Hindi, asked by varshaanand1006, 1 year ago

ए पी जे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय

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Answered by thameshwarp9oqwi
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एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 में धनुषकोडी, रामेश्वरम, तमिलनाडु राज्य में एक मध्यम-वर्गीय मुस्लिम परिवार में हुआ । कलाम सात भाई-बहनों मे से एक थे। उनके पिता जैनुलाब्दिन नाव के मालिक थे, वह एक विनम्र स्वभाव के भक्त मुस्लिम और रामेस्वरन मंदिर के पुजारी के करीबी मित्र थे। कलाम ने तिरुचीरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज से अपनी बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। तत्पश्चात वें एयरोनॉटीकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए मद्रास इंस्टिटयूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी आ गए।

कलाम ने 1958 में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ अपना कैरियर शुरू किया । तत्पश्चात वें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में स्थानांतरित हो गए । वहां उन्होंने एसएलवी-3 (उपग्रह प्रक्षेपण वाहन-3) की मदद से रोहिणी-1 उपग्रह को निम्न-पृथ्वी कक्षा में स्थापित किया । इसरो के 19 सालों के कार्यकाल के बाद तत्कालीन भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के प्रबंधक डॉ राजा रमन्ना के आदेश पर आप 'एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम' का कार्यभार संभालने वापस डीआरडीओ आ गए । उनके नेतृत्व में कम-दूरी और मध्यम-दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल पृथ्वी और अग्नि भारत के मिसाइल शस्त्रागार में शामिल हुई । कलाम भारत के आगामी मिसाइल विकास कार्यक्रम के लिए प्रतिबद्ध है ।

सन 1998 में कलाम ने भारत के पोखरण परमाणु परीक्षण में एक निर्णायक, संगठनात्मक, तकनीकी और राजनीतिक भूमिका निभाई। यह 1974 के बाद किया गया पहला परिक्षण था।  

कलाम 2002 से लेकर 2007 तक भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति रहें। इस पद पर रहते हुए उन्होने असंख्य गरीब बच्चों के दिलों को छुआ। चूँकि वह स्वयं एक गरीब परिवार से आये थे इसलिए सुनहरे भविष्य निर्माण मे शिक्षा की शक्ति के योगदान को अच्छी तरह से जानते थे। कलाम को बच्चों से विशेष लगाव है।

बहुमुखी व्यक्तित्व के धनी कलाम कविता के शौकीन है । उनके प्रिय कवि सुब्रमनिया भारती है । कलाम बच्चों में बेहद लोकप्रिय है । डॉ कलाम आजीवन अविवाहित रहे। 27 जुलाई 2015 को शिलांग में उन्होंने अंतिम सांस ली।

भारतीयों के दिल में कलाम के लिए विशेष सम्मान है। इसलिए उनके मरणोपरांत हैदराबाद स्थित डीआरडीओ के रिसर्च सेंटर की इमारत का नाम बदलकर एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल सेंटर रख दिया गया। चेन्नै स्थित एकेडमी ऑफ़ साइंस एंड इनोवेटिव रिसर्च (एसीएसआइआर) ने अपने समर ट्रेनिंग कार्यक्रम का नाम कलाम फेलोशिप रख दिया। लखनऊ की यूपी टेक्नीकल यूनिवर्सिटी का नाम उनके नाम पर रख दिया गया।

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