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Answers
On 8 November 2016, the Government of India announced the demonetisation of all ₹500 and ₹1000 banknotes of the Mahatma Gandhi Series.[2] The government claimed that the action would curtail the shadow economy and crack down on the use of illicit and counterfeit cash to fund illegal activity and terrorism.[3][4] The sudden nature of the announcement and the prolonged cash shortages in the weeks that followed created significant disruption throughout the economy, threatening economic output.[5][6][7]
Indian Prime Minister Narendra Modi announced the demonetisation in an unscheduled live televised address at 20:00 Indian Standard Time (IST) on 8 November.[8][9] In the announcement, PM Modi declared that use of all ₹500 and ₹1000 banknotes of the Mahatma Gandhi Series would be invalid past midnight, and announced the issuance of new ₹500 and ₹2000 banknotes of the Mahatma Gandhi New Series in exchange for the old banknotes.
The BSE SENSEX and NIFTY 50 stock indices fell over 6 percent on the day after the announcement.[10] In the days following the demonetisation, the country faced severe cash shortages with severe detrimental effects across the economy.[11][12][13] People seeking to exchange their bank notes had to stand in lengthy queues, and several deaths were linked to the rush to exchange cash.[14][15]
Initially, the move received support from several bankers as well as from some international commentators. The move has also been criticised as poorly planned and unfair, and was met with protests, litigation, and strikes against the government in several places across India. Debates also took place concerning the move in both houses of parliament.[16][17][18][19] The move reduced the country's industrial production and its GDP growth rate[citation needed].
By the end of August 2017, 99% of the banned currency had been deposited in banks: only approximately ₹14,000 crore of the total demonetised currency had been discarded, leading analysts to state that the effort had failed to remove black money from the economy.[20][21] In June 2018, Reuters reported that all the farmers they had spoken to in Uttar Pradesh and Madhya Pradesh said that demonetization had made things worse for them.[22]
Answer:
ग्रीष्म ऋतु साल का सबसे गर्म मौसम है, हालांकि लंबी छुट्टी के कारण बच्चे इसका बहुत आनंद लेते हैं। यह उनके लिए बहुत ही रोचक और मनोरंजक मौसम है क्योंकि उन्हें तैराकी, पहाड़ी क्षेत्रों का आनंद लेने, आइसक्रीम और उनके पसंदीदा फल खाने का मौका मिलता है। वे ग्रीष्मकालीन छुट्टियों के दौरान लंबे समय तक स्कूल बंद होने का भी आनंद लेते हैं।
गर्मी की छुट्टी पर बड़े तथा छोटे निबंध (Long and Short Essay on Summer Vacation in Hindi)निबंध 1 (300 शब्द)
प्रस्तावना
ग्रीष्मकालीन समय बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण समय होता है। यह उनके लिए काफी खुशी और मनोरंजन का समय होता है। इन छुट्टियों में बच्चे वो सब कर सकते है जिसमें वे रुचि रखते हैं। वे छुट्टियों के माध्यम से अपने माता-पिता, सबसे अच्छे दोस्त, पड़ोसियों आदि के साथ आनंद ले सकते हैं।
गर्मी की छुट्टी की आवश्यकता
गर्मी की छुट्टियों आमतौर पर छात्रों के जीवन की सबसे खुशी भरी अवधि होती है। यह उनके लिए बहुत मायने रखता है क्योंकि उन्हें कुछ समय अपने दैनिक स्कूल कार्यक्रमों से आराम करने का समय मिलता है। गर्मी की छुट्टियों की अवधि हर वर्ष गर्मियों के मौसम में 45 दिनों की कर दी गयी है। यह हर साल मई के महीने के तीसरे सप्ताह से शुरू होती है और जून महीने के आखिरी सप्ताह के आखिरी दिन समाप्त होती है।
इसका उद्देश्य ग्रीष्मकाल में गर्मी की छूटियों में गर्मी से आराम पाने के साथ-साथ और भी कई महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं, इससे छात्रों को अंतिम परीक्षा के बाद एक लंबा ब्रेक मिल जाता हैं। वार्षिक परीक्षाओं के खत्म होने के बाद छात्र थका हुए महसूस करते हैं और अध्ययन में रुचि नहीं लेते इसलिए, उन्हें अध्ययन के लंबे एक वर्ष बाद अपने स्वास्थ्य एवं व्यवहार्यता को फिर से सुधारने के लिए आराम की आवश्यकता होती है।
गर्मी की छुट्टियां
गर्मी की छुट्टियां हर साल मेरे लिए काफी खुशी का समय होता है और यह मुझे मनोरंजक छुट्टियां बिताने तथा प्रियजनों से मिलने के लिए पर्याप्त समय देता है। गर्मियों की छुट्टियों का आनंद लेने के पश्चात मैं 1 जून को अपने शहर वापस लौटूंगा। मेरे माता-पिता ने गर्मियों की छुट्टी के दौरान हमारे विदेश दौरे की भी योजना बनाई है। हम एक सप्ताह तक आराम करेंगे और फिर 8 जून को दो सप्ताह के लिए सिंगापुर चले जाएंगे। हम 22 जून को वापस आ जाएंगे और छुट्टियों के होमवर्क को गंभीरता से शुरू करेंगे।
निष्कर्ष
गर्मी की छुट्टियों का एक अन्य उद्देश्य छात्रों को गर्मी के मौसम की असहनीय गर्मी से थोड़ा आराम दिलाना है। अत्यधिक गर्मी हमारे स्वास्थ को काफी नुकसान पहुंचा सकती हैं, इसलिए गर्मी की छुट्टियां उन्हें अध्ययन और गर्मी से ब्रेक देने का सबसे अच्छा विकल्प है। इसका उद्देश्य छात्रों को कमजोर विषयों में रिकवर होने में मदद करना है। गर्मी की छुट्टियों के दौरान, छात्रों को नए स्थानों पर जाने, उनके सामान्य ज्ञान को बढ़ाने, स्कूल के प्रोजेक्ट वर्क के लिए समय प्राप्त करने का भी अवसर मिलता है।