहनत करके अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं उनके परिवार को उसे सहानुभूति जताने चाहिए अगर किसान अपने परिवार की जरूरतों का सही से पूरा नहीं करता तो उसको ताने देने की वजाए उसके साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए और अगर हालात खराब है तो पूरे परिवार को समझदारी के साथ उन हालातों का सामना करना चाहिए और आत्महत्या जैसे कदम नहीं उठाना चाहिए दोस्तों इस तरह से हम किसानों की आत्महत्या को खत्म करने के लिए प्रयत्न कर सकते हैं और हो सकता है इन प्रयत्नों से किसानों की आत्महत्या कम हो सके.
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