India Languages, asked by vandy5, 1 year ago

eassy on beti bachao biti padho in Marathi

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Answered by shrinidhi6785
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Sorry I didn't know on Marathi take this.
This is in hindi

यह तो सामाजिक प्रभाव है यदि हम एक दूसरे नजरिए से देखें तो कन्या भ्रूण हत्या से भारत की उस महिला शक्ति का विनाश हो रहा है जो वर्तमान में भारत को आर्थिक सामाजिक रुप से समृद्ध कर सकती है इसी कारण भारत सरकार लंबे समय से मीठे को बचाने के लिए प्रयत्नशील रही है इसको रीति को समाप्त यह तो सामाजिक प्रभाव है यदि हम एक दूसरे नजरिए से देखते तो कन्या भ्रूण हत्या से भारत की ओर से मेरा शक्ति का विनाश हो रहा है जो वर्तमान में भारत को आर्थिक सामाजिक रुप से समर्थन कर सकती है इसी कारण भारत सरकार लंबे समय बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लिए प्रदर्शित रही है इसको टोक्यो को समाप्त करने तथा लोगों के दृष्टिकोण में परिवर्तन लाने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं सरकार द्वारा देश में कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए अपना ही गई बहु आयामी रणनीति इस में जागरूकता पैदा करने और विश्वविद्यालय वह उपाय करने के सांसद महिलाओं पर सामाजिक आर्थिक रुप से अधिकतर संपन्न बनाने के लिए कार्यक्रम शामिल हैं |

इनमे से कुछ उपाय निम्नलिखित है:-

गर्भधारण करने से पहले और बाद में लिंग चयन रोकने और प्रसव पूर्व निदान तकनीक नियमित करने के लिए सरकार ने व्यापक कानून का पधानाचाय पूर्व और प्रसव पूर्व निदान लिंकन पर रोक कानून 1994 में लागू किया है इसमें वर्ष 2003 में संशोधन किया गया|सरकारी कानून को प्रभावशाली तरीके से लागू करने में 30 जुलाई और उसने विभिन्न नियमों में संशोधन की है जिसमें गैर पंजीकृत मशीनों को सील करने और उन्हें जब तक करने तथा गैर पंजीकृत क्लीनिकों में दंडित करने का प्रावधान है वो टेबल अल्ट्रासाउंड उपकरण का इस्तेमाल का नियमन केवल पंजीकृत परिसर के भीतर अधिसूचित किया गया इस के तहत कोई भी मेडिकल प्रेक्टिशनर एक जिले के भीतर अधिकतम 2 अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर ही अल्ट्रासोनोग्राफी कर सकता है साथ ही पंजीकरण शुल्क अभी बनाया गया|स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों से आग्रह किया गया है कि वह अधिनियम को मजबूती से कार्यनीति करें और गैरकानूनी रूप से लिंग पता लगाने के तरीके को रोकने के लिए कदम उठाएं|बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत सभी राज्यों के मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे लिंग अनुपात की प्रवृत्ति को लड़ते हैं और शिक्षा पर बालिकाओं की अनदेखी की प्रवृति पर रोक लगाएं|स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्य और संघ राज्य क्षेत्रों में कहा कि वह इस कानून को गंभीरता से लागू करने पर अधिकतम ध्यान दें|पीएनडीटी कानून के अंतर्गत केंद्रीय निगरानी बोर्ड का गठन किया गया और इसकी नियमित बैठक कराई गई|वेबसाइट ओपन लिंग चयन के विज्ञापन रोकने के लिए यह मामला संचार है उस सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के समक्ष उठाया गया हाल ही में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सर्च इंजन गूगल को लिंग जांच से संबंधित सभी विज्ञापन हटाने का निर्देश दिया था|बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत राष्ट्र निरीक्षण और निगरानी समिति का पुनर्गठन किया गया और अल्ट्रासाउंड संबंधी सेवा समिति बिहार छत्तीसगढ़ दिल्ली हरियाणा मध्य प्रदेश पंजाब उत्तराखंड राजस्थान गुजरात और उत्तर प्रदेश में निगरानी का कार्य किया गया|राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कानून के कार्यान्वयन के लिए सरकार सूचना शिक्षा और संचार अभियान के लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता दे रही है|राज्य को सलाह दी गई की कन्या भ्रूण हत्या के कारणों का पता लगाने के लिए कम लिंग अनुपात वाले जिले ब्लॉकों काम पर विशेष ध्यान दें उपयुक्त व्यवहार परिवर्तन संपर्क अभियान तरह तैयार करें और पीसी एंड पीएनडीटी कानून के प्रावधानों को प्रभावशाली तरीके से लागू करें|धार्मिक नेता और महिलाएं लिंग अनुपात और लड़कियों के साथ भेदभाव के खिलाफ चलाए जा रहे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में शामिल हो|बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के साथ ही इस विषय को अधिक व्यापक बनाने के लिए से शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना आवश्यक है आने वाली पूरी पीढ़ी तभी शिष्य के प्रति संवेदनशील हो पाएगी जब बचपन से ही उसे यह शिक्षा दी जाए|
brainy do not allow more than 5000 words so I have you little

vandy5: thanks yaaar..
shrinidhi6785: welcome yaar ...
Answered by Mandar17
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२२ जानेवारी २०१५ रोजी बेटी बचाओ बेटी पढाओ हि योजना केंद्रातील नरेंद्र मोदी शासनाने सुरु केली. ह्या मागचा उद्देश चिमुकल्या मुलींना काही रूढीवादी जल्लादांचा तावडीतून मुक्त करून त्यांना शाळेत शिक्षण देऊन प्रगतीच्या मुख्य सरीत आणणे हे आहे. कित्येक अडाणी लोकांना मुली हा दुसऱ्याचा धन त्याला वाढविण्यात काय फायदा अशी गैरसमज आहे. मुली शिकून काय करतील शेवटी त्यांना चूल आणि मुलं हेच सांभाळायची आहेत, असे मत आहेत.  

ह्या रूढी मताला आणि अडाणी विचारांना मात करून जास्तीत जास्त मुली पालकांनी शाळेत पाठवावीत म्हणून बेटी बचाओ बेटी पढाओ हि मोहीम १०० कोटीच्या अर्थसंकल्पनाशी २०१५ ला भारत शासनाने राबविली. आज मुलींचे प्रमाण मुलांपेक्षा खूप कमी झाले आहे. त्यासाठी भ्रूणहत्या हे महापाप कारणीभूत ठरले आहे. ते नष्ट व्हावे आणि कोणत्याही पालकाने आपल्या मुलीस भार समजू नये आणि मुलींच्या माध्यमातून राष्ट्र घडविण्यास त्यांना शाळेत पाठवून आपली आणि समाजाची कायापालट करून घ्यावी ह्यासाठी शासनाणे चालविलेली योजना म्हणजे बेटी बचाओ, बेटी पढाओ. चला आपण संकल्प करूया बेटी बचाओ बेटी पढाओ ह्या योजनेला आपण अर्थपूर्ण आणि यशस्वी बनविण्यास सिंहाची कामगिरी करूया.

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